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दधीचि देह दान समिति की वार्षिक आम बैठक

दधीचि देह दान समिति की कार्यकारिणी की वार्षिक बैठक की इस बार उल्लेखनीय बात यह रही कि समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने पद छोड़ कर नए अध्यक्ष का मार्ग प्रशस्त किया। उल्लेखनीय है कि अध्यक्ष पद का चुनाव हर दूसरे साल वार्षिक बैठक में होता है। श्री आलोक 20 वर्ष तक लगातार समिति के सर्वसम्मत अध्यक्ष रहे। कार्यकारिणी की बैठक 4 नवम्बर, 2017 को हरियाणा भवन में हुई। बैठक में कार्यकारिणी समिति के 17 सदस्य, आठ क्षेत्रीय संयोजकों और विशेष आमंत्रित अतिथियों सहित कुल 85 लोग उपस्थित थे।

समिति के महामंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने कार्यकारिणी की बैठक का संचालन किया। वर्ष भर के कार्यक्रमों का ब्योरा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने बताया कि दधीचि देह दान समिति की उम्र लगभग 20 वर्ष हो गई है। प्रारम्भ में इसकी गति धीमी लेकिन स्थिर रही। पिछले दो-तीन वर्षों में समिति की गति ने एकदम तेज़ी पकड़ी है। यह समिति के कार्यकर्ताओं की लगन और मेहनत का ही प्रमाण है। हम अकल्पनीय ऊंचाइयों को छूने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। समिति के साथ अब तक 8500 से अधिक संकल्पकर्ता जुड़ चुके हैं; 179 देह दान; 526 जोड़े नेत्र दान; 4 ब्रेन डेड व्यक्तियों के अंग दान; 3 मृत व्यक्तियों के अस्थि दान और 1 त्चचा दान किए जा चुके हैं। सन् 2016 में गठित 8 क्षेत्रीय समितियों में से कुछ क्षेत्रीय समितियों ने तो मात्र एक वर्ष के अंदर अपने-अपने मंडल भी बना लिए हैं। उन्होंने बताया 20 वर्ष पूर्व जब समिति का कार्य शुरू किया था तो मन में था कि अच्छा कर रहे हैं, लेकिन इतना विस्तार होगा ऐसा अनुमान नहीं था। समय के साथ इसकी स्वीकार्यता समाज में बढ़ी है। दिल्ली-एनसीआर समिति की कर्मभूमि हैं लेकिन, भरतपुर (राजस्थान), पटना (बिहार), हिमाचल प्रदेश और पुणे (महाराष्ट्र) तक से देह-अंग दान करवाने के लिए समिति के पास फोन आने लगे हैं। पटना में तो श्री सुशील मोदी (पूर्व उपमुख्यमंत्री, बिहार) के नेतृत्व में दधीचि देह दान संस्था का जन्म भी हो चुका है। कोटपूतली भी श्री विष्णु मित्तल की दृढ़ इच्छा शक्ति से देह दान व अंग दान के उद्देश्य को लेकर एक समिति, गठन की प्रक्रिया में है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा, एम्स के निदेशक एलोपैथी-आयुर्वेद-होम्योपैथी व यूनानी चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित सभी सरकारी मेडिकल काॅलेजों के डीन्स, लाॅयन्स क्लब के निदेशक और स्वयंसेवी संस्थाओं ने दधीचि देह दान समिति के काम और लगन को सराहा है।

श्री मल्होत्रा ने तीसरी दधीचि दर्शन यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि यात्रा से न केवल समिति के विचारों और मंतव्य का सफल प्रचार हुआ बल्कि अनेक नए कार्यकर्ता भी समिति के साथ जुड़ गए।

इसके बाद उन्होंने सभी क्षेत्रीय संयोजकों से अपने-अपने क्षेत्रों की गतिविधियों का विवरण देने का निवेदन किया।

