श्रद्धा सुमन
श्री कृष्णलाल नरवारा
श्री कृष्णलाल नरवारा का 2 नवम्बर, 2016 को निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। बचपन गरीबी में बीता, लेकिन, बाद में अपनी मेहनत से सब सुख-सुविधाएं उन्होंने परिवार के लिए जुटा लीं। सन् 2010 के बाद से वह राम नाम की काॅपियां लिखते रहे। आनंद पर्वत, दिल्ली की वलाई समाज समिति के एक सक्रिय कार्यकर्ता थे। समाज में शादियां करवाने व बातचीत द्वारा सामाजिक झगड़े सुलझाने जैसे कार्यों मे विशेष रूप से लगे रहते थे। श्री नरवारा के परिवारजनों ने मरणोपरांत उनकी आंखें दान करने का एक प्रेरक निर्णय लिया। गुरु नानक आई सेंटर में उनकी आंखें दान की गईं। मानव सेवा के लिए किए गए इस निर्णय पर उनके संबंधियों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की श्रद्धांजलि।
श्रीमती सीता रानी
श्रीमती सीता रानी 11 नवम्बर, 2016 को अपनी इहलीला समाप्त कर परलोकवासी हुईं। उनकी उम्र 74 वर्ष थी। उन्होंने दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर रह कर अपनी सेवाएं दीं। वह एक साहसी व ताकतवर महिला थीं। किसी भी प्रकार से वह अपनी महिला सहकर्मियों के लिए मददगार साबित हो जाती थीं। उनकी मृत्यु के बाद निकटस्थ संबंधियों ने उनके नेत्र दान करने का साहसपूर्ण निर्णय लिया और हमारी संस्था दधीचि देह दान समिति के माध्यम से गुरु नानक आई सेंटर की टीम, मानव कल्याण के लिए, उनकी आंखें ससम्मान लेकर गई। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की ईश्वर से श्रद्धासहित प्रार्थना।
श्रीमती दुलारी गुप्ता
श्रीमती दुलारी गुप्ता, रानीबाग गवर्नमेंट स्कूल, दिल्ली में हेड मिस्ट्रेस थीं। अवकाश प्राप्ति के बाद उनका समय परिवार के साथ बीता। मंदिर जाना भी उनका नित्य का एक नियम था। 86 वर्ष की आयु में, 12 नवम्बर, 2016 को उनका देहांत हुआ। उनकी मृत्यु के बाद बेटे ने उनकी आंखें दान करने का फैसला लिया और वेणु आई हाॅस्पिटल में उनके नेत्र दान किए गए। एक प्रेरक निर्णय लेने के लिए परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा को हमारे दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि।
श्री प्रभाकर गाताडे
श्री प्रभाकर गाताडे का 90 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उनका जीवन बहुत उपयोगी व सार्थक रहा। सन् 1984 में वह सेंट्रल एक्साइज़ विभाग में डिप्टी कलक्टर पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने एक वर्ष भारत के वित्त मंत्री के निजी सचिव के रूप में भी काम किया। महिला दक्षता समिति में 2 वर्ष तक अपनी अवैतनिक सेवाएं दीं। इतना ही नहीं, वह साहित्य में भी दखल रखते थे। उनकी कई कहानियां भी छपी हैं। हिन्दी, अंग्रेज़ी, व मराठी-इन तीनों भाषाओं में कहानियों का परस्पर अनुवाद करना भी उनकी योग्यता का एक हिस्सा रहा। उनका लेखन विशेषतः बच्चों के लिए होता रहा। समसामयिक विषयों पर भी उनके लेख अक्सर विभिन्न समाचारपत्रों में छपते रहे। समाज के लिए उपयोगी जीवन जीने वाला यह व्यक्तित्व मरणोपरांत भी चिकित्सा विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए उपयोगी बन गया। 17 नवम्बर, 2016 को उनका देह दान आॅल इंडिया मेडिकल काॅलेज को किया गया। उनके नेत्र गुरु नानक आई संेटर में दान किए गए। इन प्रेरक कार्यों को क्रियान्वित करने वाले उनके परिवारजनों को हमारा नमन। दधीचि परिवार की ओर से दिवंगत आत्मा के लिए विनम्र श्रद्धासुमन।
श्री कंवर भान मैंगी
श्री कंवर भान मैंगी के नेत्र, 20 नवम्बर, 2016 को मरणोपरांत गुरु नानक आई सेंटर में दान किए गए। श्री मैंगी आरएसएस के सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्होंने पहले से स्वयं ही नेत्र दान का संकल्प लिया हुआ था। उनके संकल्प का सम्मान करने वाले परिवारजनों को हमारा साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दे।
