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समिति के बढ़ते कदम
दिल्ली एनसीआर के बाहर भी...

Organ Donation Awareness Program

On an invitation from Mrs. Manju ji, resident of Ashiana Nirmaya Active Senior Living, a senior citizens society, Thada village, Bhiwadi, Dadhichi Dehdan Samiti organised an organ donation awareness program on 10th September,2023 .

Shri Avinash ji, Co-ordinator, DDS Gaziabad was the keynote speaker, who described different types of donations like eyes, organs, stem cells, bones and the whole body, and answered the queries of the senior citizens.

At Least 25 members actively took part in the discussion and more than 80 participants were present. Dr Amit Manchanda ji, from ESI hospital Alwar threw light on the Anatomical part in detail through power point presentation. Sh. Rajiv Kochar ji, Ramesh Bansal ji and Parveen Singh elaborated the history, mechanism and achievements of Dadhichi Dehdan Samiti. Later in a discussion with the Resident Welfare Association headed by president Sh. Rajiv ji, we found some prospects of a full- fledged DDS counter in Bhiwadi. About 50 organ donation pledge forms and awareness material like pamphlets were distributed among residents. It was a nice experience.

देहदान और अंगदान विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन

दधीचि देहदान समिति,ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर क्षेत्र द्वारा आज सात अक्तूबर,2023 को डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुलंदशहर के स्वामी दयानंद सभागार में वहां के विद्यार्थियों तथा फैकल्टी सदस्यों के मध्य कौशल विकास पाठ्यक्रम के अंतर्गत सामाजिक कार्यों के श्रंखला में देहदान, अंगदान और नेत्रदान विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

इस कार्यक्रम में लगभग 300 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया । प्राचार्य डॉ. रेनू अग्रवाल जी विषय के बारे में विद्यार्थियों को प्रारंभिक जानकारी देते हुए आपने आज की पीढ़ी को सामाजिक सेवा कार्य के प्रति सकारात्मक रूख अपनाने की अपील भी की।

दधीचि देहदान समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू प्रभा जी ने मुख्य वक्तव्य देते हुए गत वर्ष सी वोटर्स द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण का जानकारी साझा की। सर्वे के आधार पर उन्होंने बताया कि हमारे देशवासियों में यह एक भ्रम था कि हमारी रूढ़ियां और धार्मिक मान्यताएं इस देहदान ,अंगदान और नेत्रदान के प्रति सामाजिक स्वीकार्यता में सबसे बड़ा बाधक या रोड़ा है पर सर्वेक्षण से यह बात स्पष्ट है कि लगभग 85 प्रतिशत से अधिक जनता को इस बारे कोई जानकारी ही नहीं है । उन्होंने इसके बारे में कभी सुना ही नहीं और जो 15 प्रतिशत ने थोड़ा बहुत सुना है, यह वह है किसी परिजन को अंग की आवश्यकता हो तो दान किया जा सकता है । अंगदान या देहदान कहां किया जा सकता है, कैसे किया जाता है या इसकी प्रक्रिया कैसे होती है, इसके बारे में जानकारी न्यूनतम है । अतः एक बहुत बड़े जन जागरण अभियान की आवश्यकता है और देश के जनता को आवश्यकता और आपूर्ति में अंतर समझने की महती आवश्यकता है । आज का कार्यक्रम भी इसी अभियान की एक कडी मात्र ही है ।

श्रीमती मंजू प्रभा जी ने जीते जी किए जाने वाले दान जैसे कि एक गुर्दे का दान लीवर के एक या दो भाग का दान या त्वचा दान का उदाहरण दिए । इसी प्रकार मस्तिष्क की मृत्यु होने पर(ब्रेन डेड) किए जाने अंगदान ,नेत्रदान और चिकित्सीय अध्ययन और अनुसंधान हेतु मेडिकल कॉलेज को किये जाने वाले देहदान के बारे मे सभी को अवगत कराया।

बुलंदशहर क्षेत्र के संयोजक राकेश अग्रवाल जी ने प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख लोगों के अंगों के अभाव में अंगों के प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा में दम तोड़ते हुए लोगों का जिक्र किया, कार्निया या किसी और कारण से कार्निया के खराबी से होने से होने वाली अंधता के बारे में बताया कि अगर देश के सभी लोग मृत्यु उपरान्त नेत्रदान का पूरा का संकल्प कर ले तो बहुत शीघ्र ही हम देश को अन्धता से मुक्त कर सकते है । उन्होंने बताया कि आज श्रीलंका जैसा छोटा देश अपनी आवश्यकता पूरी करने के बाद अतिरिक्त कार्निया दूसरे देशों को भेज रहा है ।

हमारे देश में इसी जागरूकता के अभाव के कारण रोगियों की अंगों के लिए प्रतीक्षा सूची बढ़ती जा रही है और उपलब्धता का प्रतिशत दो भी नहीं है। इसलिए प्रधानमंत्री जी को भी देहदान और अंगदान के लिए आज आह्वान करना पड रहा है ।

आज के कार्यक्रम के लिए समिति के क्षेत्रीय संयोजक श्री राजीव कुमार जी,डी ए वी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रोक्टर डॉ. राजीव सिरोही जी, डॉ. अंजू दुबे जी तथा प्राचार्य डॉ. रेनू अग्रवाल जी का बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद। आपने बहुत ही सुंदर ढंग से सारे कार्यक्रम की रचना और व्यवस्था की और विद्यार्थियों को सकारात्मक सेवा कार्य के लिए प्रेरित करने में महती भूमिका निभाई।

कार्यक्रम के प्रारंभ से पहले समाज की महान विभूतियों के साक्षात्कार तथा देहदान और अंगदान पर उनके मत तथा राय को श्री राजीव कुमार जी ने वीडियो के माध्यम से सभी विद्यार्थियों के सम्मुख प्रदर्शित भी किया ।

इस अवसर पर संयोजक श्री राजीव कुमार जी और राकेश अग्रवाल जी की ओर से उपस्थित मीडिया कर्मी बन्धुओ का भी स्वागत और आभार व्यक्त किया गया।