उत्तरी दिल्ली क्षेत्र: संयोजक श्री विनोद अग्रवाल ने बताया कि समिति का कार्य क्षेत्र इतना बढ़ गया है कि देह-अंग दान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 9 मंडल बनाए गए हैं। उनके साथ 35 से अधिक सक्रिय कार्यकर्ता जुड़े हैं। इस क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने संकल्प पत्र भरने वालों को जन्मदिवस पर बधाई संदेश भेजना शुरु किया है। वार्षिक उत्सव, पंजाब केसरी की श्रीमती किरण चोपड़ा की उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने मंच से ही अपनी देह दान की घोषणा की।

पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र: संयोजक श्री रामधन ने बताया कि एक साल में 5 देह दान, 10 नेत्र दान कराए गए। देह-अंग दान का संकल्प लेने वालों की संख्या 118 रही। पंद्रह नए कार्यकर्ताओं को शामिल किया। अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 6 आयोजन किए गए। आयोजनों में 25 सितम्बर, 2017 का वार्षिक उत्सव भी शामिल है, जिसे इस क्षेत्र की उपलब्धि कहा जा सकता है। विशेष - जागरूकता अभियान, हर माह एक बैठक (कुल 10 बैठकें), 20-28 नए सदस्य बनाए।

पूर्वी दिल्ली क्षेत्र: संयोजक श्री नरेन्द्र संत ने जानकारी दी कि एक वर्ष के दौरान क्षेत्र में 3 देह दान और 7 नेत्र दान कराए गए। दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने कैम्पेंस्की होटल में अंग दान पर एक कार्यक्रम किया। इसमें श्री हर्ष मल्होत्रा ने दधीचि देह दान समिति की कार्यप्रणाली व जन मानस को इसके प्रति जागरुक करने की अपनी गतिविधिओं की विस्तृत जानकारी दी।

मध्य दिल्ली क्षेत्र: संयोजक श्री कृष्ण अवतार जिंदल ने बताया कि जून 2016 से सितम्बर 2017 तक क्षेत्र में तीन आयोजन किए गए। इस दौरान 2 नेत्र दान और 2 देह दान कराए गए। दृष्टिहीन बच्चों की संस्था ‘आस’ में और थाना नारायणा में आयोजित रक्त दान शिविर में दधीचि देह दान समिति की उल्लेखनीय भागीदारी रही। ‘आस’ को समिति की ओर से श्री जिंदल ने भरोसा दिया कि समिति नेत्र दान के माध्यम से बच्चों की आंखों को रोशनी देने में सहयोग कर सकती है। बढ़ते कार्य को देखते हुए इन्होंने तीन मंडल भी बना लिए हैं।

उत्तर पूर्वी दिल्ली क्षेत्र: सह संयोजक श्री अनिल वर्मा ने बताया क्षेत्र में 2 देह दान और 5 नेत्र दान हुए। जून 2016 से फरवरी 2017 के दौरान एक वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया जिसमें 136 लोगों ने देह दान व अंग दान का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में 7 दिन की बच्ची का देह दान करने वाले परिवारजनों सहित, दान करने वाले 16 अन्य परिवारजनों को भी सम्मानित किया गया। धार्मिक व सामाजिक बड़े आयोजनों में 8 स्थानों पर समिति का काउंटर लगाया गया। इस क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की विशेष उल्लेखनीय रिपोर्ट थी कि उन्होंने समयबद्ध लक्ष्य का निर्धारण किया है

