Home
Print
Next
Previous

श्रद्धा सुमन

श्रीमती शांति देवी
कांति नगर निवासी श्रीमती शांति देवी का 7 मार्च, 2017 को निधन हुआ। वह 84 वर्ष की थीं। उनके पुत्र डाॅ. शशि प्रकाश से बात होने पर पता चला कि उनकी माता जी की सोच बहुत व्यावहारिक थी। वह एक सुलझी हुई महिला थीं। सामाजिक कुरीतियों का इनके घर में कोई स्थान नहीं था। इन्होंने स्वयं अपने नेत्र दान की इच्छा प्रकट की थी। परिवार के आत्मीयजनों का साधुवाद, जिन्होंने उनकी इच्छा का सम्मान किया। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर, एम्स को दान की गईं। सुख-दुःख में हरेक के काम आने वाला व्यक्तित्व मर कर भी मानवता के काम आ गया। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की ओर से सादर श्रद्धासुमन। सम्पर्क सूत्र - पुत्र डाॅ. शशि प्रकाश शर्मा, फोन 9868615647।

श्री जयराम सोलंकी
श्री जयराम सोलंकी 14 मार्च 2017 को परलोक सिधार गए। वह 75 वर्ष के थे। कर्मपुरा में रहते थे। क्षत्रीय महासभा से वह सक्रियता से जुड़े हुए थे। उन्होंने अपना जीवन खूब मस्ती से बिताया। अपने जीवन काल में ही उन्होंने अपने नेत्र दान का संकल्प ले लिया था। दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ता श्री अतुल भाटिया ने तत्परता से इस दान को सम्पन्न कराया। मरणोपरांत उनके नेत्र गुरु नानक आई सेंटर में दान किए गए। इस अनुकरणीय कार्य के लिए परिवारजन प्रशंसा के पात्र हैं। मानवता की सेवार्थ किए गए इस पुण्य संकल्प के लिए दिवंगत आत्मा को हमारे शत्-शत् नमन। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। सम्पर्क सू़त्र - पुत्र श्री देवेंद्र सोलंकी, फोन-9212861637।

श्री विट्ठल भाई पांचाल
अशोक एन्क्लेव, पीरागढ़ी निवासी श्री विट्ठल भाई पांचाल का 17 मार्च, 2017 को देहांत हुआ। वह 86 वर्ष के थे। उनके पुत्र से बात करने पर उनके कर्मप्रधान जीवन के बारे में पता चला। वह गांधी जी के शिष्य थे और उन्हें कुछ वर्ष गांधी जी के साथ रहने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ था। राजनीति में रुचि रखते थे और हर काम उन्हें एकदम सही तरीके से किया हुआ पसंद था। क्रोधी स्वभाव के स्वर्गीय विट्ठल जी अपने सिद्धांतों के पक्के थे। वह काली मां की पूजा करते थे। ऐसे व्यक्तित्व के धनी श्री पांचाल का शरीर मरणोपरांत भाई वर्धमान मेडिकल काॅलेज में चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए दान में दिया गया। उनकी आंखें वेणु आई सेंटर में दी गईं। इस प्रेरणादायक कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री महेश पांचाल, फोन-986875584।

श्रीमती छन्नी माई
एन.आई.टी., फरीदाबाद निवासी श्रीमती छन्नी माई का देहांत 92 वर्ष की आयु में 23 मार्च, 2017 को हुआ। वह राधास्वामी सत्संग परम्परा से जुड़ी हुई थीं। वहीं पर उन्होंने देह दान की इच्छा भी व्यक्त की हुई थीं। उनके पुत्र ने सामाजिक सहयोग से उनकी इच्छा को क्रियान्वित किया। चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छा़त्रों के उपयोग हेतु इस महादान के लिए परिवारजनों का साधुवाद। दधीचि देह दान समिति के फरीदाबाद क्षेत्र के संयोजक श्री राजीव गोयल इस प्रेरक कार्य में एम्स तक परिवार के सहयोगी बने। श्रीमती छन्नी माई की आंखें भी एम्स के राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान की गईं। पुण्यात्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री रमेश भाटिया, फोन-9811006373

श्री मनजीत सिंह
श्री मनजीत सिंह का 62 वर्ष की आयु में 23 मार्च, 2017 को देहांत हुआ। वह सरस्वती गार्डन में रहते थे। अपनी कालोनी के गुरुद्वारे में वह नियमित सेवा देते थे। उनके पुत्र ने बताया कि वह कहा करते थे- किसी के काम जो भी आ सके वही अच्छा। उनकी इसी सोच का व्यावहारिक पक्ष परिवार ने समाज के सामने रखा। उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान की गईं। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - यही समिति परिवार की प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री वरिन्दर, फोन-9811381137।

