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श्रद्धा सुमन

श्री कमल गुप्ता


श्री कमल गुप्ता का 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह सब्ज़ीमंडी, दिल्ली में रहते थे। सहज, सरल व्यक्ति थे। उनकी पत्नी से बात होने पर पता चला कि उनका परिवार शिक्षा से जुड़ा हुआ है। शक्ति नगर, दिल्ली में उनका राम रूप विद्या मंदिर सीनियर सेकेन्ड्री स्कूल है। स्वर्गीय कमल गुप्ता दया-धर्म में विश्वास रखते थे। उनके पिताजी ने देहदान का संकल्प लिया हुआ था, उसी से प्रेरित होकर उन्होंने भी देह दान का मन बनाया था। श्री कमल गुप्ता के पिताजी के लिए बहुत भावुक परिस्थिति बनी कि पुत्र के देह दान का समय उनसे पहले आ गया। परिवारजनों का साधुवाद, जिन्होंने मानवता की सेवार्थ इस महादान का क्रियान्वयन करवाया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई के लिए स्वर्गीय कमल गुप्ता का पार्थिव शरीर 1 नवम्बर, 2019 को एम्स में दान में दिया गया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पत्नी श्रीमती नीति गुप्ता, 9818411705

श्री केएस माहेश्वरी


श्री केएस माहेश्वरी ने 7 नवम्बर, 2019 को 94 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह सर्वप्रिय विहार, दिल्ली में रहते थे। उनके बेटे ने गर्व से अपने पिताजी को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व बहुत शांत स्वभाव का था। वह निःस्वार्थ सेवा में विश्वास रखते थे। श्री माहेश्वरी दिल्ली प्रोडक्टिविटी काउंसिल के बोर्ड आॅफ़ डायरेक्टर्स में थे। कई वर्षों तक इसमें सेवा भाव से भी कार्य किया। उनकी भावनाओं के अनुरूप परिवारजनों ने मरणोपरांत उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया है। मानवता की सेवार्थ उनके नेत्र वेणु आई सेन्टर की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें यही हमारी प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री विजय माहेश्वरी, 9811432382

श्री आतम प्रकाश


श्री आतम प्रकाश ने 76 वर्ष की आयु में 12 नवम्बर, 2019 को अंतिम सांस ली। वह वेस्ट पटेल नगर, दिल्ली में रहते थे। उनके बेटे ने भावुक स्वर में बताया कि पिता का जीवन सहज और सादगीपूर्ण था। जीवन भर सक्रिय रहे और परिवारिक व्यापार सम्भाला। गुरुद्वारे में उनकी श्रद्धा थी और वह नियमित रूप से गुरुद्वारे जाया करते थे। दुःख की घड़ी मंे भी परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का फैसला लिया। वेणु आई सेन्टर की टीम द्वारा श्री आतम प्रकाश के नेत्र ससम्मान दान में लिए गए।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री कपिल, 9213850244

श्रीमती ईश्वर देवी


आनंद विहार कालोनी, दिल्ली निवासी श्रीमती ईश्वर देवी का निधन 16 नवम्बर, 2019 को हुआ। वह 93 वर्ष की थीं। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि वह अपने परिवार को कुशलता से चलाने वाली धार्मिक महिला थीं। उनके सभी बच्चे बहुत अच्छा जीवनयापन कर रहे हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में स्वयं ही नेत्र दान करने की इच्छा प्रकट की थी। परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए, मरणोपरांत उनके नेत्र एम्स में दान किए। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवार का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री बीके राजी, 9953108862

श्री महेन्द्र कुमार


रोहिणी निवासी श्री महेन्द्र कुमार का 72 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। उनकी पत्नी से बात होने पर पता चला कि सबसे प्रेम का व्यवहार रखने वाले वह एक सरल इंसान थे। शांत और संतोषी स्वभाव था। उनकी कभी किसी से कोई अपेक्षा नहीं थी। पति-पत्नी दोनों ने एक साथ देह दान का संकल्प लिया था। स्वर्गीय महेन्द्र कुमार की पत्नी ने बताया कि उनकी दोनों बेटियों को इस दान के क्रियान्यन के लिए तैयार करना भी काफ़ी संयम का काम था। पर श्रीमती स्नेहलता ने अपनी बेटियों को पिता श्री महेन्द्र कुमार की अंतिम इच्छा का मान रखने के लिए तैयार कर लिया। 16 नवम्बर, 2019 को स्वर्गीय महेन्द्र कुमार का पार्थिव शरीर अम्बेडकर काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया गया। उनके नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। दानी सज्जन की पत्नी श्रीमती हेमलता के जज़्बे को प्रणाम। परिवारजनों का साधुवाद। हम दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में विनम्र निवेदन करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - दामाद श्री सुमित, 9811687817

