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दधीचि की नई टीम ने काम संभाला

दधीचि देह दान समिति के नए पदाधिकारियों ने 2 दिसम्बर 2017 को, आर्मी मेडिकल काॅलेज, दिल्ली में हुई बैठक में अपने पदभार ग्रहण किए।

श्रीमती दिव्या आर्या के स्वस्ति वाचन के बीच समिति के वरिष्ठों ने श्री हर्ष मल्होत्रा को अध्यक्ष व श्री कमल खुराना को महामंत्री के आसन पर बैठाया। बहनों ने आरती की, तिलक दिया। मिठाइयां बांटी गई्र। सभी सदस्यों के चेहरे पर, योग्य नेतृत्व प्राप्त होने का संतोष था। इस अवसर पर पदाधिकारियों को श्री आलोक कुमार के आशीर्वचन प्राप्त हुए। उन्होंने निकट भविष्य में समिति के उत्तरदायित्वों का आकलन करते हुए कहा कि स्वस्थ सबल भारत की प्रतिनिधि संस्था होने के नाते भारत की जनता की ओर से हम सरकार के साथ नीति निर्धारण व कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए भी भागीदारी करें। श्री आलोक कुमार के अनुसार समिति का मार्च 2019 तक दिल्ली से काॅर्नियल अंधता दूर करने का लक्ष्य है। यह प्रति दिन 2-3 नेत्र दान से संभव है। किसी की मृत्यु पर संवेदना के लिए जाने पर उसके निकट परिजन से पूछना ’’नेत्र दान करना है क्या?’’ संकोच की बात नहीं है। अनुभव रहा है कि पूछने पर उत्तर हां में ही मिला। संकोच तो बुरे काम का होता है। नेत्र दान तो अच्छा काम है। ऐसा नेटवर्क दिल्ली में खड़ा हो जाए तो नेत्र दान की गति अकल्पनीय हो जाएगी।

कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले वक्तव्य में श्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, ‘‘आप सभी के आशीर्वाद से मुझ पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी आई है। आज समिति एक बड़ा नाम है, इसका विस्तृत काम है। इसलिए इस ज़िम्मेदारी का निर्वाह हम सभी मिल कर करेंगे। मैं आलोक जी को भी विश्वास दिलाता हूं कि उनकी देखदेख में सब मिल कर इस कार्य को और अधिक गति देंगे। मैं लगभग 17-18 वर्ष से इस समिति से जुड़ा हुआ हूं। लेकिन आज भी मन में एक कसक बनी हुई है कि मैं उस समय क्यों नहीं था जब आलोक जी ने देह दान का संकल्प लिया था? जब नानाजी ने देह दान की इच्छा जताई थी? जब समिति का गठन हुआ था और उन्होंने (नानाजी ने) संकल्प पत्र भरा था? मैं कुछ महीने बाद ही समिति से जुड़ा। प्रिन्टिंग व्यवसाय है। बहुत व्यस्तता थी। राजनीतिक कार्य बहुत समय लेते थे। पिताजी ने कहा कि समाज का काम तभी ठीक होगा जब व्यवसाय का काम सुचारु रहेगा। लेकिन उन्होंने दधीचि देह दान समिति का काम करने और इसके लिए कहीं भी जाने से कभी नहीं रोका, अपितु प्रोत्साहित ही करते रहे।

तत्पश्चात श्री मल्होत्रा ने समिति की नई कार्यकारिणी की घोषणा की व पदाधिकारियों का परिचय कराया। सभी क्षेत्रीय समितियों की पुनर्गठन की प्रक्रिया में सह-संयोजक भी बनाए गए।

चार नई समितियों की भी घोषणा की:- 1-वेबज़ीन समिति के संयोजक श्री महेश पंत। 2-सोशल मीडिया समिति के संयोजक डाॅ. विशाल चड्ढा व श्री राजीव गोयल। समिति के समन्वयक श्री आशीष अग्रवाल। 3- मीडिया समिति के संयोजक श्री अतुल गंगवार। 4-दघीचि दर्शन यात्रा समिति के संयोजक डाॅ. कीर्ति साहनी व श्री प्रमोद अग्रवाल।

उल्लेखनीय बात है कि इस बार की कार्यकारिणी में महिलाओं की प्रतिभागिता बढ़ी है। अंत में उपस्थित सभी सदस्यों से सुझाव मांगे गए। श्री आलोक कुमार ने कहा कि इन चारों समितियों का दधीचि देह दान समिति के नज़रिए को पूरा करने में बड़ा योगदान रहेगा। वेबज़ीन की पहुंच-प्रभाव के लिए विषयवस्तु को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसार चुना जाए। समिति के प्रचार में मीडिया उपस्थिति नहीं के बराबर है। इस कमज़ोर पक्ष को दूर करें। संयोजक, सह-संयोजक काम बांट लें। काम को स्तरीय बनाएं। सह-संयोजकों के पास अपना सुनिश्चित काम हो।

श्री रवि गुप्ता ने कहा कि मृतक के शोकमग्न परिवारजनों, संबंधियों, मित्रों को देह/अंग दान के लिए स्मरण कराना कठिन काम है, लेकिन हमें अपने इस संकल्प को बनाए रखना है।

श्री मुकेश गुप्ता ने कहा कि शोकमग्न परिवार से दो मिनट का समय मांग कर समिति की ओर से भी शोक संवेदना प्रकट की जा सकती है। समिति का स्थाई बोर्ड व नंबर हों। मंदिरों, गाड़ियों के पीछे, घरों, दुकानों, आयोजनों, निजी व सरकारी संस्थानों पर इस बोर्ड को लगाया जाए। वेबसाइट पर लिंक दे सकते है।

श्री विनोद अग्रवाल ने कहा हर बार सभागार की क्षमता कम पड़ जाती है हमें इस पर ध्यान देना होगा। श्री राजीव गोयल ने कहा कि समिति के दो व्हाट्स एप ग्रुप हैं और दोनों पर संदेश रिपीट होते हैं। ऐसा न हो, हमें इसका विशेष ध्यान रखना होगा।

नव निर्वाचित महामंत्री श्री कमल खुराना के धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैैठक समाप्त हुई।