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श्रद्धा सुमन

श्रीमती सत्यभामा

श्रीमती सत्यभामा ने 82 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह रोहिणी में रहती थीं। सुचारू रूप से अपनी गृहस्थी चलाने वाली एक धार्मिक महिला थीं। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों ने नेत्र दान करने का निर्णय लेकर दधीचि देह दान समिति से सम्पर्क किया। मानवता के लिए किए गए इस दान हेतु हम परिवार का अभिवादन करते हैं। 1 नवम्बर, 2018 को वेणु आई हाॅस्पिटल की टीम द्वारा ससम्मान उनके नेत्र दान में ले लिए गए। दिवंगत आत्मा को ईश चरणों में स्थान मिले, ऐसी हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पौत्र वरुण, 9818557603

श्री विजय किशोर गुप्ता
ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव निवासी श्री विजय किशोर गुप्ता का निधन 5 नवम्बर, 2018 को हुआ। वह 70 वर्ष के थे। ईश्वर से डरने वाले एक सहज व्यक्ति थे। बहुत कम बोलते थे। उनका शरीर शांत होने के बाद जब परिवारजनों ने देह दान का निर्णय लिया तो दो अस्पतालों में सम्पर्क करने पर निराशा हाथ लगी। तत्पश्चात् दधीचि देह दान समिति के माध्यम से वो इस दान को क्रियान्वित कर सके। परिवारजनों के अथक प्रयास के लिए साधुवाद। उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) को दान में दिए गए। स्वर्गीय विजय किशोर गुप्ता की मृत देह वर्धमान महावीर मेडिकल काॅलेज (सफ़दरजंग) में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए ससम्मान दान में दे दी गई। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सूत्र: निकट सम्बंधी श्री राजन अग्रवाल, 9810550453

श्री सुरेन्द्र कुमार
श्री सुरेन्द्र कुमार 67 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त करके परलोक सिधार गए। वह रोहिणी में रहते थे। राधा स्वामी सत्संग से जुड़े हुए थे। सत्संग में ही उन्होंने नेत्र दान का संकल्प लिया था। 10 नवम्बर, 2018 को, उनकी मृत्यु के बाद परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करके श्री सुरेन्द्र कुमार के संकल्प का सम्मान किया। इस प्रेरणास्पद कार्य के लिए हम परिवार का अभिवादन करते हैं। वेणु आई हाॅस्पिटल की टीम द्वारा, मानवता की सेवार्थ, उनके नेत्र दान में लिए गए। दिवंगत आत्मा को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री मनीष, 9818524774

श्री अविनाश नागरथ

श्री अविनाश नागरथ ने 74 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वह कवि नगर, गाज़ियाबाद के निवासी थे। आजीवन सेवा के कार्यों में लगे रहे। अपने पिताजी की जीवन-काल तक, समर्पण भाव से सेवा करते रहे व उनके (पिता के) दिवंगत हो जाने पर 2011 में श्री अविनाश ने संन्यास की दीक्षा ली। आधुनिक सुविधाओं को नकारते हुए सादगीपूर्ण जीवन को स्वीकार किया। श्री अविनाश के छोटे भाई ने फोन पर बताया कि 45000 रुपए की मासिक पेंशन में से मात्र 5000 रुपए ही स्वयं पर खर्च करते थे। मृत्यु से पूर्व सन् 2014 में श्री अविनाश ने एम्स के एनाॅटमी विभाग में अपनी देह दान करने का संकल्प पत्र भरा था। अपना डोनर कार्ड छोटे भाई के पास रखवा कर मृत्यु के बाद अपनी देह के दान को सुनिश्चित करते रहते थे। 11 नवम्बर, 2018 को उनका शरीर शांत होने पर, उनके भाई श्री संजीव नागरथ ने हमारी दधीचि देह दान समिति की गाज़ियाबाद ईकाई के संयोजक से सम्पर्क किया। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए स्वर्गीय अविनाश की अमूल्य देह का दान कर दिया गया। उनकी इच्छा का सम्मान करने वाले परिवार का साधुवाद। इस लोक से जाने के बाद भी मानवता की सेवा के लिए किए गए इस समर्पण को हमारी समिति की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: भाई श्री संजीव नागरथ, 9910078099

