श्रद्धा सुमन
आंखें अभी और भी देखेंगी दुनिया

श्री सुशील कुमार गुप्ता
श्री सुशील कुमार गुप्ता का 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह दिल्ली के रानी बाग में रहते थे । उनके बेटे से फोन पर उनके विषय में बात हुई। वे अपने परिवार के लिए पूर्णत: समर्पित थे। सबकी सहायता करने को तत्पर रहते थे। 2 मई को मरणोपरांत उनके नेत्रदान का निर्णय लेकर परिवार ने मानवता की सेवा में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का अभिवादन। गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित उनके नेत्र दान में लेकर गई। समिति परिवार दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करता है।
संपर्क सूत्र : पुत्र, श्री आकाश, 93121 31820

दान से महादान तक का सफर

श्री भूपेंद्र दत्त जोशी
श्री भूपेंद्र दत्त जोशी का 72 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह गाजियाबाद के वैशाली में रहते थे। उनकी बेटी ने आदर सहित उनके विषय में बात की। वे स्कूल में काम करते थे। बच्चों से उन्हें बहुत प्यार था। उनके पास हमेशा कुछ न कुछ बच्चों को बांटने के लिए होता था। धार्मिक पुस्तकों का वितरण करना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। घूमने का बहुत शौक था। कैलाश, बद्रीनाथ जैसी कई जगह पर भी अपनी धार्मिक यात्राएं कर चुके थे। नवरात्रों में वे नियमित रूप से देवी मंदिर जाते थे। स्व. भूपेंद्र ने देहदान का संकल्प लिया हुआ था। 2 मई को उनका देह दान करवाने की प्रक्रिया में परिवार ने धैर्य व दृढ़ संकल्प का प्रशंसनीय परिचय दिया। परिवार का साधुवाद। ई.एस.आई. मेडिकल कॉलेज, अलवर ने सम्मान सहित उनके पार्थिव शरीर को स्वीकार किया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह एक बहुत उपयोगी व अमूल्य दान है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र :पुत्री, श्रीमती खुशी शर्मा, 98704 82084

सबका ध्यान रखना उनके स्वभाव में था

श्री लाल चंद आर्य
श्री लाल चंद आर्य का 3 मई को निधन हुआ। वह दिल्ली के राजौरी गार्डन में रहते थे। उनके पुत्र ने फोन पर उनके विषय में आदर पूर्वक वार्ता की। वह आर्य समाज से सक्रियता से जुड़े हुए थे। नियमित हवन के लिए आर्य समाज जाते थे। दान करने में विश्वास रखते थे। जो कोई भी उनके पास किसी प्रकार की सहायता के लिए आ गया, वो उनसे कभी निराश नहीं हुआ। माली, धोबी, सब्जीवाला, छोटे बड़े, सब उनकी शोक सभा में शामिल हुए। परिवार ने उनके नेत्रदान का क्रियान्वयन करवा कर समाज में एक प्रेरक व अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री अनिल आर्य, 98101 77284

त्याग और ममता का सागर

श्रीमती सुषमा निगम
श्रीमती सुषमा निगम ने 78 वर्ष की आयु में अपनी जीवन यात्रा पूर्ण की। वह फरीदाबाद में रहती थीं। उनके पुत्र ने आदर पूर्वक उनके विषय में एक लिखित संदेश भेजा है-
"Our Mother, Late Smt Sushma Nigam left for her heavenly abode after completing her journey on this planet earth on 5th May 2023. She was 79. She was the oldest child of her parents n was the oldest daughter in law of the family. Being eldest she had always been a very loving, polite, caring and a selfless person. She was an intelligent, sharp and a very very hardworking person. She did her masters in Political Science from Delhi University. She was not only bright in studies but was also well versed in stitching, knitting, embroidery and was Our master chef as was an expert cook. She was a wonderful n caring wife, loving sister, daughter in law, mother, grandmother, great grandmother n has always showered her love to all the near n dear ones. Her generosity followed even after she left. She donated her eyes so that she could even help someone to see this beautiful world. She is fondly remembered by each one of us n will always be in our heart. We are proud be her children. To explain how she in one sentence is," Tu pyaar ka sagar hai, Teri ek ek boond me bas sabke liye pyaar mamta aur tyaag hai."
एम्स के आर.पी. सेंटर की टीम सम्मानसहित उनके नेत्र दान में लेकर गई। मानवता के इस पुण्य कार्य में सहभागी बनने के लिए परिवार का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र :पुत्र, श्री सौरभ निगम, 98730 44774

