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श्रद्धा सुमन

श्रीमती आसी देवी

श्रीमती आसी देवी 99 वर्ष की आयु में 15 फरवरी, 2018 को परलोक सिधार गईं। वह मोती नगर में रहती थीं। छोटी आयु में पति की मृत्यु हो जाने के कारण सारे परिवार का दायित्व उन पर था। संयुक्त परिवार में रहते हुए उन्होंने अपनी सारी ज़िम्मेदारियों को कुशलता से पूरा किया। वह नियमित रूप से मन्दिर जाती थीं। लंगर में सेवा करना उनका शौक था। उनके पौत्र ने बताया कि हमारी समिति के कार्यकर्ता श्री अजय भाटिया ने उन्हें नेत्र दान करने के लिए प्रेरित किया था। परिवार में सबकी सहमति से स्वर्गीय आसी देवी के नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) को दान में दिए गए। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें ऐसी दधीचि परिवार की सविनय प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र - पौत्र श्री लकी खुराना, 9953855757।

श्री विनोद चोपड़ा

श्री विनोद चोपड़ा का 78 वर्ष की आयु में 25 फरवरी, 2018 को देहान्त हो गया। वह नोएडा में रहते थे। परिवारजनों ने मरणोपरान्त उनकी देह मेडिकल काॅलेज को देने का प्रेरक निर्णय लिया। भाई महावीर मेडिकल काॅलेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए स्वर्गीय चोपड़ा का मृत शरीर दान कर दिया गया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) की टीम द्वारा उनके नेत्र ससम्मान दान में लिए गए। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री विशाल, 8800537811।

श्रीमती उर्मिल डोगरा

श्रीमती उर्मिल डोगरा का 81 वर्ष की आयु में देहान्त हुआ। वह पीतमपुरा में रहती थीं। 3 मई, 2018 को हुई उनकी मृत्यु के पश्चात परिवारजनों ने उनके नेत्र दान का निर्णय लेकर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

श्रीमती गुरमीत कौर

श्रीमती गुरमीत कौर का 3 मई, 2018 को निधन हो गया। उनकी उम्र 86 वर्ष थी। वह हरि नगर में रहती थीं। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि वह खूब मेहनती महिला थीं। उनकी सोच थी कि परिवार ठीक तो समाज अपने आप ठीक। परिवारजनों का साधुवाद, जिन्होंने उनके देहावसान के बाद उनके नेत्र दान व देह दान का निर्णय लिया। चिकित्सा शास्त्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए उनका मृत शरीर वर्धमान मेडिकल काॅलेज को दान कर दिया गया। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर द्वारा ससम्मान दान में ली गईं। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की सादर श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री परमजीत सिंह, 9213856676।

श्रीमती विद्या देवी गुप्ता

श्रीमती विद्या देवी गुप्ता का 72 वर्ष आयु में 7 मई, 2018 को निधन हो गया। धार्मिक व सरल स्वभाव की महिला होने के नाते एवं उनके द्वारा लगातार किए जाने वाले सेवा कार्योंं की वजह से उन्हें समाज में एक विशेष सम्मान प्राप्त था। स्वस्थ जीवन के प्रति वह स्वयं सचेत रहती थीं और कई अन्य दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी रहीं। सभी पारिवारिक व सामाजिक कार्यों में उनका सहज और समग्र योगदान विशेष उल्लेखनीय है। फरीदाबाद के सेक्टर 29 निवासी उनके अन्य सभी परिवारजनों ने भी नेत्र दान का संकल्प लिया हुआ है। मरणोपरान्त श्रीमती विद्या देवी के नेत्र ससम्मान वेणु आई सेन्टर की टीम लेकर गई। मानवता के लिए इस दान को क्रियान्वित कराने हेतु परिवारजनों का साधुवाद। दधीचि परिवार की दिवंगत आत्मा के लिए सादर श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री धर्मेन्द्र कुमार, 9350036474।

