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देहदानियों का 52 वां उत्सव

फरीदाबाद क्षेत्र में दधीचि देहदान समिति द्वारा देहदानियों का 52वां उत्सव, एनएच-3 स्थित ई.एस.आई.सी. चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल में 07 जनवरी 2024 को मनाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गत वर्ष के देह, अंगदानी परिवारों को सम्मानित करना व देह, अंग और नेत्रदान के प्रति समाज में जागरूकता उत्पन्न करना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ समिति की उपाध्यक्षा श्रीमती मंजू प्रभा द्वारा ‘जिवेद शरद शतम’ के मंत्रोच्चारण से किया गया। तत्पश्चात विशिष्ट अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। सर्वप्रथम ई.एस.आई.सी. चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल, फरीदाबाद के छात्रों ने लघु नाटिका द्वारा सभी को अंगदान/देहदान के महत्व से अवगत करवाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रोफ़ेसर डॉक्टर महेश वर्मा (कुलपति, गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली) ने देह, अंगदान के धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए इसके बहु आयामी महत्व को बताया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष एवं दधीचि देहदान समिति के संस्थापक एवं संरक्षक श्री आलोक कुमार जी ने सभी को संस्था की गतिविधियों से अवगत कराया और अंगदान/देहदान के महत्व पर प्रकाश डाला व धार्मिक महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि देहदान का संकल्प सबसे पुण्य का कार्य है एवं इस कार्य से हम कई लोगों को नया जीवन दे सकते हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री रमेश गुप्ता ने भी सभा को सम्बोधित किया। आचार्य डॉक्टर हरिओम शास्त्री (वैदिक प्रवक्ता, फरीदाबाद) ने अंगदान/देहदान से जुड़ी दुविधाओं को कैसे दूर किया जाए, इस बारे में विस्तार से बताया। डॉक्टर असीम दास (डीन, ई.एस.आई.मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद) ने अपने संबोधन में पधारे हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। श्रीमती अर्चना गोयल व सरोज जी द्वारा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन’ मंत्र प्रस्तुत किया गया। उत्सव के अंत में उत्सव संयोजक श्री विकास भाटिया द्वारा सभी अतिथियों, संकल्पकर्ताओ, मीडियाकर्मियों, अन्य एन.जी.ओ. से आए हुए पदाधिकारियों व समिति कार्यकर्ताओं, विशेष रूप से समिति के अन्य क्षेत्रों से आए कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया गया। और अन्त में इस कार्यक्रम को पूर्ण सुनियोजित ढंग से संपूर्ण करने के लिए ई.एस.आई. चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल, फरीदाबाद द्वारा दिए गए भरपूर सहयोग के लिए महाविद्यालय के डीन महोदय, वरिष्ठ पदाधिकारियों व स्टाफ को हार्दिक धन्यवाद दिया गया।

उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में ई.एस.आई. मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नेत्र बैंक की भी स्थापना की गई। तत्पश्चात् वहाँ नेत्रनिकास के साथ-साथ नेत्र-प्रत्यारोपण की सुविधा भी आरंभ की गई। अस्पताल के नेत्र बैंक में सबसे पहले नेत्रदान का श्रेय भी दधीचि देहदान समिति को प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त नेत्र बैंक में 10 अन्य नेत्रदानियों से भी इस अमूल्य दान का संग्रह हुआ। विशिष्ट अतिथियों के द्वारा इन नेत्रदान परिवारों को भी ई.एस.आई.सी. चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल की ओर से विशेष सम्मान पत्र भेंट किए गए।

समिति की ओर से गत वर्ष के दो देहदानी परिवारों को व छः नेत्रदानी परिवारों को विशेष रूप से इस उत्सव में आमंत्रित किया गया था। इन परिवारों को आए हुए विशिष्ट अतिथियों द्वारा मंच पर विशेष सम्मान चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया किया। इसके अतिरिक्त उत्सव में सम्मिलित हुए लगभग 60 संकल्प कर्ताओं को जिन्होंने इस चालू वर्ष में देह,अंगदान अथवा नेत्रदान का संकल्प लिया, उनको भी सर्टिफिकेट वितरित किए गए। मंच पर विशेष रूप से डॉक्टर जितेंद्र कुमार (विभागाध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी) एवं उनके सहयोगी डॉक्टर निशांत जिन्होंने हाल में ही ई.एस.आई. अस्पताल का प्रथम गुर्दा प्रत्यारोपण का सफल ऑपरेशन किया, उन्हें भी इस विशेष उपलब्धि के लिए डीन महोदय द्वारा सम्मानित किया गया। किडनी डोनर, श्रीमती कुसुम देवी एवं किडनी प्राप्तकर्ता, उनके सुपुत्र श्री विपिन कुमार को भी मंच पर आमंत्रित किया गया। श्रीमती कुसुम देवी ने अपने हृदय के उद्गार सभी श्रोताओं से साझा किए। कार्यक्रम में लगभग तीन सौ लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। 20 लोगों ने कार्यक्रम के मध्य ही संकल्प पत्र भरे। समिति व समस्त मानव समाज की ओर से, मंच के माध्यम से इन सबका आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी ने राष्ट्रगान गाया और भारत माता की जय का उद्घोष किया। दधीचि देहदान समिति फरीदाबाद क्षेत्र के संयोजक राजीव गोयल जी का स्वागत सभी ने खड़े होकर तालियों के साथ किया। ई.एस.आई.सी. चिकित्सा महाविद्यालय के 20 छात्रों को भी कार्यक्रम में विशेष सहयोग के लिए समिति द्वारा प्रमाण पत्र दिए गए।