जिन्दगी एक उत्सव की तरह

श्री विजय कुमार बग्गा
श्री विजय कुमार बग्गा का 72 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह गुरुग्राम में रहते थे। उनके पुत्र ने बताया कि दो साल पहले ही उन्हें देहदान के विषय की जानकारी मिली और उन्होंने संकल्प पत्र भर दिया। 11 मई को परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान किया और ई.एस.आई. मेडिकल कॉलेज, अलवर में उनका पार्थिव शरीर चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए दान में दिया गया। परिवार का अभिवादन। स्व. विजय के पुत्र ने अपने पिताजी के लिए हमें एक भावनात्मक संदेश भेजा है-
"He was a very strong willed and forward-thinking person. He made us all agree to donate his body.
He did not want to do a prayer / kirya… instead he wanted all of us to remember him and be happy about the time he spent while living … so we hosted a lunch and had some light music and old Hindi songs in his memory. He was very fond of travelling, meeting people. He was very energetic.
Two children … me and my sister; and he raised us very well and we thank him always for whatever we are today."
दिवंगत आत्मा के लिए समिति परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि ।
संपर्क सूत्र ,पुत्र :श्री विक्रम बग्गा, 99717 90621

मानवता की सेवा में नेत्रदान

सुश्री सुषमा जैन
सुश्री सुषमा जैन का 13 मई को देवलोक गमन हुआ। वह दिल्ली के राणा प्रताप बाग में रहती थीं। उनके भाई ने उनके विषय में लिखित संदेश भेजा है-
" मेरी बड़ी बहन सुश्री सुषमा जैन का 64 वर्ष की आयु में देवलोक गमन हुआ। उनकी इच्छा अनुसार उनके नेत्र एवं संपूर्ण देह का दान किया गया। गुरु नानक आई सेंटर में नेत्रदान हुआ। भारतीय जैन संगठन दिल्ली प्रदेश व दधीचि देहदान समिति द्वारा एम्स दिल्ली को देहदान कर इस प्रक्रिया को पूरा किया गया। उन्होंने अपनी चेतन अवस्था में ही, मरणोपरांत नेत्रदान एवं देहदान की भावना रखी थी। सुषमा जी ने अपने शरीर का मोह त्याग कर नेत्रदान एवं संपूर्ण देह का दानकर, सच्ची श्राविका होना साबित कर दिया। उनके नेत्रों के माध्यम से चार लोगों को रोशनी प्राप्त हुई है, जिससे वे आज भी जनमानस के बीच उपस्थित रहेंगी। भगवान ऐसी आत्मा को सद्गति प्रदान करें।"
मानवता की सेवा में नेत्रदान व देहदान का क्रियान्वयन करने के लिए परिवार का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र : भाई ,श्री सुनील जैन 9810046675

परमार्थ का सच्चा सौदा का महादानी

श्री बालकृष्ण
श्री बालकृष्ण का 83 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह नांगलोई में रहते थे। उनके पुत्र ने फोन पर आदर पूर्वक उनके विषय में जानकारी दी। इनका परिवार डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है। वहीं पर अपने गुरुजी के समक्ष इन्होंने नेत्रदान और देहदान का प्रण लिया था। मृत्यु के समय की स्थिति के अनुसार केवल नेत्रदान ही संभव हो सका। 16 मई को गुरु नानक आई सेंटर की टीम स्व. बाल कृष्ण के नेत्र सम्मान सहित दान में लेकर गई। इनके प्रण का सम्मान करने के लिए परिवार का अभिवादन। अपने जीवन काल में भी स्व. बालकृष्ण परमार्थ के कार्यों में लगे रहते थे। सामाजिक स्थानों की सफाई के प्रति भी सचेत थे। उन्होंने कई स्थानों पर वृक्षारोपण भी किया। धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। वे हरेक की यथासंभव मदद करते थे। उन्होंने स्वयं को भी बहुत मेहनत से खड़ा किया था। ऐसे व्यक्तित्व को हमारा नमन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री राजकुमार, 97114 44472

संकल्प का सम्मान

श्री राजवीर अरोड़ा
श्री राजवीर अरोड़ा का 67 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह गाजियाबाद के रामप्रस्थ में रहते थे। उनके पुत्र ने भावपूर्ण शब्दों में उनके प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं-
"May 21, 2023 was the day we lost a person very dear to us. A humble man full of love and strength. He is now far from us but his love will always remain with us. His valueable talks will always show right path in our lives. He had great contributions in our lives, from sharing his life experiences and to get lessons from that. Starting his life from a small village to stand all his 3 children. He fulfils all his responsibilities towards his family and dear ones. He was the pillar of our family. We miss the ears who listen to us, the hands who used to bless us. Life has been very different to us since you left. We are very grateful to have such a beautiful time with you."
स्व. राजवीर ने देहदान का संकल्प लिया हुआ था। दु:खद क्षण में भी उनकी पत्नी ने यह संकल्प परिवार को बताया और परिवार जनों ने उनके संकल्प का सम्मान किया। 21 मई को उनका पार्थिव शरीर मां अमृतानंदमयी कॉलेज में चिकित्सा की पढ़ाई करनेवाले छात्रों को दान में दिया गया। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री राकेश अरोड़ा, 9212 647507