श्रीमती दौपदी


श्रीमती दौपदी का 17 नवम्बर, 2019 को 90 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। वह गुरुग्राम में रहती थीं। उनका रुझान और जुड़ाव डेरा सच्चा सौदा से था। इन्सानियत के लिए किए जाने वाले हर सेवा कार्य में वह आगे रहती थीं। सिरसा में गुरु जी के यहां उनका व उनके परिवार का नियमित जाना होता रहता था। उनके पौत्र से बात करने पर पता चला कि उन्होंने बहुत पहले से स्वयं ही देह दान के लिए संकल्प लिया हुआ था। परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनका पार्थिव शरीर ईएसआई मेडिकल काॅलेज में दान कर दिया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक अमूल्य उपहार है। परिवार का अभिवादन। हम दिवंगत आत्मा के लिए सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - पौत्र श्री मोहित, 9992577727

प्रोफेसर सतीश कुमार


प्रोफेसर सतीश कुमार ने 66 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह गुरुग्राम में रहते थे। उनकी बेटी ने हमें उनका जीवन परिचय लिख कर भेजा है, जो इस प्रकार हैः-

Late Vice Principal Satish kumar Sharma was a very hard working and creative music "vocal" teacher. He served for 36 years in Guru Gobind Singh College (for women) in sector 26, Chandigarh. With his kind heartedness and elocuenece in Hindi and Punjabi languages he made friends with one and all.

An avid tennis player for 25 years. He gave his best 10 years to preaching spiritual discourses in many parts of Himachal Pradesh, Punjab and Haryana. A loving father and a dedicated husband,loved reading spiritual books and always believed in simple living and high thinking."

उनकी जीवनचर्या के अनुरूप ही परिवारजनों ने उनका पार्थिव शरीर ईएसआई मेडिकल काॅलेज, फरीदाबाद के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया। यह दान 19 नवम्बर, 2019 को हुआ। मानवता की सेवा के लिए किए गए इस महादान के लिए परिवारजनों का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती गीतिका, 9818049055

श्रीमती वीरा देवी


श्रीमती वीरा देवी ने 20 नवम्बर, 2019 को 66 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वह राजीव नगर (बुराड़ी), दिल्ली में रहती थीं। घर आए हर अतिथि का स्वागत बहुत आत्मीयता से करती थीं। परिवारजनों ने उनकी मृत्यु होने पर उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। गुरु नानक आई सेन्टर की टीम ससम्मान स्वर्गीय वीरा देवी के नेत्र दान में लेकर गई। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवारजन साधुवाद के पात्र हैं। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में प्रार्थना करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - दामाद श्री महेन्द्र भंडारी, 9999114910

श्री गीतम सचदेवा


श्री गीतम सचदेवा का 42 वर्ष की आयु में 28 नवम्बर, 2019 को देहांत हो गया। वह शालीमार बाग, दिल्ली में रहते थे। परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। मानवता की सेवार्थ वेणु आई सेन्टर की टीम उनके नेत्र ससम्मान दान में लेकर गई। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवारजनों का साधुवाद। हम दिवंगत आत्मा को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - अभिभावक श्री आशीष मेहरा, 7982253994

श्रीमती राज नागपाल


श्रीमती राज नागपाल 67 वर्ष की आयु में दिवंगत हो गईं। वह रमेश नगर, दिल्ली में रहती थीं। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि वह धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। उन्होंने अपने परिवार को जीवनपर्यन्त भली-भांति सुव्यवस्थित रखा। मरणोपरांत 2 दिसम्बर, 2019 को उनकी देह को दान करने का निर्णय लेकर परिवारजनों ने चिकित्सा जगत की सेवा में अपना अमूल्य योगदान किया है। ब्रह्म प्रकाश मेडिकल काॅलेज में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए स्वर्गीय राज नागपाल का पार्थिव शरीर एक अमूल्य उपहार है। वेणु आई सेन्टर की टीम द्वारा ससम्मान उनके नेत्र दान में लिए गए। मानवता की सेवा के लिए किए गए इस प्रेरक कार्य हेतु परिवार का साधुवाद। हम दिवंगत आत्मा को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री पंकज नागपाल, 9810709718

