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श्रद्धा सुमन

श्रीमती चन्द्रावती कौशिक


श्रीमती चन्द्रावती कौशिक 85 वर्ष आयु में स्वर्ग सिधार गईं। वह उत्तम नगर, दिल्ली में रहती थीं। उनकी पुत्री ने अपनी श्रद्धांजलि इन शब्दों में व्यक्त की:-

’’श्रीमती चन्द्रावती कौशिक का जन्म उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में 29 जनवरी, 1934 को एक साधारण परिवार में हुआ। विवाहोपरान्त पति के साथ दिल्ली आ गईं। उनके पत्रकार एवं लेखक पति श्री अशोक कौशिक अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए थे। अशोक जी को जब दधीचि देह दान समिति के बारे में पता चला तो उन्होंने इस विषय पर अपनी पत्नी से चर्चा की। पति-पत्नी दोनों ने देह दान का संकल्प लिया तथा अपनी दोनों पुत्रियों को इससे अवगत कराया। परिवार में सभी ने उनके इस निर्णय का स्वागत किया।’’

’’सादगी और सरलता की मूर्ति श्रीमती चन्द्रावती कौशिक धार्मिक विचारों की महिला थीं। दयालु स्वभाव की श्रीमती चन्द्रावती ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। उन्हें आभास हो गया था कि उनकी मृत्यु निकट है। वह प्रतिदिन अपनी पुत्री को स्मरण कराती थीं कि मरणोपरांत उनके नेत्र व देह का दान अवश्य कर दिया जाए। मृत्यु से 10-15 दिन पूर्व वह शारीरिक कमज़ोरी का अनुभव कर रही थीं। 5 सितम्बर 2019 को प्रातः उन्होंने इस संसार से विदा ली। उनके दोनों नेत्रों में ग्लूकोमा (काला मोतियाबिन्द) था। अतः नेत्र दान की उनकी इच्छा तो पूर्ण न हो सकी किन्तु देह दान कर दिया गया।’’

आर्मी मेडिकल काॅलेज में चिकित्सा छात्रों की पढ़ाई के लिए 5 सितम्बर, 2019 को उनका पार्थिव शरीर दान में दिया गया। समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए हम परिवारजनों का आभार व्यक्त करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री डाॅ. गीता पांडे, 9868376076

श्री गिरधारी लाल


गाज़ियाबाद निवासी श्री गिरधारी लाल ने 10 सितम्बर, 2019 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह 90 वर्ष के थे। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि पंजाब में भटिंडा ज़िले का भिखी गांव उनका कर्मक्षेत्र रहा। वहां वह विद्या भारती के एक स्कूल के संस्थापकों में से एक थे। आज उस स्कूल में 2500 बच्चे पढ़ रहे हैं। उनके 2 बेटे व 3 बेटियां समाज के प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाना व सीनियर सिटीज़न ग्रुप में सक्रियता उनके अंतिम समय तक बनी रही। उनके दिवंगत होने पर, उनकी सोच के अनुरूप परिवारजनों ने उनके नेत्र-दान का निर्णय लिया। समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए हम परिवारजनों का साधुवाद करते हैं। वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री जगदीश राय, 9811488299

श्री रामजी दास सेठी


श्री रामजी दास सेठी का 86 वर्ष की आयु में परलोक गमन हुआ। वह विकासपुरी, दिल्ली में रहते थे। होशियारपुर जी.पी.ओ. से अपने कैरियर की शुरुआत करके वह दिल्ली जी.पी.ओ. में आ गए। वह 7 भाषाओं (पश्तो, फ़ारसी, अरबी, उर्दू, इंग्लिश, हिन्दी, पंजाबी) को पढ़-लिख सकते थे। उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था। उनके बेटे ने बताया कि ‘स्वतः प्रेरणा से परिवार के सभी ने नेत्र दान के फार्म भर रखे हैं। पिताजी की मृत्यु के बाद नेत्र लेने के लिए आई वेणु आई सेन्टर की टीम ने मुझे देह दान के बारे में भी बताया और मैं तत्काल इसके लिए तैयार हो गया।‘ परिवारजनों ने मानवता की सेवा के लिए उनकी देह का दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। समिति की ओर से साधुवाद। स्वर्गीय रामजी दास सेठी का पार्थिव शरीर 10 सितम्बर, 2019 को मौलाना आज़ाद मेडिकल काॅलेज के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए ससम्मान दान में लिया गया। दिवंगत आत्मा को हमारे सादर श्रद्धा सुमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री संजीव सेठी, 9779353935