दक्षिण दिल्ली: सह संयोजक श्री दीपक गोयल ने बताया जून 2016 से लेकर फरवरी 2017 तक क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर 9 आयोजन किए। सभी सफल रहे। इन आयोजनों में 10 अगस्त, 2016 को विश्व अंग दान दिवस (वल्र्ड आॅर्गेन डोनेशन डे) पर सनातन धर्म मंदिर, सी ब्लाॅक, जंगपुरा का आयोजन भी शामिल है। इन आयोजनों में देह-अंग दान को लेकर फैली भ्रान्तियों के निवारण का प्रयास किया गया। इस क्षेत्र से 4 देह दान और 7 नेत्र दान हुए। 100 से अधिक लोगों ने देह-अंग दान का संकल्प लिया। उल्लेखनीय विषय है कि पहाड़ी वाला गुरुद्वारा, ग्रेेटर कैलाश के अध्यक्ष सरदार स्वर्ण सिंह भंडारी ने देह दान के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर किए।

एनसीआर फरीदाबाद क्षेत्र: संयोजक श्री राजीव गोयल ने बताया कि इस क्षेत्र में समिति का काम दो साल से शुरू हुआ है। देह-अंग दान के लिए लोगों को प्रेरित करने और जागरूकता लाने के लिए अगस्त 2016 से मार्च 2017 तक क्षेत्र में 6 आयोजन किए गए। लोगों की रुचि और उपस्थिति को देखते इन आयोजनों को सफल कहा जा सकता है। इस दौरान क्षेत्र में 3 नेत्र दान और 1 देह दान हुए। विशेष - आर्मी मेडिकल काॅलेज का अनुसरण करते हुए ईएसआई मेडिकल काॅलेज, फरीदाबाद ने अपने यहां देह दानियों के नाम का सम्मान पटल (आॅनर बोर्ड) लगाया है।

एनसीआर गाज़ियाबाद क्षेत्र: संयोजक श्री अविनाश चन्द्र शर्मा ने बताया इस क्षेत्र में समिति साढ़े तीन साल से सक्रिय है। अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक क्षेत्र में 5 आयोजन किए गए। इस दौरान 7 देह दान, 4 नेत्र दान कराए गए और 187 लोगों ने देह-अंग दान का संकल्प लिया। कार्य विस्तार के लिए क्षेत्र में चार मंडल बनाए गए हैं। ई-जर्नल: श्री महेश पंत ने ई-जर्नल के विषय पर प्रेज़ेन्टेशन दिया। उन्होंने बताया कि इस पत्रिका के स्तर में उत्तरोत्तर बहुत सुधार हुआ है। अब एक सक्रिय टीम इस कार्य में लगी है। पत्रिका भारत के स्वास्थ्य मंत्रियों, स्वास्थ्य सचिवों, मेडिकल काॅलेजों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, समिति के सदस्यों व अंतर्राष्ट्र्ीय स्वास्थ्य संगठनों को भेजी जाती है। यह संख्या लगभगग 2700 है। धार्मिक गुरुओं से किए गए साक्षात्कार की वीडियो रिकाॅर्डिंग ई-जर्नल का मुख्य उपयोगी व आकर्षक संकलन है। समिति की गतिविधियों, नए प्रयास, इस क्षेत्र से जुड़ी नई जानकारियों जैसा कोई भी विषय, जिससे हमें इस कार्य के अधिक प्रचार-प्रसार में मदद हो सकती है, ई-जर्नल में प्रकाशित किया जाता है। वार्षिक बैलेन्स शीट की प्रस्तुति: समिति के कोषाध्यक्ष श्री श्याम रस्तोगी ने वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2016 से लेकर 31 मार्च 2017 तक की बैलेन्स शीट प्रस्तुत की, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। कोषाध्यक्ष द्वारा सुझाव मांगे जाने पर डाॅ. कीर्तिवर्धन साहनी ने कहा कि समिति के फिक्स्ड डिपाॅजिट के अतिरिक्त जितना भी कोष है उसे फ्लैैक्सी अकाउन्ट में डाल सकते हैं, जिससे समिति की आय में भी वृद्धि होगी।