श्रीमती भगवती पेडीवाल

श्रीमती भगवती पेडीवाल का 78 वर्ष की आयु में 17 मई, 2018 को फरीदाबाद में निधन हुआ। उनका जन्म राजस्थान के नोहर कस्बे में हुआ था। वह बेहद धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। प्रातः साढ़े तीन बजे उठ कर पूजा-पाठ में लीन हो जाती थीं। दान-धर्म में तत्पर रहती थीं। उम्र के इस पढ़ाव में भी गृहस्थी के कार्यों में परिवार का पूरा सहयोग देती थीं। मृत्यु के दिन दधीचि देह दान समिति से जुड़े लोगों से नेत्र दान की जानकारी मिली। तत्पश्चात उनके पुत्रों श्री श्याम व श्री सतीश एवं बहुओं श्रीमती सुनीता व श्रीमती पद्मा ने उनके नेत्र दान करवाने का निश्चय किया। मानवता की सेवार्थ इस पुनीत कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। स्वर्गीय भगवती के नेत्र वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान लेकर गई। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री श्याम सुन्दर, 9810027022।

श्रीमती सरूपी देवी

श्रीमती सरूपी देवी ने 95 वर्ष की आयु में 21 मई, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह करारा, रोहिणी में रहती थीं। परिवार में फोन से बात करने पर पता चला कि वह एक घरेलू व सबसे स्नेह रखने वाली महिला थीं। परिवारजनों के लिए वह प्रेरणा स्रोत थीं। मरणोपरान्त उनके नेत्र दान का एक प्रेरक निर्णय लेने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। मानवता की सेवार्थ उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।

सम्पर्क सूत्र -पुत्र श्री राज दीक्षित, 9213434432।

श्री राजेन्द्र चोपड़ा

रोहिणी निवासी श्री राजेन्द्र चोपड़ा 26 मई, 2018 को दिवंगत हो गए। वह 82 वर्ष के थे। रिटायरमेन्ट के बाद उन्होंने घर के पास वाले शिव मन्दिर में जाने का नियम बना लिया था और वहां की गतिविधियों में सक्रिय भी रहते थे। सुबह-शाम पार्क में जाना व कभी-कभी गुरुद्वारे चले जाना उनकी दिनचर्या का एक सामान्य हिस्सा था। उनके शरीर छोड़ने के बाद परिवार ने उनके नेत्र दान कराने का निर्णय करके समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवारजनों का साधुवाद। स्वर्गीय राजेन्द्र चोपड़ा के नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री राजीव चोपड़ा, 9811018156।

श्री हीरा वल्लभ उप्रेती

श्री हीरा वल्लभ उप्रेती का 90 वर्ष की आयु में 4 जून, 2018 को देहावसान हो गया। वह सीलमपुर में रहते थे। उनके पुत्र के शब्दों में:-

Pujya Bapuji, Pandit Hira Ballabh born on 20.10.1932, at a village Manan, District Almora, UK. He did his education there in the village. He came to Delhi for a job during the period of Independence. He worked in post office about 40 years.

He was a thorough gentleman, thinking welfare of society, his thought was that the human must work for the welfare of nature and society during his life and after the life also.

उनके विचारों का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने उनके नेत्र दान का प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर की टीम द्वारा उनके नेत्र लिए गए। परिवारजनों को नमन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें - ऐसी दधीचि परिवार की प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री मोहन उप्रेती, 9910660660।

श्री कृष्ण लाल नरूला

श्री कृष्ण लाल नरूला 78 वर्ष की आयु में 16 जून, 2018 को परलोक सिधार गए। वह रोहिणी में रहते थे। उनका परिवार राधास्वामी सत्संग व्यास में अत्यंत श्रद्धा रखने वाला है। उनके पुत्र के शब्दों में:-

He taught us how to live a simple spiritual life, to be happy and be always grateful to God, work hard and do the best work in your field. He was a positive man, was a good host, a creative man, lively, honest and loved his friends, family and workers.