श्रीमती विद्यावती अग्रवाल
श्रीमती विद्यावती अग्रवाल ने 89 वर्ष की आयु में 15 दिसम्बर, 2016 को अपनी इहलीला समाप्त की। मरणोपरांत उनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान की गईं। मानव सेवा के लिए किए गए इस प्रेरक निर्णय के लिए उनकी परिवारजनों की भावना का हम साधुवाद करते हैं। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत-शत नमन।
श्रीमती कौशल्या रानी
अपने पारिवारिक दायित्वों को बखूबी पूरा करते हुए श्रीमती कौशल्या रानी ने 75 वर्ष की आयु में अपना शरीर छोड़ा।18 दिसम्बर, 2016 को मरणोपरांत उनकी देह यू.सी.एम.एस. को, चिकित्सा विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए, दान कर दी गई। चिकित्सा क्षेत्र के अध्ययन और विकास के लिए किए गए इस अत्यंत महत्वपूर्ण दान के क्रियान्वयन में सहयोग करने वाले उनके परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की प्रार्थना।
श्री राजकुमार खुराना
श्री राजकुमार खुराना ने 69 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। 20 दिसम्बर, 2016 को मरणोपरांत उनकी देह लेडी हार्डिंग मेडिकल काॅलेज और आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान की गईं। राधास्वामी सत्संग से जुड़ी अपनी पत्नी श्रीमती वीणा की प्रेरणा से उन्होंने दधीचि देह दान समिति में अपना संकल्प पत्र भरा हुआ था। इरविन अस्पताल की अनुशंसा पर भारत सरकार द्वारा श्री खुराना को लीबिया भेजा गया था, जहां 16 वर्ष तक उन्होंने काम किया। एक कुशल रेडियोग्राफ़र के रूप में उनकी अपने कार्य क्षेत्र में मांग थी। हंसमुख व मिलनसार स्वभाव वाले व्यक्तित्व को खोकर जहां परिवार शोकग्रस्त है वहीं मानव सेवा के लिए उनके दान से संतुष्ट भी हैं। अपने पति की इच्छा का सम्मान रखने के लिए श्रीमती वीणा को हमारा नमन। दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दे।
श्री कैलाशचंद जैन
श्री कैलाशचंद जैन का परिवार ब्रह्मकुमारी संस्था से जुड़ा हुआ आध्यात्मिक प्रवृत्ति का एक परिवार है। श्री जैन का 84 वर्ष की उम्र में 28 दिसम्बर, 2016 को निधन हो गया। उनकी इच्छानुसार, मरणोपरांत उनकी देह व आंखें दान कर दिए गए। चिकित्सा विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए यू.सी.एम.एस. (जी.टी.बी.) में उनकी देह दान की गई और आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर को दान की गईं। दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ताओं की सहायता से ये दान कार्य सुविधापूर्वक सम्पन्न हो सके। परिवारजनों को हमारा साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के श्रद्धा सुमन।
श्रीमती संतोष गुप्ता
श्रीमती संतोष गुप्ता के नेत्र मरणोपरांत, 28 दिसम्बर, 2016 को राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान किए गए। उनकी आयु 69 वर्ष थी। श्रीमती गुप्ता धार्मिक प्रवृत्ति की एक महिला थीं। परिवार के एक निकटस्थ संबंधी आरएसएस के कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने यह दान करवाने में दधीचि देह दान समिति के साथ सम्पर्क सूत्र का काम किया। इस प्रेरक निर्णय को कार्य रूप देनेके लिए परिवार के सदस्यों को हमारा नमन। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की प्रार्थना।
श्रीमती माया देवी
सत्तर वर्षीय माया देवी की मृत्यु 29 दिसम्बर, 2016 को हुई। अपने परिवार के प्रति वह एक समर्पित महिला थीं। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों ने उनकी आंखें दान करने का निश्चय करके एक स्वागतयोग्य व प्रशंसनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर की टीम ने आकर लिए। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हमारी ईश वंदना।