सरदार हर जसपत सिंह


सरदार हर जसपत सिंह ने 3 दिसम्बर, 2019 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह मानसरोवर गार्डन में रहते थे। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि वह निःस्वार्थ सेवा में विश्वास रखते थे। वह एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे। नियमित जीवन व निश्छल सोच का परिणाम था कि वह अपने जीवन काल में स्वस्थ रहे। उनकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र थी। तीस साल बाद मिले बचपन के साथियों को वह तुरंत पहचान लेते थे। देह दान का निर्णय उनका अपना था। दधीचि देह दान समिति के माध्यम से परिवार ने उनका यह संकल्प पूरा किया। उनकी मृत्यु के बाद उनका पार्थिव शरीर चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एम्स में दान कर दिया ्रगया। यह छात्रों के लिए एक अमूल्य उपहार है। वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवारजनों का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें ऐसी हमारी विनम्र प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री कंवल नयन सिंह, 9810198201

श्री गुलशन


श्री गुलशन ने 4 दिसम्बर, 2019 को 55 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह मोती नगर, दिल्ली में रहते थे। उनकी पत्नी ने बताया कि वह हमेशा सबकी मदद के लिए तैयार रहते थे। दुनिया को छोड़ने के बाद, उनके जीवन काल के अनुरूप ही परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लिया और समाज को प्रेरणा देने का काम किया। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवार का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पत्नी श्रीमती मीना, 9643269515

श्रीमती चन्द्रकला जैन


श्रीमती चन्द्रकला जैन 93 वर्ष की आयु में दिवंगत हो गईं। वह पुष्पांजलि फाम्र्स, बिजवासन में रहती थीं। उनकी पुत्री ने अपनी भावनाएं कुछ इस प्रकार लिखी हैं:-

‘‘सन् 1993-94 में अकस्मात मां का जाना होता है नेत्रहीन संस्था में। मन-मस्तिष्क बार-बार झिंझोड़ रहे थे कि कितना अंधेरा इनके जीवन में है। क्यों न अपने नेत्र इन सभी को उजाला दे सकें?

बस निर्णय हुआ - परिवार की सहमति ली और सम्पूर्ण शरीर को ही मृत्यु पश्चात दान में देने का निर्णय ले लिया। पर कैसे? प्रश्न था। उसका मार्ग प्रशस्त किया दधीचि देह दान समिति ने। सन् 2003 में रज़िस्ट्रेशन किया और इंतज़ार में लगे रहे मृत्यु के आने का। इसके साथ ही दो महत्व पूर्ण निर्णय और हुए। पहला - जब अंतिम समय पास हो तो जीवनदायनी दवाओं और उपकरणों की मदद से ज़्यादा समय तक न रखा जाए और उससे भी महत्वपूर्ण दूसरा - जैन धर्म के अनुसार संथारा किया जाए। इसके अनुसार व्यक्ति अन्न, जल, सुख, धन-धान्य को त्यागते हुए मृत्यु का आह्वान करता है। घटना क्रम भी ऐसे ही हुआ - (1) 27 नवम्बर, 2019 की रात को अस्पताल जाना
(2) 29 नवम्बर, 2019 को घर आना और संथारा लेना तथा
(3) 5 दिसम्बर, 2019 की शाम को 8 बजे मृत्यु का महामहोत्सव।

इस घटनाक्रम के तहत दोनों पुत्रियां, पुत्र वधु तथा पुत्र पांचों परिवारजनों तथा पांच जानकार महानुभावों ने भी निर्णय किया मृत्यु के पश्चात शरीर को देने का।

परिवार के सभी सदस्य तथा जानकार व्यक्ति शुक्रगुज़ार हैं दधीचि देह दान समिति का, जिसकी प्रेरणा से जीवन के पश्चात भी जीवन सोचा और समझा जा सकता है।’’

परिवार का साधुवाद जिन्होंने उनका पार्थिव शरीर एम्स के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान कर दिया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्री श्रीमती दया जैन, 8950111513