समाज को समर्पित जीवन

श्री बाबूलाल शर्मा
श्री बाबूलाल शर्मा का 82 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह दिल्ली के रोहिणी में रहते थे। उनके पुत्र से इनके विषय में लंबी चर्चा हुई। वे रॉ में काम करते थे, पर परिवार को कभी पता नहीं चला। सेवानिवृत्ति के बाद RSS से जुड़े और लगभग 15 वर्ष सेवा भारती में निष्ठा पूर्वक पूरा समय लगाया। परिवार में सबने देहदान का संकल्प लिया हुआ है। स्व. बाबूलाल की पत्नी का भी देहदान, दधीचि देहदान समिति के माध्यम से ही हुआ था। 24 मई को इनके संकल्प का सम्मान करते हुए परिवार ने उनका पार्थिव शरीर यू.सी.एम.एस., जी टी बी में दान किया। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री मयंक, 92127 37361

समाज में समरसता के लिए प्रयास

श्रीमती आशा नाहल
श्रीमती आशा नाहल का 67 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह दिल्ली के मोती नगर में रहती थीं। उनके पुत्र ने उनके विषय में लिखित जानकारी भेजी है- "अमृतसर में जन्मी मेरी मां बाल्यकाल से ही गृह कार्य में निपुण थीं। भक्ति-संगीत, प्रातः संध्या वंदन उनका नित्य कर्म था। इनका विवाह संघ के एक समर्पित स्वयंसेवक श्री इंद्रजीत नाहल के साथ हुआ। फलत: ये प्रत्यक्ष व परोक्ष दोनों तरह से समाज के कार्यों में जुड़ गई। कालचक्र के साथ जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए, जिन्हें पार किया व पति के साथ व्यापार की भी सहभागी बनी। एक वर्ष तक व्यापार का सारा कार्य भार अपने कंधों पर ले लिया। परिवार के बच्चे संस्कारी बनें इसके लिए संघ के अधिकारियों से इनका आग्रह रहता था कि बच्चों को संघ की शाखाओं से जोड़ा जाए। अपने दोनों पुत्रों व पौत्र को संघ कार्य से जोड़ा। समाज में समरसता का भाव लाने के लिए उन्होंने स्वयं से उदाहरण प्रस्तुत किया। श्राद्ध पक्ष में समरसता संवर्धन के लिए ब्राह्मणों के साथ-साथ अपने क्षेत्र के सफाई कर्मचारियों को भी भोजन पर आमंत्रित किया व दक्षिणा दी। अपने बड़े पुत्र के विवाह के समय इन्होंने निर्धन कन्याओं का विवाह करवाया। लिवर की बीमारी से 27 मई को वे प्रभु चरणों में जा विराजीं। पुण्य आत्मा को सादर नमन।"
परिवार ने नेत्रदान का क्रियान्वयन करवा कर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का साधुवाद। गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित इनके नेत्र दान में लेकर गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री अभिषेक, 98106 36789

सन्यासी जीवन का संदेश

श्री नफे सिंह
श्री नफे सिंह जून का 29 मई को देहांत हुआ। वह बहादुरगढ़ में रहते थे। उनके बेटे से उनके विषय में अच्छी लंबी चर्चा हुई। वे बचपन से ही दंगल के मेलों में सक्रियता से भाग लेते थे। राजस्थान पुलिस से 1989 में रिटायर हुए और फिर अपने पैतृक गांव में ही रहने लगे। उनकी सोच व जीवनशैली केवल परिवार तक ही सीमित नहीं थी। वे अपने आसपास सबकी चिंता करते थे। सन्यासी जीवन था उनका। अपनी पेंशन भी वे जरूरतमंदों को ही बांट देते थे। अपना जीवन सात्विक था। श्री कन्हैया लाल जी ने आर्य, संरक्षक आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा, ने अपनी माताजी का देहदान किया था। वहीं से स्व.नफे सिंह जी के परिवार ने इस विषय में प्रेरणा ली व सबने देहदान का संकल्प लिया। अपने पैतृक स्थान से ही सम्मान पूर्वक परिवार ने ई.एस.आई मेडिकल कॉलेज, अलवर के लिए उनके पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई दी। कई सामाजिक व धार्मिक विभूतियां इस दृश्य की साक्षी बनीं। सभी समाचार पत्रों ने इस दान के क्रियान्वयन की प्रशंसा की। परिवार का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री अशोक जून 9996 542766