श्री बलदेव राज कात्याल


83 वर्षीय श्री बलदेव राज कात्याल 14 सितम्बर, 2019 को दिवंगत हो गए। वह विकासपुरी में रहते थे। उनके बेटे ने श्रद्धापूर्वक, उनके प्रति अपनी भावनाएं इस प्रकार लिखी हैं:-

“Mr. Baldev Raj Katyal, who tought us Shav ka Shiv se Milan. Our father Mr. Baldev Raj Katyal was a family man, who dedicated all his life for the betterment of his wife and his three sons, but more than that he was a perfect son to his parents and also to our mom’s parents. He was a father figure to his sisters in law and brother in law and also cared for them all. He was also involved in social work and worked tirelessly for the betterment of the society.

We miss him a lot and may God bless his soul.

It was his desire to work for the society and towards the end of his life he dedicated and donated to AIIMS thereby making his body for research and to benefit the society. May he inspire others to follow in his footsteps.”

मानवता की सेवा के लिए किए गए इस महा दान के लिए समिति परिवार का साधुवाद करती है। ईश्वर से हमारी विनम्र प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सुनील, 9810508637

श्रीमती राजकुमारी जैन


श्रीमती राजकुमारी जैन 16 सितम्बर, 2019 को परलोक सिधार गईं। वह 81 वर्ष की थीं। वह राणा प्रताप बाग की निवासी थीं। उनके पुत्र ने बातचीत में उनके विषय में बताया कि वह निरंतर स्वाध्याय करती रहती थीं। वह धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। दानशीलता उनका विशेष स्वभाव था। उन्होंने अपने बेटे को देह दान के लिए भी प्रेरित किया हुआ था। हम परिवार का अभिवादन करते हैं जिसने मरणोपरांत उनके नेत्र दान का क्रियान्वयन किया। मानवता की सेवा के लिए यह एक अमूल्य दान है। उनके नेत्र वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान दान में लेकर गई। दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री प्रदीप जैन , 9811177246

श्री विनोद कुमार गम्भीर


श्री विनोद कुमार गम्भीर ने 65 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह गुरुग्राम के निवासी थे। उनके बड़े भाई से बात होने पर पता चला, ’’उन्होंने (श्री विनोद कुमार ने) स्वयं ही देह दान का संकल्प लिया हुआ था। इस बारे में उन्होंने अपनी विल में भी लिखा हुआ था। आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुरूप उन्होंने अपना जीवन जिया और दुनिया छोड़ने के बाद भी मानवता के लिए इस महादान को कर गए। 22 सितम्बर 2019 को उनका पार्थिव शरीर एम्स (दिल्ली) में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई कर रहे छात्रों के उपयोग के लिए दान में दिया गया। इस प्रेरक कार्य के लिए हम परिवारजनों का साधुवाद करते हैं। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हमारी सविनय प्रार्थना।