श्री रतीश मोहन वैश्य
दिल्ली में अब तक का पहला त्वचा दान 30 मार्च, 2017 को सफ़दरजंग अस्पताल में हुआ। केशवपुरम निवासी श्री रतीश मोहन वैश्य का 85 वर्ष की आयु में देहांत हुआ। सफ़दरजंग मेडिकल काॅलेज में उनका देह दान करने से पहले उनकी त्वचा का दान किया गया। उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर को दान में दी गईं। निकटतम संबंधियों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में हमारी विनती। सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती नीना अग्रवाल, फोन-9811734968

श्रीमती फूलवती गोयल
श्रीमती फूलवती गोयल का 10 अप्रैल, 2017 को देहांत हो गया। उनकी आयु 85 वर्ष थी। वह अशोक विहार में रहती थीं। मरणोपरांत उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान की गईं। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में हमारी विनम्र प्रार्थना। सम्पर्क सूत्र - श्री गोपाल गोयल, फोन-9810157736।

श्री शेर सिंह शर्मा
श्री शेर सिंह शर्मा 67 वर्ष आयु में 14 अप्रैल, 2017 को परलोकगामी हुए। वह न्यू मोती नगर में रहते थे। उनके पुत्र ने बहुत भावुक होकर बताया कि समाज में उनकी सक्रिय सामाजिक सहभागिता ने उन्हें एक ऐसे प्रामाणिक स्थान पर पहुंचा दिया था कि आज आस-पास का हर व्यक्ति उनकी कमी का अहसास कर रहा है। वह समय के अनुरूप एक ऊंची समझ रखते थे। उनके विचारों की परिपक्वता के कारण सब उन्हें अपना-सा समझते थे और वह सबकी हर सम्भव मदद के लिए तत्पर रहते थे। समाजोपयोगी कार्यों में लगे रहते थे। अपनी देह दान का संकल्प तो लिया ही और लोगों को भी प्रेरणा देते रहते थे। अपने परिवार व मित्रों में से कई का उन्होंने मरणोपरांत देह दान भी सम्पन्न करवाया था। मानव सेवार्थ उनकी स्वयं की इस सदिच्छा का सम्मान रखने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए उनकी देह सफ़दरजंग मेडिकल काॅलेज को दान में दी गई। दिवंगत पुण्यात्मा के लिए दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री नीरज शर्मा, फोन-9540997774।

श्रीमती नरेन्द्र कौर
विकासपुरी निवासी श्रीमती नरेन्द्र कौर का 15 अप्रैल, 2017 को देहावसान हुआ। वह 81 वर्ष की थीं। इंग्लिश लिट्रेचर (अंग्रेजी साहित्य) में वह ग्रेजुएट (स्नातक) थीं और अपनी योग्यता का उपयोग अपने परिवार को खड़ा करने में किया। सबको अच्छे से पढ़ाई करनी चाहिए-इस बात पर उनका विशेष ज़ोर रहता था। उनके परिवार में सभी बहुत अच्छे सम्मानजनक पदों पर कार्य करते हुए एक क्वालिटी लाइफ बिता रहे हैं। मरणोपरांत उनके निकट संबंधियों ने नेत्र दान को पुण्य कार्य मानते हुए उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान कीं। इस महादान में सहभागी बने दधीचि देह दान समिति के पश्चिमी क्षेत्र के संयोजक श्री रामधन। परिवार को साधुवाद व दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में प्रार्थना। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री ए.एस. चावला, फोन-9811327077।

श्रीमती सरोज जैन
श्रीमती सरोज जैन का 80 वर्ष की उम्र में 23 अप्रैल, 2017 को देहावसान हुआ। वह पहला पुश्ता, उस्मानपुर की निवासी थीं। वह एक धार्मिक महिला थीं और अपनी गृहस्थी में व्यस्त रहती थीं। उनके पुत्र श्री दीपक जैन ने बताया कि अपने अंतिम समय में भी वह जाप कर रही थीं। परिवारजनों ने मानव सेवार्थ उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर को दान में दीं। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की ओर से सविनय श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री दीपक जैन, फोन-9873727400।

श्रीमती विजयलक्ष्मी
पश्चिम विहार निवासी श्रीमती विजयलक्ष्मी का देहांत 25 अप्रैल, 2017 को हुआ। वह 62 वर्ष की थीं। उनकी बेटी यामिनी से बात करने पर पता चला कि वह हर समय हर किसी की सहायता करने को तत्पर रहती थीं। खाना बनाना और खिलाना उनका प्रिय शौक था। दधीचि देह दान समिति की कार्यकर्ता सुश्री वाणी अरोड़ा से उन्हें नेत्र दान की प्रेरणा मिली। कठिन से कठिन परिस्थिति का भी शांति और दृढ़ता से सामना करते हुए कई बार यामिनी ने अपनी मां को देखा। नेत्र रूपी महादान को क्रियान्वित करने का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें यही हमारे समिति परिवार की प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र - पुत्री यामिनी अरोड़ा, फोन 9873374342।