जाते-जाते कर गए सेवा

श्री जोगिंदर सिंह
श्री जोगिंदर सिंह का 74 वर्ष की आयु में देहांत हुआ। वह दिल्ली के निरंकारी कॉलोनी में रहते थे। उनके बेटे से फोन पर उनके विषय में बात हुई। इनका परिवार 'द लिविंग ट्रेजर' संस्था से जुड़ा हुआ है।
स्व. जोगिंदर सिंह का व्यवहार सब के प्रति बहुत अच्छा था, जिस कारण सब उन्हें प्यार करते थे। गुरुद्वारे में निरंतर सेवा देते थे। उन्हें घूमने का बहुत शौक था। 25 साल तक लगातार उन्होंने हिमाचल प्रदेश के हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा में मत्था टेका। यह उनके जीवन की एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी। मानवता की सेवा के लिए परिवार प्रतिबद्ध है। परिवार जनों की ऊंची सोच के कारण ही स्व. जोगिंदर सिंह के नेत्रदान व देहदान की प्रक्रिया संभव हुई। परिवार का अभिवादन। 2 जून को गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित उनके नेत्र दान में लेकर गई। कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करनेवाले छात्रों के लिए स्व. सिंह का पार्थिव शरीर दान किया गया। दिवंगत आत्मा को हम सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री मनप्रीत गुलाटी, 98999 92260

पोते का सुपर हीरो दादू

श्रीमती रामकली तायल
श्रीमती रामकली तायल का 92 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वह दिल्ली के पीतमपुरा में रहती थीं। उनके पोते ने बहुत गर्व से उनकी सक्रियता व कर्मठता के विषय में चर्चा की। स्व. रामकली का जीवन अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहा। 3 जून को उनके नेत्रदान करके परिवार ने मानवता की सेवा में एक अतुलनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का अभिवादन। गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित उनके नेत्र दान में लेकर गई। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र: पुत्र ,श्री सचिन तायल, 88601 91770

हुनर बांटने का हुनर

श्रीमती प्रेमलता बंसल
श्रीमती प्रेमलता बंसल का 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वह दिल्ली के राजौरी गार्डन में रहती थीं। उनके पुत्र से फोन पर उनके विषय में बात हुई। घर के सभी कार्यों में उनकी रुचि और दक्षता थी। ऊन से उन्होंने स्वयं भी बहुत बुनाई करी और बहुत लोगों को सिखाई। परिवार के प्रति समर्पित गृहिणी थीं। परिवार में सबने नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ है। 4 जून को स्व. प्रेमलता के नेत्रदान का क्रियान्वयन करके परिवार ने समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का साधुवाद। गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित उनके नेत्र दान में लेकर गई दिवंगत आत्मा के लिए हमारी सादर श्रद्धांजलि।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री अनुराग बंसल, 98180 30878

जाने के बाद भी समाज की सेवा

श्री धर्मपाल गुप्ता
श्री धर्मपाल गुप्ता का 78 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। उनका परिवार दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके के निहार विहार में रहता है। स्व. धर्मपाल बचपन से ही संघ के स्वयंसेवक रहे। इन्होंने 26 जनवरी 1963 की परेड में भी भाग लिया था। ये निरंतर समाज सेवा के कार्यों से जुड़े रहे। इन्होंने भाजपा व विश्व हिंदू परिषद में भी समय-समय पर महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया। राम मंदिर आंदोलन में इनकी सक्रियता देखते ही बनती थी। लगभग 18 वर्षों से ये झंडेवालान संघ कार्यालय में ही रहकर अपनी सेवाएं दे रहे थे। वहां ये अतिथि गृह के प्रमुख तथा संघ की झंडेवाला शाखा के मुख्य शिक्षक रहे।
पिछले कुछ समय से उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था। वे अपने अंतिम समय तक चिकित्सकीय देखभाल में कार्यालय में ही थे। उन्होंने अपने पुत्र की सहमति से एम्स में आयोजित दधीचि देहदान समिति के कार्यक्रम में देहदान का संकल्प लिया था। उनके संकल्प का सम्मान करते हुए परिवार ने इनकी मृत्यु के बाद 10 जून को लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में इनका देह दान किया। गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित इनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवार का अभिवादन। जीवन काल भी समाज को समर्पित और मरणोपरांत भी मानवता की सेवा ..... ऐसे समर्पित व ध्येयनिष्ठ व्यक्ति को हमारा सादर नमन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री पंकज गुप्ता, 80 10056 5878