सम्पर्क सूत्र - भाई श्री धर्मराज, 9999331167

श्रीमती मूर्ति देवी गुप्ता


श्रीमती मूर्ति देवी गुप्ता ने 75 वर्ष आयु में अपना शरीर छोड़ा। वह फ़रीदाबाद में रहती थीं। विवाह के उपरांत उन्होंने अध्यापिका के रूप में बल्लभगढ़ के अग्रवाल स्कूल से अपने कैरियर की शुरुआत की और आदर्श शिक्षिका के रूप में ख्याति अर्जित की। लगभग 10 वर्ष बाद राजकीय विद्यालय में अध्यापन शुरू किया तथा शिक्षा को नए आयाम दिए। उनके पुत्र ने उनके विषय में अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त की- ’’35 वर्ष के अध्यापन कार्य के उपरांत सेवा निवृत्त होकर आपने स्वयं को पारिवारिक, धार्मिक व सामाजिक कार्यों में व्यस्त कर लिया। आप एक धार्मिक प्रवृत्ति की हंसमुख, मिलनसार व आकर्षक व्यक्तित्व की धनी महिला थीं। जो व्यक्ति आपसे एक बार भी मिला उसके स्मृति पटल पर चिर-परिचित मुस्कान लिए आपकी वह छवि हमेशा अंकित रहेगी।

’’अपनी 74 वर्ष की जीवन यात्रा पूरी कर 23 सितम्बर, 2019 को प्रातः 6 बज कर 30 मिनट पर आप राम-राम कहते हुए प्रभु चरणों में लीन हो गईं और जाते-जाते भी नेत्र दान कर अपनी नेत्र ज्योति से दो लोगों के जीवन में प्रकाश भर गईं। उनके नेत्र एम्स की टीम द्वारा लिए गए। अंत में मैं यही कहूंगा कि:-

स्मृति शेष बनी वो हमको हम उनके अनुयायी। सफल ज़िन्दगी जी कर जिसने लौकिक मृत्यु पाई।।

उस पुण्यात्मा को शत्-शत् प्रणाम।’’

सम्पर्क सूत्र - पुत्र आशीष गुप्ता, 9971099616

सर. हरनाम सिंह


सर. हरनाम सिंह ने 83 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह पंजाबी बाग में रहते थे। उनके बेटे ने अपने पिता के बारे में बहुत गर्व से चर्चा की। पुत्र ने बताया कि उनके पिता संत स्वभाव के थे। रकाबगंज, शीशगंज व बंगला साहिब - इन तीनों गुरुद्वारों में वह नियमित रूप से जाते थे। उनके सम्पर्क में आने वाले लोग उन्हें संत जी या भगत जी कह कर पुकारते थे। उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों से भी कभी ऊंची आवाज़ में बात नहीं की।

अपने काम में मस्त रहना और गुरुद्वारों में सेवा देना ही उनके जीवन का उद्देश्य था। उनके व्यक्तित्व के अनुरूप ही नेत्र दान का निर्णय लेकर परिवारजनों ने मानवता की सेवा के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। हम परिवार का साधुवाद करते हैं। मरणोपरांत 26 सितम्बर, 2019 को उनके नेत्र आर.पी. सेन्टर (एम्स) की टीम ससम्मान दान में ले गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री गुरपाल सिंह, 9810015789

श्री मुकेश अरोड़ा


श्री मुकेश अरोड़ा ने 51 वर्ष आयु में परलोकगमन किया। उनकी पत्नी ने बताया कि उनका परिवार राधा स्वामी सत्संग से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘पति का अधिकांश समय नियमित रूप से ध्यान-योग में बीतता था। वह सामाजिक रूप से सक्रिय और हर समय किसी की भी सहायता के लिए तैयार रहते थे। उन्होंने स्वतः प्रेरणा से देह दान का संकल्प लिया हुआ था।’’ 28 सितम्बर, 2019 को उनका पार्थिव शरीर, समिति के माध्यम से, एम्स के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया गया। आर.पी. सेन्टर की टीम द्वारा ससम्मान उनके नेत्र दान में लिए गए। स्वर्गीय मुकेश के संकल्प का आदर करते हुए समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा को समिति परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पत्नी श्रीमती सिमि अरोड़ा, 9910268410

