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श्रद्धा सुमन

श्री भीमसेन सूरी
फरीदाबाद निवासी श्री भीमसेन सूरी का 17 जुलाई, 2017 को निधन हो गया। उन्होंने अपनी 82 वर्ष की उम्र तक निरंतर एक नियमित जीवन बिताया। पुत्र श्री पंकज सूरी ने बताया कि उनके पिता के दिल में गरीबों के लिए सहानुभूति थी। घर में आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत करना उनके दिल को बहुत खुशी देता था। श्री भीमसेन की पत्नी श्रीमती उषा सूरी के अनुसार वह स्वयं को अपने बच्चों व परिवार में ही व्यस्त रखते थे। हर वर्ष श्रद्धापूर्वक, शिरडी में साईं बाबा के दर्शन करने जाते थे। उनकी स्वयं की इच्छा नेत्र दान करने की थी। परिवारजनों का साधुवाद जिन्होंने उनकी इस महादान की इच्छा का सम्मान किया। मरणोपरांत उनकी आंखें वेणु आई सेंटर में दान की गईं। दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा की शांति के श्रद्धापूर्वक प्रार्थना करता है। सम्पर्क सूत्र - श्री पंकज सूरी, मो. 9811044762।

श्री अजित कुमार
पीतमपुरा निवासी श्री अजित कुमार 84 वर्ष की आयु में 18 जुलाई, 2017 को दिवंगत हुए। साहित्य-जगत में यह एक परिचित नाम है। संस्मरण हो या डायरी, गद्य हो या कविता, समीक्षा हो या आलोचना, कहानी हो या उपन्यास - सभी विधाओं में उनकी लेखनी चलती थी। पढ़ना और निरंतर नया लिखना - यही उनके प्रिय कार्य थे। जीवन भर साहित्य की सेवा करने वाला व्यक्तित्व परलोक जाते-जाते मानवता की सेवार्थ चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अपनी देह का दान कर गया। मरणोपरांत श्री अजित का शरीर एम्स में दान किया गया। परिवारजनों ने इस प्रेरक कार्य को ससम्मान किया - उनका साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की भावभीनी श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री पवन चैधरी, मो. 9810718165।

श्री सुशील शुक्ला
चांदनी चैक निवासी श्री सुशील शुक्ला का 25 जुलाई, 2017 को निधन हुआ। वह 59 वर्ष के थे। उनकी बहन छाया ने जानकारी दी कि उनके भाई ने 7 फरवरी, 2017 को अपनी शादी की 25वीं वर्षगांठ मनाई थी। उसी दिन अपनी और पत्नी के देह दान का संकल्प भी लिया था। श्री शुक्ला का प्रिटिंग का व्यवसाय था। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई के लिए उनकी मृत देह सफदरजंग मेडिकल काॅलेज में दान कर दी गई। दुःखद घड़ी में उनकी इच्छा सम्मान रखने के लिए परिवारजन साधुवाद के पात्र हैं। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - सुश्री छाया, मो. 9811067279।

श्री राम मोहन
श्री राम मोहन ने 70 वर्ष की आयु में 28 जुलाई, 2017 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह भजनपुरा निवासी थे। दामाद श्री विजय ने बताया कि उनके ससुरजी ने स्वतः प्रेरणा से अपनी देह दान का संकल्प लिया हुआ था, इसीलिए सभी परिवारजन सुविधापूर्वक इस कार्य को पूरा कर सके। श्री राम मोहन ने अपनी आयु के अंतिम दस वर्ष के दौरान स्वयं को समाजसेवा के कार्यों में व्यस्त रखा। मरणोपरांत उनकी देह को ई.एस.आई. मेडिकल काॅलेज, फरीदाबाद में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे छात्रों के उपयोग के लिए दान कर दिया गया। इस महादान को ससम्मान स्वीकार करने के लिए मेडिकल काॅलेज से डाॅ. अविनाश स्वयं उपस्थित थे। इस प्रेरक कृत्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। सम्पर्क सूत्र - श्री विजय, मो. 990274116।