श्रीमती चंचल रानी
श्रीमती चंचल रानी की इहलीला 53 वर्ष की आयु में ही समाप्त हो गई। वह पटेल नगर में रहती थीं। 19 नवम्बर, 2018 को उनकी मृत्यु के बाद मानवता की सेवा के लिए उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर परिवारजनों ने समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर की टीम द्वारा उनके नेत्र दान में ले लिए गए। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

श्री वाहिद

श्री वाहिद ने 97 वर्ष की आयु में अपना शरीर छोड़ दिया। वह वृद्ध आश्रम, निहाल नगर, पश्चिम विहार में रहते थे। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर (एम्स) की टीम द्वारा दान में ली गईं। 20 नवम्बर, 2018 को उनका मृत शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज के छात्रों के उपयोग के लिए दान में दे दिया गया। आश्रम के प्रबंधक श्री तारकेश्वर का अभिवादन कि वह समाज के लिए उपयोगी इस मिशन में दधीचि देह दान समिति के साथ आगे आए। दिवंगत आत्मा के लिए हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: आश्रम प्रबंधक श्री तारकेश्वर, 9268525148

श्री मुंशीराम भगत

श्री मुंशीराम भगत ने 22 नवम्बर, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह गांधी नगर में रहते थे। उनके पुत्र ने, जो स्वयं व्यवसाय से चिकित्सक हैं, फोन पर बताया कि आर्थिक रूप से अभावग्रस्त होने पर भी उनके पिता ने, अपने बच्चों की शिक्षा के लिए कहीं कोई समझौता नहीं किया। भारतीय जीवन मूल्यों को समझना व उन्हीं के आधार पर अपना जीवन चलाना - इसके वह जीते-जागते उदाहरण थे। मानवता की सेवा के लिए उनके नेत्रों के दान करने का निर्णय लेकर परिवार ने समाज में एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत किया है। दधीचि देह दान समिति, परिवार के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती है।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री सुभाष भगत, 9711471217

श्री बी.एन. चैधरी

श्री बी.एन. चैधरी का 27 नवम्बर, 2018 को देहांत हो गया। वह पश्चिम विहार में रहते थे। वहां के आर्य समाज के संरक्षक थे व 90 वर्ष की आयु होने पर भी अंतिम समय तक सभी गतिविधियों में उनकी सक्रियता बनी रही। साध्वी ऋतम्भरा के आश्रम में संचालित होने वाले कार्यक्रमों में भी उनकी निरंतर सहभागिता रहती थी। सम्पर्क करने पर उनकी पुत्री ने गर्व से, पिता की सामाजिक क्षेत्र में सक्रियता सम्बंधी चर्चा की। (पुत्री) श्रीमती इन्दु मलिक ने स्वयं भी देह दान के प्रति सामाजिक जागरूकता के अभियान से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की। गुरु नानक आई सेंटर की टीम को श्री चैधरी के नेत्र दान करके परिवार ने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवारजनों का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: पुत्री श्रीमती इन्दु मलिक, 9873345033

श्री चरंजीव

श्री चरंजीव की 74 वर्ष की आयु में इहलोक की यात्रा पूर्ण हुई। वह विकासपुरी एक्स. में रहते थे। फोन पर उनके पुत्र ने श्रद्धा से बताया कि उनके पिता ने अपने जीवनकाल में 50 बार से अधिक रक्त दान किया था। परिवार के सभी सदस्यों ने अपनी देह के दान का संकल्प लिया हुआ है। 28 नवम्बर, 2018 को श्री चरंजीव की मृत्यु के बाद, परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए उनका मृत शरीर, आर्मी मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर (एम्स) की टीम द्वारा, मानवता की सेवा के लिए, श्री चरंजीव के नेत्र दान में ले लिए गए।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री दिनेश सतीजा, 9968303430

श्री लालचंद

श्री लालचंद का शरीर 78 वर्ष की आयु में शांत हुआ। वह साईं वृद्ध आश्रम, पश्चिम विहार में रहते थे। हमारी समिति के कार्यकर्ताओं ने लगभग 6 माह पूर्व, जब आश्रम में एक जागरूकता कार्यक्रम किया था, तब यही वह सज्जन थे जिन्होंने विषय को समझ कर, उत्साहपूर्वक सबसे पहले अपनी देह को दान करने के संकल्प की घोषणा की। आश्रम के प्रबंधक महोदय का आभार, जिन्होंने उनकी इच्छा का सम्मान किया। 28 नवम्बर, 2018 को स्वर्गीय लाल चंद का मृत शरीर ई.एस.आई. मेडिकल काॅलेज, फ़रीदाबाद के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया गया। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर (एम्स) की टीम द्वारा ससम्मान ले ली गईं। दधीचि देह दान समिति दिवंगत आत्मा को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देती है।