He always used to think out of his box and was famous for his creative ideas.

And spirituality inspired him to donate his body that in someways he could be useful to someone.

He was born in August 1944. He was the fifth child of his parents, born in Kasur in family grains trader. During 1947 partition, family had to move to India, because of this he was raised in a tough way. He did small businesses from childhood. My dad was married to our mother Urmil on 10 September, 1970 and had three kids Manisha, Rakshit and Neetu.

He started his first successful small business of cosmetics in 1976. Made brands like lily, oxford, mini lipsticks. He was honest in his business dealings and was loved by his workers. He loved to cook and serve others.

परिवारजनों ने एक प्रेरक निर्णय लेकर उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर में दान किए। मानवता की सेवा के लिए उनकी मृत देह आर्मी मेडिकल काॅलेज को ससम्मान दान में दी गई। परिवजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री रक्षित नरूला, 9810164151।

श्रीमती चन्द्रकांता आर्या

श्रीमती चन्द्रकांता आर्या का 80 वर्ष की आयु में 18 जून, 2018 को देहान्त हो गया। वह शिवाजी नगर, गुरुग्राम में रहती थीं। उन्होंने अपने जीवनकाल में ही अपने नेत्र दान का संकल्प लिया था। उनका काॅर्निया निरामया आई बैंक की मेडिकल टीम को सूचना देकर सौंप दिया गया। स्वर्गीय चन्द्रकांता समाजसेवी थीं। वह घर-घर जाकर नेत्र दान के लिए जागरूकता का काम करती थीं। आई बैंक और नेत्र दान से जुड़े संगठनों ने उन्हें ‘दृष्टि दूत’ की उपाधि दी थी। इसी साल फरवरी के महीने में आर्यसमाजी व्यवसायी श्री कन्हैयालाल की माता यमुनादेवी का निधन हुआ था। उनके परिवार ने दधीचि देह दान समिति के सौजन्य से उनका देह दान कराया था। पड़ोस की इस घटना से प्रेरणा लेकर उन्होंने देह दान का संकल्प लिया था। उनके परिवारजनों ने उनके इस संकल्प का सम्मान करते हुए उनका शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज को दान में दे दिया। चिकित्सा शास्त्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए किए गए इस अमूल्य दान के लिए परिवार का अभिवादन। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार श्रद्धासहित नमन करता है।

सम्पर्क सूत्र -पुत्र श्री दिनेश कुमार आर्य, 9911197071।

श्री चिराग

श्री चिराग की 24 वर्ष की अल्पायु में ही 21 जून, 2018 को मृत्यु हो गई। परिवारजनों की हिम्मत है कि दुःख की उस घड़ी में भी वो नेत्र दान का साहसिक व प्रेरक निर्णय ले पाए। उनकी आंखें सफदरजंग अस्पताल में दान की गईं। दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा के लिए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

सम्पर्क सूत्र - पारिवारिक मित्र श्री कपिल, 9213850244।

श्री कुंवर प्रसाद अरोड़ा

श्री कुंवर प्रसाद अरोड़ा का 83 वर्ष की आयु में 23 जून, 2018 को देहान्त हो गया। वह शकरपुर में रहते थे। चिकित्सा शास्त्र में स्नातक की डिग्री लेकर उन्होंने डी. फार्मा का कोर्स किया और उत्तर प्रदेश सरकार में 25 साल अपनी सेवाएं दीं। उनका मुख्य कार्य बीमार पशुओं का इलाज करना था। रिटायरमेन्ट के बाद होम्योपैथी की पढ़ाई करके प्रेक्टिस शुरू की। अत्यन्त सेवाभावी सज्जन थे। उनकी बेटी ने बताया कि अधिकांशतः वह निःशुल्क ही दवाई दिया करते थे। एक सरल जीवन जीने वाले आत्मनिर्भर व्यक्ति थे। सन् 2012 में स्वर्गीय गोपाल कृष्ण जी; मुगली घुट्टी की देह दान से प्रेरणा लेकर तभी उन्होंने दधीचि देह दान समिति में अपना संकल्प पत्र भर दिया था। उनकी दोनों बेटियों ने उनकी इच्छानुसार मानवता की सेवार्थ उनकी मृत देह यू.सी.एम.एस. को दान में दे दी। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर की टीम द्वारा ली गईं। इस दान के क्रियान्वयन के लिए उनकी दोनों बेटियों का साधुवाद।
दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती शिवानी अरोड़ा, 9818099327।