श्रीमती त्रिशला रानी


श्रीमती त्रिशला रानी 65 वर्ष की आयु में 8 अक्टूबर, 2019 को परलोक सिधार गईं। वह गुरुग्राम में रहती थीं और स्नेही स्वभाव की महिला थीं। परिवार के प्रति समर्पित रहीं। उनकी स्वस्थ सोच का ही परिणाम था कि उन्होंने अपने बेटे को बताया हुआ था कि मरणोपरांत उनकी देह का दान कर दिया जाए। परिवार ने भी उनके संकल्प का सम्मान करते हुए उनका पार्थिव शरीर एम्स को दान कर दिया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक अमूल्य दान है। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को समिति परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री मनोज गुप्ता, 9213784384

श्री जगदीश राय जैन


श्री जगदीश राय जैन का 82 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वे राजेंद्र नगर ,गाजियाबाद में रहते थे। संयोग ऐसा हुआ कि मृत्यु के समय वे ऋषिकेश में थे। स्व. जगदीश राय की इच्छा के अनुसार उनका देहदान परिवार के धैर्य पूर्ण सहयोग के साथ10 अक्टूबर को , ऋषिकेश एम्स में ही संपन्न हुआ ।उनके पुत्र ने आदर पूर्वक उनके विषय में अपने भाव इस प्रकार व्यक्त किए हैं- "पिताजी ने सारा जीवन प्रामाणिकता के साथ जिया और भाइयों की शिक्षा की समुचित व्यवस्था करी । पारिवारिक संस्कारों के कारण ही आज तक सभी परिवार जन व्यसन मुक्त ,सरल एवं सार्थक जीवन व्यतीत कर रहे हैं। मृत्यु के सत्य को सहर्ष स्वीकार करते हुए उन्होंने देहदान का संकल्प भी किया और परिवार को इसके लिए तैयार भी किया। मृत्यु के उपरांत उनकी देह एम्स, ऋषिकेश को सौंप दी गई। ईश्वर से प्रार्थना है कि हम भी उनकी तरह प्रामाणिक जीवन जी सकें, ऐसी सामर्थ्य हम परिवार जनों को दें"।

स्व. जगदीश राय की इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने चिकित्सा जगत की सेवा में एक अतुलनीय दान का उदाहरण प्रस्तुत किया है परिवार का अभिवादन दधीचि परिवार प्रार्थना करता है कि ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें।

संपर्क सूत्र- पुत्र ,श्री जैन पाल जैन 93122 61438

श्रीमती पुष्पा देवी


वज़ीराबाद गांव, दिल्ली निवासी श्रीमती पुष्पा देवी ने 10 अक्टूबर, 2019 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह 80 वर्ष की थीं। उनकी बेटी ने बहुत श्रद्धा से बताया कि 12 साल से वह रोज़ शीश गंज गुरुद्वारे सेवा के लिए जाती थीं। अपने जीवन के अंतिम दिन भी वह गुरुद्वारे में सेवा करके आई थीं। परिवार ने उनके नेत्र दान का निर्णय लेकर उनकी निरंतर चलने वाली मानवता की सेवा को जीवंत कर दिया। परिवार का साधुवाद। मरणोपरांत उनके नेत्र आर.पी. सेन्टर (एम्स) की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती संध्या कोहली, 9868871914

श्री इन्द्र चंद बोथरा


श्री इन्द्र चंद बोथरा का 14 अक्टूबर, 2019 को देहावसान हुआ। वह 78 वर्ष के थे। उनके पुत्र ने बताया कि समिति के एक कार्यकर्ता द्वारा प्रेरित करने पर उन्होंने नेत्र दान का निर्णय लिया।

महेन्द्रु एन्क्लेव स्थित उनके निवास से, मरणोपरांत, वेणु आई सेन्टर की टीम द्वारा उनके नेत्र दान में लिए गए। मानवता की सेवा के लिए समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री शांति लाल बोथरा, 9811091463