सम्पर्क सूत्र: श्री तारकेश्वर, प्रबंधक, साईं वृद्ध आश्रम, 9268528148

श्री वी.के. गुप्ता
पूर्व सैनिक श्री वी.के. गुप्ता 69 वर्ष की आयु में एक समाजोपयोगी जीवन जी कर दिवंगत हो गए। कदम्ब विहार, मथुरा उनकी कर्मस्थली थी। श्री गुप्ता मथुरा रिफाइनरी की कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रहे। राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय होने के कारण उन्हें कुछ समय अयोध्या की जेल में भी रहना पड़ा। लगभग एक वर्ष पूर्व एक सामूहिक कार्यक्रम में उन्होंने देह दान का संकल्प पत्र भरा था। 28 नवम्बर, 2018 को उनका शरीर शांत होने पर परिवार व मित्रों ने उनका संकल्प पूरा करने का निश्चय किया। दधीचि देह दान समिति के माध्यम से ई.एस.आई मेडिकल काॅलेज में उनकी देह के दान की व्यवस्था की गई। उनकी पत्नी श्रीमती इन्दु गुप्ता ने इस सारी प्रक्रिया में एक सहयोगपूर्ण भूमिका निभाई। मथुरा की स्थानीय देह दान समिति के चार कार्यकर्ता एम्बुलेंस से मृत शरीर को लेकर फरीदाबाद आए और यहां पर मेडिकल काॅलेज में दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ताओं ने ससम्मान इस दान को क्रियान्वित कराया। मानवता की सेवा के लिए मथुरा से फरीदाबाद तक उनकी देह को लाने हेतु किए गए अथक प्रयास के लिए समिति परिवार व मित्रों का अभिवादन करती है। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: मित्र श्री कैलाश, 9411854321

श्री जयदेव हसीजा

साहित्य और समाज से गहरा नाता रखने वाले श्री जयदेव हसीजा ने 87 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। प्रमुख साहित्यकार के रूप में श्री जयदेव ने दो दर्जन से अधिक साहित्यिक पुस्तकों का लेखन और सम्पादन किया था। उनकी पुस्तक ’’बीसवीं सदी का चाणक्य: सरदार वल्लभ भाई पटेल‘‘ ने राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पहचान दिलाई। वनवासी कल्याण आश्रम व आर्य समाज वेद मंदिर साउथ सिटी 1 जैसी संस्थाओं के माध्यम से सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे। जीते जी शिक्षा का दान करने वाले साउथ सिटी 1, गुरु ग्राम निवासी श्री जयदेव हसीजा, दुनिया से अंतिम विदा लेते हुए देह दान करके समाज के समक्ष, एक आदर्श प्रस्तुत कर गए। 30 नवम्बर, 2018 को उनकी शव यात्रा उनके निवास, साउथ सिटी 1, गुरु ग्राम से प्रारम्भ होकर आर्य समाज वेद मंदिर तक निकाली गई, जहां दधीचि देह दान समिति के माध्यम से ई.एस.आई. मेडिकल काॅलेज को उनका मृत शरीर सौंप दिया गया। वहां उपस्थित जन समुदाय न केवल हसीजा परिवार की प्रशंसा कर रहा था, अपितु अपने-अपने हृदयों में, मरणोपरांत देह दान का संकल्प भी ले रहा था। परिवारजनों का अभिवादन। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: मित्र श्री दिनेश, 9911197071

श्रीमती सीतावंती जैन

श्रीमती सीतावंती जैन ने 90 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वह हरि नगर में रहती थीं। उनके पुत्र श्री अनिल जैन ने उन्हें इस तरह याद किया:-

"Mrs. Sita Wanti Jain born in 1929 was my mother. She was a noble religious lady. Many times she fasted for 8 days which is called ‘ATHAI’ in Paryushan Parv of Jain Tradition. From childhood she practiced before sunset dinner in Jain tradition and strict diet of pure veg and limited. That’s the reason of her good health. Till death she had no desease. As per her wish we donated her eyes. And we family members decided to donate her body as we four members body had been pledged our body donation. We contacted Dadhichi Deh Dan Samiti member Mr. Ram Dhan of Hari Nagar. He is nice gentleman. He arranged all formalities and cooperated very much to enable us to fulfil this noble cause.”

