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श्रद्धा सुमन

श्री सतीश चंद शर्मा
चन्द्र लोक, शाहदरा निवासी श्री सतीश चंद शर्मा 6 सितम्बर, 2017 को परलोकवासी हुए। वह 67 वर्ष के थे। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि जब तक वह रिटायर नहीं हुए तब तक उन्होंने अपने विद्यार्थियों की अतिरिक्त सहायता के लिए कभी शुल्क नहीं लिया। उनका मानना था, ‘‘इन्हीं बच्चों को पढ़ाने के लिए तो मुझे तनख्वाह मिलती है।’’ शाहदरा में ’अखिल भारतीय युवा संघ’ के वह संस्थापक सदस्य थे। पूजा-पाठ उनकी दिनचर्या का नियमित हिस्सा था। गौरक्षा के लिए वह कृत संकल्प थे। उन्होंने अपने जीवन काल में ही नेत्र दान का संकल्प ले लिया था। परिवारजनों ने सम्मानपूर्वक उनके नेत्र, दधीचि देह दान समिति के माध्यम से राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान किए। इस महादानी को हमारे शत-शत नमन। दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए समिति परिवार की ईश चरणों में विनती। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री उत्कर्ष गौड़। मो. 9899695544।

श्री पी.डी. पांडे
श्री पी.डी. पांडे ने 80 वर्ष की आयु में शरीर छोडा़। वह यमुना विहार के निवासी थे। मूलतः उत्तराखंड से आया हुआ यह परिवार आरएसएस से जुड़ा है। श्री पांडे सभी सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय व मिलनसार स्वभाव के थे। उन्होंने दधीचि देह दान समिति के माध्यम से देह दान का अपना संकल्प पत्र भरा हुआ था। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए उनका मृत शरीर मरणोपरांत 10 सितम्बर, 2017 को यू.सी.एम.एस (जी.टी.बी.) में दान किया गया। मानवता के लिए किया गया यह एक प्रेरक दान है। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए इस दान को क्रियान्वित करने के लिए परिवानजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - श्री कमल। मो. 9350981411।

श्री मुरारी लाल त्यागी
श्री मुरारी लाल त्यागी ने 88 वर्ष की आयु में परलोकगमन किया। वह गांव हस्तसाल, उत्तम नगर में रहते थे। विष्णु गार्डन से 1967 में उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा और फिर वहीं पर अपना एक स्कूल खोल लिया। सामाजिक रूप सेसक्रिय व सबकी मदद के लिए हरदम तैयार रहते थे। ब्रह्मकुमारी आश्रम में उनकी विशेष रुचि थी। जीवन के अंतिम कुछ वर्ष वह भतीजे के पास रहे। साहित्य में रुचि होने के साथ वह साहित्य सृजन में भी वह लगे रहते थे। उनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं - कड़वा सच, मेरा सुख तेरे हाथ, बदलती लकीरें, मन क्यों उदास है।वह एक साप्ताहिक पत्रिका ‘कल्पांत’ भी निकालते थे। अपने जीवन काल में उन्होंने अपनी देह दान की इच्छा प्रकट की थी। उनके हितैषी परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान किया और 13 सितम्बर, 2017 को दधीचि देह दान समिति के माध्यम से उनका मृत शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज को दान में दे दिया। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर की टीम द्वारा ससम्मान ली गईं। दिवंगत आत्मा को हमारी सादर श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - भतीजा श्री नरेश त्यागी। मो. 9312408413।

श्री रामरूप
श्री रामरूप का 14 सितम्बर, 2017 को निधन हुआ। वह 83 वर्ष के थे। वह करोल बाग में रहते थे। उनके परिवारजनों ने मानवता के कल्याण के लिए उनके नेत्र दान करवाए। गुरु नानक आई सेंटर की टीम ससम्मान उनके नेत्र ले गई। दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दें ऐसी हमारी विनम्र प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सतीश, मो. 9212227620।

श्रीमती शान्ति देवी
ईस्ट पंजाबी बाग निवासी श्रीमती शान्ति देवी का निधन 16 सितम्बर, 2017 को हुआ। वह 85 वर्ष की थीं। राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर की टीम ससम्मान उनके नेत्र लेकर गई। इस महादान को क्रियान्वित करने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। इस महादानी की आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की विनम्र प्रार्थना। सम्पर्क सूत्र -पुत्र श्री पवन गोयल, मो. 9811114982।

श्री बनारसीदास जी
श्री बनारसीदास जी का 70 वर्ष की आयु में 17 अक्टूबर, 2017 को देहावसान हुआ। वह राजीव नगर (रोहिणी के पास) में रहते थे। उनकी बेटी नम्रता ने बताया किवह समाज में सबसे बना कर चलते थे। बात करते समय नम्रता बार-बार भावुक हो रही थी। अधिक बात नहीं कर पाईं। पर, दुःख की उस घड़ी में पिता के नेत्रों के दान का निर्णय उसका अपना था और उसने किसी से भी चर्चा किए बिना यह साहसिक व प्रेरणादायक कार्य किया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में नेत्र दान हुआ। दधीचि परिवार का नम्रता के लिए साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्री सुश्री नम्रता, मो. 9711929824।