धार्मिक कार्यों में सक्रिय साझेदारी

श्रीमती सावित्री देवी
श्रीमती सावित्री देवी का 82 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह फरीदाबाद में रहती थीं। उनके पुत्र से फोन पर उनके विषय में बात हुई। वे धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं। रामायण पाठ व सत्संग में उनकी रुचि थी। पहाड़गंज, दिल्ली में उनका अधिक समय बीता। वहां के मंदिरों की कई गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेती थीं। परिवार के प्रति उनका पूर्ण समर्पण का भाव था। उन्होंने अपने जीवन काल में अधिकांश तीर्थ यात्राएं करी थीं। 11 जून को मरणोपरांत स्व. सावित्री देवी के नेत्रदान का निर्णय लेकर परिवार ने मानवता की सेवा में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार जनों का अभिवादन। आर.पी. सेंटर,एम्स की टीम सम्मान सहित उनके नेत्र दान में लेकर गई। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में प्रार्थना करते हैं ।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री राजकुमार, 98107 30802

विद्यार्थियों को मिला अमुल्य दान

श्रीमती नीरा ढींगरा
श्रीमती नीरा ढींगरा का 18 जून को देहावसान हुआ। वह दिल्ली के सफदरजंग एनक्लेव में रहती थीं। परिवार ने अंतिम संस्कार न करके चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करनेवाले छात्रों के लिए उनके पार्थिव शरीर का दान किया। चिकित्सा जगत की सेवा में किया गया यह एक अतुलनीय योगदान है। मां अमृतानंदमयी मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के एनाटॉमी विभाग में यह पार्थिव शरीर आदर सहित रखा गया। समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं।
संपर्क सूत्र :पुत्र ,श्री करण, 981 0430 408

जिंदगी में परोपकार कानून की तरह

श्री ओम प्रकाश
श्री ओम प्रकाश ने 80 वर्ष की आयु में अपनी जीवन यात्रा पूर्ण की। उनके पुत्र ने उनके विषय में हमें एक लिखित संदेश भेजा है-
"श्री ओम प्रकाश मित्तल का 20 जून 2023 देहावसान हुआ। वह गुड़गांव में रहते थे। एक उच्चतम वकील और एन.टी.पी.सी. के जनरल मैनेजर (कानून) थे। वह बेहद ईमानदारी से अपना काम करते थे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़े, ओम प्रकाश जी बेहद ज्ञानी व बुद्धिमान थे। उन्होंने अपने जीवन काल में कई केस देखे। वह बहुत अच्छे थे, व हमेशा सभी का सम्मान करते थे। वह हमेशा अपने परिवार के बारे में सोचते थे और हमेशा सभी के मदद के लिए तत्पर रहते थे।"
परिवार ने उनकी मृत्यु के पश्चात उनके नेत्रदान का क्रियान्वयन करके समाज में मानवता की सेवा का एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार जनों का अभिवादन। समिति परिवार की दिवंगत आत्मा के प्रति सादर श्रद्धांजलि।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री तनुष, 98990 00424

मेडिकल के विद्यार्थियों में प्रथम गुरु का सम्मान

श्री सूरज प्रकाश
श्री सूरज प्रकाश का 72 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वह दिल्ली के बसई दारापुर के निवासी थे। उनके पुत्र, जो दधीचि परिवार के सक्रिय सदस्य हैं, ने आदर पूर्वक उनके विषय में चर्चा की स्व. सूरज प्रकाश भक्ति भाव से ओतप्रोत थे। कैसी भी परिस्थिति हो उनका भाव यही रहता था कि ऊपर वाला ही सब ठीक कर देगा। हरेक की सहायता को तैयार रहते थे। अपना काम धंधा छोड़कर भी आगे बढ़कर निस्वार्थ भाव से सहायक बन जाते थे किसी के भी। रास्ते चलते सबको राम राम कहते हुए चलना उनकी स्वाभाविक प्रक्रिया थी। परिवार ने मरणोपरांत उनके देहदान का क्रियान्वयन करके समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। 26 जून को उनका पार्थिव शरीर अंबेडकर कॉलेज में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए दान किया गया। पार्थिव शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों में प्रथम गुरु के रूप में सम्मान प्राप्त कर रहा है। परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं।
संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री कपिल, 92138 50244
