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स्कूली छात्राओं ने केश दान किए

कैंसर पीड़ितों के लिए उठाया कदम

दधीचि देह दान समिति ने देह-अंग दान रूपी यज्ञ में एक नई आहूति का समावेश किया। यह आहूति है केश दान। पहली आहूति तीन स्कूली छात्राओं द्वारा किए गए केशदान के रूप में दी गई। इसके साथ समिति उत्तर भारत की पहली ऐसी गैर सरकारी संस्था बन गई जिसने दिल्ली में केश दान के बारे में बताने और इसको बढ़ावा देने के लिए प्रेरक कदम उठाया। यह आयोजन 3 सितम्बर, 2017 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), पूर्वी दिल्ली शाखा, कड़कड़डुमा में हुआ। आयोजन में समिति की सहभागी थी आईएमए, पूर्वी दिल्ली शाखा।

केश दान का उद्देश्य कैंसर के इलाज की पीड़ा को झेल चुके मरीज़ों, विशेष रूप से महिलाओं को उस संकोच, झिझक और असहजता से निजात दिलाने का है जो कीमोथेरेपी के बाद सिर के गंजा हो जाने से उन्हें उठानी पड़ती है।

आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और वन्दे मातरम् गान के साथ हुई। इस बार दीप प्रज्ज्वलन की विशेषता यह रही कि आमंत्रित गणमान्य अतिथियों के साथ केश दान करने वाली तीनों छात्राएं भी शामिल हुईं। छात्राओं के नाम हैं मीरा चड्ढा (कक्षा 10), श्रेया (कक्षा 9) और एंजिल (कक्षा 5)।

समिति के महामंत्री एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर श्री हर्ष मल्होत्रा ने समिति की स्थापना और उसके निरंतर बढ़ते कार्य क्षेत्र के बारे में जानकारी दी। इसके बाद समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने बताया कि केश दान की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें हम सोच कर नहीं करते। लगभग 20 साल पहले जिस दिन मैं और मेरे 9 साथी देह दान का संकल्प लेकर अपनी वसीयत का पंजीकरण कराने गए थे, तब समिति बनाएंगे ऐसा ख्याल भी नहीं था। दो साल बाद वरिष्ठ समाजसेवी नानाजी देशमुख ने 80 वर्ष की आयु में देह दान का संकल्प लिया और इसके बारे में श्री महेश पंत को बताया। उन्होंने नानाजी को जानकारी दी कि मैं इस दिशा में सक्रिय हंू और, बस, इसके साथ दधीचि देह दान समिति गठित करने की योजना बन गई।

‘‘हाल ही में मैं मुम्बई गया हुआ था। जिस होटल के कमरे में ठहरा था वहां एक समाचारपत्र में एक पूरे पेज पर केश दान के बारे में लेख थे। मेरी उत्सुकता जागी। यह कैसा दान है! लेखों से मुझे कीमोथेरेपी कराने वालों की पीड़ा का अहसास हुआ। इस थेरेपी के बाद उनके सिर के बाल उड़ जाते हैं। रिश्तेदारों के यहां जाने, काम पर जाने, यहां तक घर से बाहर निकलने में भी उन्हें संकोच होने लगता है। खास तौर पर महिलाओं को। उनका जीवन असहज हो जाता है। मुम्बई के टाटा कैंसर अस्पताल से जुड़े 2 ट्रस्ट इन मरीज़ों के लिए दान में मिले बालों के विग उपलब्ध कराते हैं। विग के बाल ठीक वैसे ही होते हैं, जैसे इन महिलाओं के होते थे।

‘‘मुझे यह सब अनोखा और विचित्र लगा। समिति की वेबज़ीन में इसके बारे में लिखा। सोचा नहीं था कि कार्यक्रम करेंगे। समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. विशाल चड्ढा की भांजी एंजिल के मन में सबसे पहले केश दान का विचार आया। डाॅ. चड्ढा की बेटी मीरा ने भी इस पर सोचा। उसकी दादी को कैंसर हुआ था। दोनों बालिकाओं ने कीमोथेरेपी के बाद अपनी दादी/नानी की पीड़ा को देखा था। इन दोनों ने अपनी दादी/नानी की बरसी पर अपने-अपने केश दान करने का संकल्प ले लिया। यह आयोजन इन्हीं बालिकाओं के संकल्प की परिणति है।

‘‘हमारा ई-निमंत्रण डाॅ. हेडगेवार अस्पताल के एमएस डाॅ. सुशील कुमार के पास भी गया। उनके परिवार में इसकी चर्चा हुई। डाॅ. सुशील कुमार का फोन अपने साथी डाॅ. विशाल चड्ढा के पास आया, कि उनकी बेटी श्रेया भी अपने केश दान करना चाहती है। सबको आनंद हुआ। इन तीनों बालिकाओं के केश दान से यह कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है।’’

मीरा चड्ढा ने स्व-रचित कविता का पाठ किया। अंग्रेज़ी में लिखी नौ छोटे टुकड़ों की इस कविता में मीरा ने कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स से पीड़ित मरीज़ों के लिए केश दान की भावुक अपील की। उसकी कविता के शब्दों ने उपस्थित सभी के दिलों को छू लिया।

कार्यक्रम का संचालन समिति के उपाध्यक्ष श्री सुधीर गुप्ता ने किया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम की पार्षद व ज़ोन की अध्यक्ष सुश्री हिमांशी पांडे ने वन्दे मातरम् गाया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. नीलम लेखी ने की। वह आईएमए, (पूर्वी दिल्ली) की अध्यक्ष हैं। रेडियोलाॅजिस्ट हैं। इनके नेतृत्व में आईएमए पूर्वी दिल्ली सेवा के अनेक काम कर रहा है।

लुक्स सैलून से श्रीमती सोनाली दत्ता आई थीं। उन्होंने शुभकामनाएं दीं। उनके साथ आए मास्टर ने तीनों दानियों के केश काट कर संरक्षित कर लिए। ये बाल मुम्बई के एक ट्रस्ट को भेजे गए जो इनसे विग बना कर कैंसर पीड़ितों को देगा। श्रीमती सोनाली दत्ता और उनके पति श्री संजय दत्ता पिछड़े वर्ग के गरीब होनहार बच्चों को प्रति वर्ष मुफ्त शिक्षा दिलाते हैं। शिक्षा पूरी होने पर उन्हें अपने सैलून की विभिन्न शाखाओं में प्लेसमेंट भी देते हैं।

इस अवसर पर अन्य विशिष्ट लोग थे पार्षद श्रीमती गुंजन गुप्ता; पार्षद श्रीमती अंजू कमल कांत; श्री कमल कांत;डाॅ. अजय लेखी; डाॅ. अनिल वर्मा; डाॅ. वी.के. मोंगा; डाॅ. अश्विनी गोयल, आगामी अध्यक्ष डीएमए व प्रसिद्ध फिल्मकार श्री सुदीप्तो सेन।