संयोजकों की रिपोर्ट और वार्षिक बैलेन्स शीट की प्रस्तुति के बाद चर्चा का समय था। चर्चा में एक कार्यकर्ता ने ध्यान दिलाते हुए सवाल उठाया कि हम स्टेम सेल दान के कार्य को क्यों भूल गए? उत्तर में श्री आलोक ने बताया कि स्टेम सेल को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया बहुत खर्चीली है, इसलिए अभी सरकारी तंत्र भी इस विषय पर सक्रिय नहीं हुआ है। कुछ सुझाव ऐसे भी आए कि दूसरे प्रांतों से देह-अंग दान के लिए आने वाले फोनों के समाधान हेतु कुछ व्यावहारिक जानकारियां देने की क्षमता रखनी चाहिए।

समिति के महामंत्री ने 20 वर्ष से समिति की हो रही उत्तरोत्तर प्रगति का श्रेय श्री आलोक कुमार को देते हुए कहा कि उनके कुशल नेतृत्व व कार्यकर्ता को उसकी योग्यता के अनुसार टीम में लेकर चलने वाली कार्यशैली ने आज समिति को बहुत ऊंचे स्थान पर लाकर खड़ा किया है।

श्री आलोक कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि, ‘’विख्यात समाजसेवी नानाजी देशमुख ने 60 वर्ष की आयु में राजनीति छोड़ दी थी। 80 वर्ष की आयु में सभी पद त्याग दिए। काम का दायरा उन्होंने बहुत सीमित कर लिया था। मैंने भी संकल्प लिया था कि 65 वर्ष आयु होने पर मैं दधीचि देह दान समिति का अध्यक्ष पद छोड़ दूंगा। आज मैं 65 वर्ष का हो गया हूं, लेकिन नए अध्यक्ष के पीछे चल कर मैं जीवन भर समिति का कार्य इसी लगन से करता रहूंगा। इसलिए दधीचि समिति को नया अध्यक्ष चुनना है। अध्यक्ष होना एक बड़ी ज़िम्मेदारी है, बड़ा नाम है, बड़ा काम है। इसलिए मुझे आशा है कि नए अध्यक्ष के साथ भी हम सब वही व्यवहार व आदर रखते हुए अपना कार्य करते रहेंगे।’’

श्री आलोक द्वारा अध्यक्ष पद छोड़े जाने की घोषणा के बाद महामं़त्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने उपाध्यक्ष डाॅ. विशाल चड्ढा को निर्वाचन अधिकारी बनाया। नए अध्यक्ष के लिए श्री आलोक कुमार ने श्री हर्ष मल्होत्रा का नाम प्रस्तावित किया। अनुमोदन के लिए चार-पांच हाथ उठ गए और सभी की स्वीकृति हुई। डाॅ. चड्ढा द्वारा दो बार किसी अन्य के नाम का प्रस्ताव पूछे जाने पर सदन से कोई उत्तर नहीं आया। श्री हर्ष मल्होत्रा को अध्यक्ष घोषित कर दिया गया। महामंत्री के लिए श्री महेश पंत ने श्री कमल खुराना के नाम का प्रस्ताव रखा। श्री दीपक गोयल के अनुमोदन के साथ सर्वसम्मति से यह नाम भी डाॅ. चड्ढा ने चयनित घोषित किया। सभा में उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी श्री मांगेराम गर्ग ने श्री आलोक कुमार से समिति का संरक्षक बने रहने का अनुरोध किया। इच्छा सभी की थी कि आलोक कुमार के दिशा निर्देश समिति को मिलते रहें। श्री मांगेराम के आग्रह का सम्मान करते हुए श्री आलोक कुमार ने संरक्षक बनना स्वीकार किया। पुष्प गुच्छ भेंट करके श्री आलोक ने नए अध्यक्ष व महामंत्री का स्वागत किया। श्री हर्ष मल्होत्रा ने घोषणा की कि नई कार्यकारिणी का गठन करने के बाद 3 दिसम्बर 2017 को अगली बैठक बुलाएंगे और तभी से नई टीम कार्यभार ग्रहण करेगी।