श्री जगदीश राव
श्री जगदीश राव का 5 अगस्त, 2017 को देहांत हुआ। उनकी आयु 66 वर्ष थी। वह ईस्ट पंजाबी बाग में रहते थे। गऊ सेवा के कार्य में वह श्रद्धा और लगन से जुटे हुए थे। ’कामधेनु मंगल परिवार’ नामक संस्था के ट्रस्टी के रूप में उन्होंने अपनी सक्रियता निरंतर बनाए रखी। यह संस्था गऊ परिवार की देखभाल के लिए विश्व स्तरीय एक अस्पताल का निर्माण कर रही है। श्री राव की तीन विवाहित संतानें हैं। दुःखद घड़ी में उनके छोटे भाई ने परिवार की सहमति से नेत्र दान का निर्णय लिया। आरपी सेन्टर की टीम ने इस महादान को ससम्मान स्वीकार किया। इस प्रेरक कार्य के लिए हम परिवार का धन्यवाद करते हैं। जीते जी गऊ सेवा में लगा यह व्यक्तित्व जाते-जाते मानवता की सेवा के लिए भी एक महादान कर गया। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता है। सम्पर्क सूत्र - श्री पवन गोयल (भाई), मो. 9136072801।

श्री जयचंद मलिक
श्री जयचंद मलिक ने 90 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह किदवई नगर निवासी थे। उनके दामाद डाॅ. विनोद मलिक ने बताया कि आर्य समाज, ग्रेटर कैलाश-1 में दधीचि देह दान समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार के उद्बोधन से उनके परिवार ने देह दान की प्रेरणा ली। जयचंद जी की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने अपने पति की देह, दान करने का एक प्रेरक निर्णय लिया। पूरे परिवार के सहयोग व सहमति से 7 अगस्त, 2017 को श्री जयचंद की मृत देह भाई वर्धमान मेडिकल काॅलेज में दान कर दी गई। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर में दान की गईं। मानवता की सेवार्थ किए गए इस महादान के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर, दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी दधीचि परिवार की विनम्र प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र - डाॅ. विनोद मलिक, मो. 9810459246।

श्री धन प्रकाश गोयल
श्री धन प्रकाश गोयल का 18 अगस्त, 2017 को देहांत हुआ। उनकी आयु 90 वर्ष थी। वह केशवपुरम् में रहते थे। केन्द्रीय जल बोर्ड के निदेशक पद से रिटायर हुए थे। धार्मिक प्रवृत्ति के श्री धन प्रकाश सभी त्योहारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे। आरएसएस के सक्रिय स्वयंसेवक रहे। उन्होंने समाज को अपनी सेवाएं ‘भारतीय योग संस्थान’ के माध्यम से भी दी थीं। अपने जीवन काल में हर समय हर एक की सहायता के लिए तत्पर यह व्यक्तित्व इस संसार से जाते-जाते भी अपनी देह चिकित्सा छात्रों की पढ़ाई के दान कर गया। मरणोपरांत परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी देह गुरु तेग बहादुर मेडिकल काॅलेज को दान में दे दी। परिवारजनों का इस प्रेरणाप्रद कार्य के लिए साधुवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार के शत-शत नमन।

श्री देव कुमार
ब्रिज विहार, उत्तर प्रदेश निवासी श्री देव कुमार 71 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गए। मणिपुर से दिल्ली आकर उन्होंने कलाकार के रूप में अपना जीवन आरम्भ किया। सरकारी संस्था साँग एंड ड्रामा डिवीज़न से उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत की। बाद में डीएवी स्कूल श्रेष्ठ विहार में डांस टीचर रहे। उन्होंने स्वयं ही देह दान का संकल्प लिया हुआ था। बाइस अगस्त, 2017 को, मृत्यु के बाद पुत्रों का विरोध होने के कारण उनका देह दान सम्भव नहीं हो सका। उसी समय हमारी संस्था दधीचि देह दान समिति के संयोजक (गाज़ियाबाद) श्री अविनाश ने परिवारजनों से बातचीत करके उन्हें नेत्र दान कराने के लिए सफलतापूर्वक प्रेरित किया। मरणोपरांत श्री देव कुमार के नेत्र वेणु आई बैंक में दान किए गए। श्री देव कुमार के परिवार को प्रेरित करने के लिए श्री अविनाश का विशेष धन्यवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की सादर श्रद्धांजलि।