श्रीमती विनोद कुमारी
रोहिणी निवासी श्रीमती विनोद कुमारी 20 सितम्बर, 2017 को परलोकवासी हुईं। वह 78 वर्ष की थीं। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि उनकी माताजी ने कोई डिग्री नहीं हासिल की थी पर, हर्बल काॅस्मेटिक फैक्ट्री अकेले चलाती थीं। पढ़े-लिखे सभ्य बच्चों का परिवार खड़ा किया। स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा सजग रहती थीं। उनकी दूरदर्शिता के कारण समाज में उनका विशेष स्थान था। हर्बल उत्पाद के लिए बाबा रामदेव ने 30 मई, 2017 को उन्हें पुरस्कृत किया था। उनके परिश्रमी स्वभाव के आगे उनके परिवारजन नतमस्तक हैं। उन्होंने अपने नेत्र दान की इच्छा पहले से ही परिवारजनों को बता रखी थी। इस महादान का क्रियान्वयन गुरु नानक आई सेंटर की टीम द्वारा ससम्मान किया गया। परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें, ऐसी हमारी प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री भारत भूषण, मो. 9811295484।

श्री रवीन्द्र जैन
श्री रवीन्द्र जैन का 62 वर्ष की आयु में 26 सितम्बर, 2017 को देहावसान हुआ। वह सेक्टर 16, फरीदाबाद में रहते थे। उनके बड़े भाई से बात करने पर पता चला कि वह जैन समाज के धार्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान देते थे। परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए यह महादान सम्पन्न करवाया। दधीचि देह दान समिति के माध्यम से वेणु आई सेंटर की टीम ससम्मान उनके नेत्र ले गई। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्कं सूत्र - भाई श्री जे.के. जैन, मो. 9350314565।

श्रीमती चिनारी लक्ष्मी
श्रीमती चिनारी लक्ष्मी का 77 वर्ष की आयु में 4 अक्टूबर, 2017 को देहांत हो गया। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि 4 महीने पूर्व वह उड़ीसा से इन्दिरापुरम, गाज़ियाबाद आई थींा वहां उनके पति की इच्छानुसार देह दान की गई थी। उसी से प्रेरणा लेकर श्रीमती लक्ष्मी ने भी अपना मन देह दान के लिए तैयार कर लिया था। उनकी मृत्यु के बाद देह दान कैसे हो - इसकी चर्चा होते ही उनके पुत्र के आॅफिस के लोगों ने हमारी संस्था दधीचि देह दान समिति के बारे में जानकारी दी। बिना किसी कठिनाई के यह महादान सम्भव हो गया। श्रीमती लक्ष्मी का मृत शरीर चिकित्सा शास़्त्र की पढ़ाई कर रहे छात्रों के उपयोग के लिए सफदरजंग मेडिकल काॅलेज, दिल्ली भेज दिया गया। मानवता की सेवा की सोच रखने वाले परिवार को हमारा साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सरोज कुमार, मो. 9818679980।

श्रीमती प्रेमलता तिवारी
श्रीमती प्रेमलता तिवारी का 70 वर्ष की आयु में 6 अक्टूबर, 2017 को देहांत हो गया। उनके पुत्र से पता चला कि वह अल्मोड़ा में रहती थीं। स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें हल्द्वानी लाया गया जहां से उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली भेज दिया गया। 5 अक्टूबर, 2017 को वहदिल्ली आईं और 6 अक्टूबर की सुबह उनका देहांत हो गया। उनके पुत्र ने बहुत संतोष भाव से बताया कि उनका देह दान होना था इसीलिए वह दिल्ली आई थीं। उन्होंने यह भी बताया कि नानाजी देशमुख के देह दान की खबर पढ़ कर उन्हें प्रेरणा मिली व तभी से वह दधीचि देह दान समिति के सम्पर्क में रहते हैं।श्रीमती तिवारी का मृत शरीर चिकित्सा शास़्त्र की पढ़ाई कर रहे छात्रों के उपयोग हेतु एम्स में दान किया गया। निकटजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री पीयूष तिवारी, मो. 8826957468।

श्रीमती वीना देवी
श्रीमती वीना देवी ने 27 अक्टूबर, 2017 को 68 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह नत्थू काॅलोनी, शाहदरा निवासी थीं। ईश्वर के प्रति अपने विश्वास के कारण उन्होंने अपने जीवन के सभी कष्टों का सामना बड़े साहस से किया। उनके दामाद ने बड़े गर्व से बताया कि उन्होंने परिवार को मोतियों की माला के रूप में पिरो कर रखा हुआ था। वह निर्मल स्वभाव की परोपकारी व हंसमुख महिला थीं। समाज में सभी उनका सम्मान करते थे। वह ऊंची सोच रखती थीं। अपने संपर्क में आने वाले हर व्यक्ति को अंग दान व देह दान के लिए प्रेरित करती थीं। अपने परिवार के सभी सदस्यों से उन्होंने अंग दान का संकल्प करवाया था। परोपकारी और मानवतापरक सोच रखने के कारण परिवार के सदस्य हृदय से उनका सम्मान करते थे। उनके इन्हीं आदर्शों और इच्छा का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने उनकी त्वचा व नेत्र भाई महावीर मेडिकल काॅलेज में दान कर दिए। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में हमारी विनम्र प्रार्थना। संपर्क सूत्र - दामाद श्री हरीश, मो. 9311237538।