श्रीमती दविन्दर कौर लाम्बा


श्रीमती दविन्दर कौर लाम्बा ने 79 वर्ष की आयु में परलोकगमन किया। वह तिलक नगर, दिल्ली में रहती थीं। उनके बेटे से बात करने पर पता चला कि उनका परिवार ’द लिविंग ट्रेज़र (The Living Treasure) संस्था से जुड़ा हुआ था। स्वर्गीय दविन्दर कौर हर हाल में संतुष्ट रहती थीं। बहुत ही सादा जीवन था उनका। मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों ने 6 दिसम्बर, 2019 को उनका पार्थिव शरीर एम्स के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया। वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। समाज में इस महा दान का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए परिवार का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री मंजीत सिंह, 9999826629

श्री केवल कृष्ण


श्री केवल कृष्ण ने 8 दिसम्बर, 2019 को 70 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह उत्तम नगर, दिल्ली में रहते थे। उनके बेटे से बात करने पर पता चला कि वह सामाजिक रूप से काफी सक्रिय थे। उनका अधिकांश समय श्री कृष्ण परणामी मन्दिर में ही बीतता था। उन्होंने अपने जीवन काल में अपने नेत्र दान करने की इच्छा व्यक्त की हुई थी। परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनके नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर को दान में दिए। मानवता की सेवा के लिए किए गए इस प्रेरणाप्रद महादान के लिए परिवार का अभिवादन। दिवंगत आत्मा के लिए हमारे शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री आशु, 9711865267

श्री राम कुमार रस्तोगी


श्री राम कुमार रस्तोगी ने 93 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह सफदरजंग एन्क्लेव में रहते थे। उनके परिवार की ओर से हमें एक लिखित संदेश मिला है:-
‘‘उन्होंने एयर इंडिया में एक स्टेनोग्राफर के रूप में नौकरी प्रारम्भ की और अपनी कड़ी मेहनत तथा प्रतिभा के बल पर वरिष्ठ प्रबंधक के पद तक यात्रा की। उन्होंने सिद्धांतों पर आधरित अनुशासित जीवन जिया। अपने सभी कत्र्तव्यों को पूरा करतेे हुए अपने दोस्तों और परिवार की खुशी के लिए अपने सौम्य स्वभाव और हास्य का पुट लिए उनके कथन सदैव याद किए जाएंगे। परिवार के बीच रहना उन्हें बहुत पसंद था। उनके पोते हमेशा उनको प्यार-दुलार देने वाले और स्नेही दादा के रूप में याद करेंगे। वह स्वास्थ्य के प्रति बेहद सजग थे। प्रातः कालीन सैर और संतुलित भोजन उनके जीवन का अभिन्न अंग थे, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। यही उनके नौ दशक से अधिक सक्रिय जीवन जीने का मूल है।’’
मरणोपरांत 10 दिसम्बर, 2019 को परिवार ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए हम परिवार का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा के लिए समिति परिवार के सादर श्रद्धा सुमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्रवधू श्रीमती माया रस्तोगी, 9871568659

श्रीमती शकुन्तला देवी


श्रीमती शकुन्तला देवी ने 96 वर्ष की आयु में 17 दिसम्बर, 2019 को परलोक गमन किया। वह वसुन्धरा, गाज़ियाबाद में रहती थीं। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि अंतिम समय तक वह स्वस्थ रहीं। उनका नियमित जीवन तो परिवार में सबको प्रेरणा देता है। सात्विक भोजन और फलस्वरूप सात्विक जीवन की वह मिसाल थीं। उनका मानना था कि मरने के बाद भी कुछ ऐसा कर जाएं कि किसी को कुछ लाभ मिले। परिवार ने उनकी इस सोच का सम्मान करते हुए उनके नेत्र वेणु आई सेन्टर को दान में दिए। इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवारजनों का अभिवादन। दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सुन्दर स्वरूप सिंघल, 9650099299

श्री श्याम सुन्दर अग्रवाल


श्री श्याम सुन्दर अग्रवाल 66 वर्ष की आयु में परलोकगामी हुए। उनके भाई ने बताया कि वह ‘चेष्टा’ नाम की संस्था से जुड़े हुए थे। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के ध्येय वाक्य को वास्तविक धरातल पर उतारना उनका कार्यक्षेत्र था। असमर्थ परिवारों के बच्चों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था करने में भी वह अपनी संस्था के माध्यम से सक्रिय रहते थे। परिवारजनों ने 18 दिसम्बर, 2019 को, मरणोपरांत, उनके नेत्र वेणु आई सेन्टर को दान में दे दिए। मानवता की सेवार्थ किए गए इस महादान के लिए परिवार का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - भाई श्री संजय, 9811034348