श्रीमती सुलक्षणा

श्रीमती सुलक्षणा, 75 वर्ष की आयु में 25 जून, 2018 को दिवंगत हो गईं। वह विकासपुरी में रहती थीं। सन् 1960 में लखनउ यूनिवर्सिटी के हाॅस्टल में रह कर उनकी स्नातक की पढ़ाई हुई। समाज के रूढ़िवादी विचारों को नकारते हुए वह बेटियों की शिक्षा के लिए हमेशा सचेत रहती थीं।परिवार को जोड़ कर रखने में सजग रहती थीं। आशावादी विचारों वाली महिला थीं। उनके पुत्र ने बहुत गर्व से बताया कि कैसी भी परिस्थिति आने पर वह सहज भाव से कहती थीं ‘कुछ अच्छे के लिए ही हुआ है’। गुरु ग्रन्थ साहिब पढ़ना उनकी नियमित चर्या थी। ‘व्यक्ति शक्ल से नहीं कर्मों से सुन्दर बनता है’ - यह उनका प्रिय वाक्य था, जिसे वह बार-बार अपने बच्चों के सामने बोलती थीं। देह दान का निर्णय उनका अपना था। उनके संस्कारों का ही परिणाम है कि उनके परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए एम्स में उनका देह दान कर दिया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह एक अमूल्य भेंट है। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनकी आंखें दान में लेकर गई। परिवारजनों का हम अभिनन्दन करते हैं।ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी विनम्र श्रद्धांजलि है।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री संजीव छाबड़ा, 9811016254।

श्री नरेश चन्द्र

श्री नरेश चन्द्र का 21 जून, 2018 को देहान्त हुआ। वह डीएलएफ, गुड़गांव में रहते थे। वह 86 वर्ष के थे। उनके निकट परिवारजनों ने उनका मृत शरीर चिकित्साशास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए दान में देने का एक प्रशंसनीय निर्णय लिया। स्वर्गीय नरेश की देह मौलाना आज़ाद मेडिकल काॅलेज ने ससम्मान दान में स्वीकार की। इस प्रेरक कार्य के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती विनीता, 9810228637।

श्री तरसेम कुमार जैन

श्री तरसेम कुमार जैन का 72 की आयु में 25 जून, 2018 को देहान्त हो गया। वह जनकपुरी में रहते थे। वह जैन धर्म के अनुसार जीवन चलाने वाले नरम दिल व्यक्ति थे। वह नियमित पूजा-पाठ करते थे व दान करने में हमेशा तत्पर रहते थे। संतोषी स्वभाव व नियमित जीवन का ही परिणाम था कि हर समय वह मस्त रहते थे। कर्मशील जीवन था। देह दान के अपने संकल्प के विषय में परिवार में बताया हुआ था। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि उनके पिता के इस दान से प्रेरणा लेकर आस-पास के समाज में इस विषय पर ज़ोरों से चर्चा शुरू हुई है और लोग आगे आने की इच्छा प्रकट कर रहे हैं। आर्मी मेडिकल काॅलेज की टीम ससम्मान उनकी देह दान में लेकर गई। दान के क्रियान्वयन के लिए परिवारजनों का अभिवादन। दधीचि देह दान समिति की ओर से दिवंगत आत्मा को सादर श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री नरेन्द्र, 9313107096।