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देह दानियों का 49वां उत्सव
7 मई, 2023 | विवेकानंद स्कूल, आनंद विहार. दिल्ली

दधीचि देहदान समिति की ओर से 49 वां देहदानियों का उत्सव 7 मई,2023 को विवेकानंद स्कूल, आनंद विहार में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह उत्सव समिति के पूर्वी व उत्तर पूर्वी क्षेत्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 225 संकल्प कर्ताओं को उनकी 'विल और सर्टिफिकेट' दिए गए।

42 देहदानी परिवारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समिति की परंपरा के अनुरूप कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती मंजू प्रभा ने वैदिक मंत्र से किया, जिसमें हर किसी के लिए 100 वर्ष तक स्वस्थ आयु की कामना थी। इसके बाद सभी उपस्थित अतिथियों ने कामना मिश्रा जी द्वारा उच्चरित मंत्रों के साथ दीप प्रज्वलन किया।

समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा ने गत 26 वर्षों से समिति द्वारा निरंतर किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी सभी के समक्ष प्रस्तुत की और भावी योजनाओं से भी अवगत कराया। उन्होंने बताया कि समिति का कार्य दिल्ली और एनसीआर में 9 क्षेत्रों में विभाजित है । समिति उत्सव , गोष्ठी ,वक्तव्य आदि अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस में नेत्रदान, अंगदान व देहदान के प्रति जन जागरण का कार्य करती रहती है। हमारा पूरा प्रयास रहता है कि दान पूरे सम्मान व यथोचित तरीके से हो। दानी परिवार को कोई दिक्कत न आए। समिति द्वारा किए गए पहले देह दान का अनुभव साझा करने के साथ-साथ उन्होंने बताया कि अब हड्डियों, बालों और त्वचा का दान भी संभव है । उन्होंने बताया कि जन जागरण हेतु ,अंधविश्वास के निवारण के लिए, समाज के सभी वर्गों से जुड़े प्रमुख धर्म गुरुओं के माध्यम से भी लोगों की भ्रांतियां दूर करने का प्रयास किया जाता है । इसी श्रृंखला में इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और अखाड़ा परिषद के महामंडलेश्वर महंत नवल किशोर दास ने देहदान और अंगदान से जुड़ी धार्मिक भ्रांतियों को दूर करते हुए इसे एक दैवीय व ईश्वरीय कार्य बताया और सबको अंगदान वा देहदान के संकल्प के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह एक पुण्य कर्म और परोपकार है। यह दान करके मृत व्यक्ति परोक्ष रूप से भी जीवित रहता है । हमारे धर्म ग्रंथों में देहदान अंगदान को पूरी तरह शास्त्रीय मान्यता प्राप्त है।

कार्यक्रम में मेडिकल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एम्स के डॉ जयदीप कुमार शर्मा ने किया। उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में देहदान और अंगदान की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए इससे जुड़े सभी चिकित्सीय पहलुओं की जानकारी दी। डॉ जयदीप शर्मा स्वयं भी हम सब के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।1993 में एक सड़क दुर्घटना में इनके पूरे परिवार का स्वर्गवास हो गया। लगभग 10 वर्ष तक एम्स में उनका इलाज चला और

17 लोगों के अंग इन्हें प्रत्यारोपित किए गए । डॉ जयदीप ने भावुक होकर नम आंखों से सभी से अपील की कि सभी इस पुण्य कर्म में सहयोग करें और परोपकारी बनें।

संस्था के माध्यम से हुए तीन देहदानियों के परिवारजनों ने अपने व्यक्तिगत अनुभव उपस्थित सभा में साझा किए एवं संस्था का उचित समय में व्यवस्था एवं प्रशासन के साथ तालमेल के लिए धन्यवाद किया। अंगदान के लाभार्थी युवा श्री राहुल प्रजापति ने, जिनका कुछ समय पूर्व हृदय ट्रांसप्लांट हुआ था ,अपनी जीवटता दिखाते हुए इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया के विश्व ट्रांसप्लांट गेम्स में डिस्क थ्रो में कांस्य पदक जीता है। उन्होंने अपनी संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा के बारे में लोगों को बताया और समिति के सहयोग के लिए धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों और अनेक सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया । सबने देहदान अंगदान से जुड़े अनेक प्रश्न किए व अपने संशय का निवारण किया ।

उत्सव का सफल आयोजन श्री कमल खुराना (महामंत्री ,दधीचि देहदान समिति), डॉ विशाल चड्डा (संयुक्त महामंत्री, दधीचि देहदान समिति) एवं श्री प्रद्युम्न आहूजा (चेयरमैन, विवेकानंद स्कूल) के सानिध्य में संपन्न हुआ। श्रीमती गुंजन गुप्ता ने इस कार्यक्रम का सहज प्रभावी संचालन किया।

अंत में पूर्वी क्षेत्र की संयोजिका श्रीमती गुंजन गुप्ता व उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के संयोजक श्री योगेंद्र अग्रवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सुविज्ञ जनों का धन्यवाद किया ।आयोजन में श्री विश्वास शुक्ला ,श्री अमित गर्ग ,श्री संदीप शर्मा ,श्री संजय पांचाल,श्रीमती विनीता अग्रवाल ,श्रीमती काजल अग्रवाल, श्रीमती कामना मिश्रा एवं श्री निर्मल गुप्ता का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का समापन संपूर्ण विश्व के आरोग्य व कल्याण की प्रार्थना करने वाले शांति मंत्र से किया गया। उपस्थित समाज ने आयोजन की भूरी भूरी प्रशंसा की । साथ ही भविष्य में ऐसे और आयोजनों की कामना की, जो समाज के लिए लाभदायक व प्रेरणाप्रद रहें