श्रीमती निशा अग्रवाल


श्रीमती निशा अग्रवाल ने 63 वर्ष की आयु में 18 दिसम्बर, 2019 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह चिरंजीव विहार, गाज़ियाबाद में रहती थीं। उनकी पुत्र वधू ने भावुकता से बताया कि वह ममता की मूर्ति थीं। सबका ध्यान रखना व हर समय छोटे से छोटे काम की चिन्ता करना उनका स्वभाव था। उनकी मृत्यु के बाद परिवारजनों ने वेणु आई सेन्टर को उनके नेत्र दान करने का निर्णय लिया। इस महा दान के क्रियान्यन के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री व्योम बंसल, 9548503803

सुश्री सुखबीर कौर


सुश्री सुखबीर कौर का 26 वर्ष की आयु में 18 दिसम्बर, 2019 को निधन हो गया। वह शास़्त्री नगर, दिल्ली में रहती थीं। स्वर्गीय सुखबीर कौर का पार्थिव शरीर मौलाना आज़ाद मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान किया गया। चिकित्सा छात्रों के लिए इस अमूल्य दान हेतु परिवारजनों का अभिनन्दन। ईश्वर ंिदवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - निकट सम्बंधी श्रीमती अखवंत कौर, 9811917761

श्रीमती कृष्णावंती


तिलक नगर, दिल्ली निवासी श्रीमती कृष्णावंती ने 23 दिसम्बर, 2019 को अपनी इहलीला समाप्त की। कि वह 72 वर्ष की थीं। उनके धेवते से बात होने पर पता चला कि वह धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं और अपने परिवार में व्यस्त रहती थीं। अपने परिवार में हुए एक नेत्र दान से वह प्रेरित हुईं और उसकी प्रशंसा भी की। उनके मरणोपरांत देह दान का निर्णय लेने के लिए परिवार के कुछ सदस्यों को भावनात्मक कठिनाई आई। लेकिन, दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ताओं व परिवार की आपसी चर्चा से यह देह दान सम्भव हुआ। और, जल्दी ही परिवार के सभी सदस्यों को इस दान की गरिमा भी समझ में आई। परिवारजनों का अभिवादन। स्वर्गीय कृष्णावंती का पार्थिव शरीर एम्स के छात्रों की पढ़ाई के लिए उपयोग में लाया जाएगा। उनके नेत्र भी एम्स की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। दिवंगत आत्मा को शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - धेवता श्री आशीष दिलौरी, 9582247373

श्री आत्मा राम कोकड़ा


श्री आत्मा राम कोकड़ा ने 24 दिसम्बर, 2019 को इस दुनिया से विदा ली। वह सरस्वती विहार में रहते थे। उनके संकल्प का सम्मान करते हुए परिवार ने उनका पार्थिव शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज व उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर में दान किए। उनके प्रेरक व्यक्तित्व की जानकारी उनके पुत्र द्वारा हमें निम्न शब्दों में भेजी गई:-

‘‘वह आरम्भ से ही स्वाबलम्बी, दृढ़निश्चयी और कर्मयोगी थे। यही वजह रही कि परिवार से आर्थिक सहायता न लेकर पहले शिक्षा का बोझ स्वयं उठाया और शिक्षा पूरी करने के बाद अथक परिश्रम कर स्वयं अपना व्यवसाय स्थापित किया। जिस समय हरियाणा राज्य को बनाने की बात चल रही थी, उस समय कलकत्ता में, अपनी शिक्षा के दौरान, वहां हरियाणा छात्र परिषद की स्थापना में अहमृ भूमिका निभाई। इस परिषद की स्थापना का मूल उद्देश्य हरियाणा के छात्रों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराना था।

वकालत की पढ़ाई के समय ही उन्होंने भविष्य में व्यापारी बनने का निर्णय ले लिया था। ज़िन्दगी और व्यवसाय में आने वाली कठिनाइयों का हंस कर सामना करते थे। स्वस्थ रहने के लिए वह खेलों और व्यायाम को प्राथमिकता देते थे। उनका जीवन ‘‘सादा जीवन उच्च विचार’’ का मिसाल था। पहली ही मुलाकात में कोई भी उनकी सादगी, सरलता और खुशमिज़ाजी का कायल हो जाता था। उन्होंने हमेशा परिवार के बजाए समाज को प्राथमिकता दी। रुढ़िवादिता व आडम्बर से परहेज करते थे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करते थे।