श्री चन्द्रभान त्यागी


श्री चन्द्रभान त्यागी ने 79 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह बसई दारापुर, नई दिल्ली-110015 में रहते थे। उनके पुत्र से बात करने पर स्वर्गीय चन्द्रभान त्यागी की सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि उनके पिता बचपन में हाॅकी के अच्छे खिलाड़ी रहे। बाल्यकाल से ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे। जनसंघ की स्थापना के बाद उन्होंने उसमें एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम किया। वह धार्मिक प्रवृत्ति के थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना के तहत उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद में काम किया व कुछ समय सेवा भारती में भी काम किया। स्वतः प्रेरणा से उन्होंने अपने नेत्र दान का संकल्प लिया हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद, 18 अक्टूबर, 2019 को परिवारजनों ने उनके संकल्प का सम्मान करते हुए इस महादान को क्रियान्वित किया। एम्स की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवारजनों का अभिवादन। दिवंगत आत्मा को शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री मनोज त्यागी, 9810304014

श्री उत्तम चंद जैन


चांदनी चैक निवासी श्री उत्तम चंद जैन का 76 वर्ष की आयु में परलोक गमन हुआ। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि धार्मिक व सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी। श्वेताम्बरी जैन स्थानक बारादरी ट्रस्ट व श्रावक समिति में सदस्य के रूप में उनका योगदान रहता था। वह महावीर जैन दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के भी अध्यक्ष रहे। दधीचि देह दान समिति में निष्ठापूर्वक कार्य करने वाले श्री कृष्ण अवतार जिंदल से प्रेरित होकर श्री उत्तम चंद जैन ने अपने जीवनकाल में स्वयं ही देह दान का संकल्प लिया था। उनके इस संकल्प का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने 21 अक्टूबर, 2019 को उनका पार्थिव शरीर मौलाना आज़ाद मेडिकल काॅलेज में दान कर दिया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक अमूल्य दान है। उनके परिवार का समिति अभिवादन करती है। एम्स की टीम स्वर्गीय उत्तम चंद जैन के नेत्र ससम्मान दान में लेकर गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री पंकज जैन, 9891044208

श्रीमती धन्नो देवी


कमला नगर निवासी श्रीमती धन्नो देवी का 21 अक्टूबर, 2019 को निधन हुआ। वह 84 वर्ष की थीं। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि वह अपने परिवार के प्रति समर्पित एक धर्मनिष्ठ महिला थीं। घर में हर समय किसी का भी स्वागत करने को तैयार रहती थीं। उनकी मृत्यु के बाद परिवारजनों ने उनके नेत्र दान का निर्णय लेकर समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। एम्स की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। मानवता की सेवा के लिए किए गए इस महादान हेतु परिवारजनों का अभिनन्दन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री राजेश, 9810337718

श्रीमती स्वरण लूथरा


पंजाबी बाग निवासी श्रीमती स्वरण लूथरा का 25 अक्टूबर, 2019 को देहावसान हुआ। वह 86 वर्ष की थीं। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि उन्होंने स्वयं ही देह दान का संकल्प लिया हुआ था। परिवारजनों ने उनके संकल्प का सम्मान करते हुए उनका पार्थिव शरीर एम्स को दान कर दिया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक अमूल्य उपहार है। मानवता की सेवा में प्रस्तुत किए गए इस उदाहरण के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - श्री आदित्य नारंग, 9768413630

श्री दर्शन लाल सिक्का


रमेश नगर निवासी श्री दर्शन लाल सिक्का का 85 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। उनके दामाद ने बताया कि वह मन्दिर के कार्यक्रमों में बहुत सक्रिय रहते थे। मन्दिर जाना उनकी नियमित दिनचर्या थी। वह बहुत सरल स्वभाव के थे। 29 अक्टूबर, 2019 को श्री दर्शन लाल की मृत्यु के बाद समिति के सक्रिय कार्यकर्ता एवं उनके दामाद श्री नरेश ढल ने परिवारजनों की सहमति से उनके नेत्र दान की व्यवस्था की। मानवता की सेवा में किए गए इस महादान के लिए परिवारजनों का आभार। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें।

सम्पर्क सूत्र - दामाद श्री नरेश ढल, 9811897785