सन् 1983 में उन्होंने अंग दान का निश्चय किया और मृत्यु से कुछ समय पूर्व ही सम्पूर्ण देह दान का संकल्प लिया था। उनकी पत्नी श्रीमती सुमित्रा देवी का उनके प्रत्येक निर्णय में सहयोग रहा। मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों (पुत्र स्वतंत्र, पुत्री निशी व भाई-बंधुओं) ने न केवल उनका देह दान किया बल्कि प्रेरित होकर स्वयं भी देह दान का संकल्प लिया। श्री आत्मा राम कोकड़ा के संकल्प को विधिवत पूरा करवाने में दधीचि देह दान समिति और भिवानी परिवार मैत्री संघ का पूरा योगदान रहा।’’

स्वर्गीय आत्मा राम जी की रुढ़िवादिता से हट कर नई सोच का परिणाम है कि परिवार ने उनकी प्रेरणा सभा भी लीक से हट कर की। उपस्थित जनसभा को देह दान व अंग दान के लिए प्रेरित करने वाले वीडियो दिखाए गए व इसी विषय पर समिति के कार्यकर्ताओं का वक्तव्य भी रखा गया। परिवार की सोच को प्रणाम। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री स्वतंत्र, 9312212480

डाॅ सूर्य प्रकाश गोयल


डाॅ सूर्य प्रकाश गोयल का 82 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह सूर्य नगर, गाज़ियाबाद में रहते थे। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि पढ़ना-पढ़ाना ही उनके जीवन का एकमात्र शौक व लक्ष्य रहा। वह इनकम टैक्स विषय पुस्तकें लिखते थे। अंतिम समय तक उनका लेखन जारी रहा। लगभग 10 वर्ष पूर्व उन्होंने दधीचि देह दान समिति के माध्यम से देह दान का अपना संकल्प पत्र भरा था। परिवारजनों ने उनके संकल्प का सम्मान करते हुए 28 दिसम्बर, 2019 को उनका पार्थिव शरीर यूसीएमएस में दान किया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह एक अमूल्य उपहार है। परिवार का अभिवादन। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।

श्री अशोक मित्तल


रोहिणी निवासी श्री अशोक मित्तल का 29 दिसम्बर, 2019 को देहावसान हुआ। वह 66 वर्ष के थे। उनका जीवन सादा और सरल था। उनके पुत्र ने बताया कि उन्होेंने अपने जीवन काल में ही अपने नेत्र दान की इच्छा परिवार के समक्ष रखी थी। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने मानवता की सेवार्थ उनके नेत्र दान का क्रियान्वयन किया। गुरु नानक आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। इस प्रेरक कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री विनीत मित्तल, 9582323245

श्रीमती सावित्री सुनेजा


श्रीमती सावित्री सुनेजा 86 वर्ष की आयु में दिवंगत हो गईं। वह कृष्णा नगर, रिवाड़ी में रहती थीं। उनके पौत्र ने उनके प्रेरणास्पद जीवन का परिचय इस प्रकार दिया:-

‘‘वह एक कलाकार की बेटी और एक कलाकार की मां थीं। उनके पिता श्री भगवानदास भूटानी रंगमंच के महान कलाकार थे। उनके पुत्र विपिन सुनेजा देश के जाने-माने कवि हैं। लेकिन, सावित्री सुनेजा की पहचान अपने पिता या पुत्र के कारण नहीं, उनके अपने व्यक्तित्व के कारण थी। जीवन के 86 वर्षों में से लगभग 60 वर्ष विद्या दान करती रहीं। एक ही विद्यालय में 55 वर्ष अध्यापन के बाद घर में निर्धन बच्चों को निःशुल्क पढ़ाती रहीं। अपने पुत्र का विवाह बिना दहेज लिए किया। जाते-जाते देह दान जैसा पुण्य कार्य कर गईं। उनकी संकल्प शक्ति उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी। उनका परिवार और समाज उनका ऋणी है।’’

30 दिसम्बर, 2019 को मृत्योपरांत उनका पार्थिव शरीर ईएसआई मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दिया गया। उनके प्रेरणास्पद व्यक्तित्व के अनुरूप ही परिवारजनों ने मानवता की सेवा के लिए इस महा दान का क्रिया्रन्वयन किया। उनकी प्रेरणा सभा में धार्मिक, सामाजिक व साहित्यिक जगत के प्रतिनिधियों ने गर्व से उन्हें याद किया। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री शाश्वत सुनेजा, 9991110222