स्वर्गीय सीतावंती की मृत देह, 1 दिसम्बर, 2018 को वर्धमान महावीर मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दी गई। उनके नेत्र, वेणु आई सेंटर की टीम द्वारा ससम्मान दान में लिए गए। परिवारजनों का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री अनिल जैन, 9999404082

श्री प्रदीप तलवार
पश्चिम विहार निवासी श्री प्रदीप तलवार का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके एक निकट सम्बंधी ने, जो व्यवसाय से डाॅक्टर हैं, बताया कि श्री प्रदीप एक ईमानदार बैंक ऑफिसर थे। परिवार के प्रति समर्पण इतना था कि कभी प्रमोशन नहीं लिया। उनका सोचना था कि बार-बार स्थान बदलने से बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ेगा। परिवार ने आपसी बातचीत से उनके नेत्र दान करने का निर्णय लिया। इस महादान को क्रियान्वित करने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। 5 दिसम्बर, 2018 को मरणोपरांत गुरु नानक आई सेंटर की टीम ससम्मान उनके नेत्र लेकर गई। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: निकट सम्बंधी डाॅ. संजू कोहली, 9810995109

श्री संजय गुप्ता

रोहिणी निवासी श्री संजय गुप्ता ने 58 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व भारतीय जनता पार्टी से वह सक्रियता से जुड़े हुए थे। 9 दिसम्बर, 2018 को, मरणोपरांत, उनके नेत्र वेणु आई सेंटर को दान में दिए गए। इस महादान को करवाने के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी करबद्ध प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र: भाई मनोज अग्रवाल, 9868113484

श्रीमती कमलेश यादव

श्रीमती कमलेश यादव का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह ग्रेटर नोएडा में रहती थीं। वह एक समर्पित पत्नी, मां व गृहिणी थीं। उन्होंने पूरे परिवार को जोड़ कर रखा व सबको आगे बढ़ने में प्रेरणा और सहयोग देती रहीं। उन्होंने समय-समय पर घर में देह दान को लेकर सबसे चर्चा की हुई थी। उनकी बेटी ने संतोष जताते हुए बताया ‘‘मां की इच्छा का सम्मान तो हम भाई-बहनों को करना ही था। पर, मन ही मन हम असमंजस में भी थे। 11 दिसम्बर, 2018 को दधीचि देह दान समिति के कार्यकर्ताओं ने, जो हमारे घर आए थे और जो अस्पताल में मां के मृत शरीर को सौंपते वक़्त मिले थे, उन सभी के व्यवहार और भावनाओं ने हमारी बहुत मदद की। ई.एस.आई. मेडिकल काॅलेज, फ़रीदाबाद के डाॅक्टरों द्वारा जिस विधि से शव को प्राप्त किया गया उससे हम अनुभव करने लगे कि हम एक गौरवपूर्ण कार्य कर रहे हैं और हम बहुत संयत एवं सुदृढ़ भी हुए इस दान के प्रति।‘‘ समिति, परिवार का आभार व्यक्त करती है व दिवंगत आत्मा के लिए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देती है।

सम्पर्क सूत्र: पुत्री पल्लवी, 9958097547

श्रीमती शकुंतला जनार्दनन

श्रीमती शकुंतला जनार्दनन का शरीर 85 वर्ष की आयु में शांत हुआ। उनकी बेटी ने बताया कि वह परिवार के लिए हमेशा स्तम्भ की तरह खड़ी रहीं। वह एक खुशमिज़ाज महिला थीं। व्यावहारिकता के साथ विषयों का पक्ष-विपक्ष समझाते हुए सामने वाले के लिए एक अच्छी मार्गदर्शक बन जाती थीं। जीवन में उन्होंने बहुत परिश्रम किया। उनकी सोच में जीवन के लिए पढ़ाई हमेशा एक महत्वपूर्ण स्थान पर रही। परिवार में वह सबके लिए एक आदर्श थीं। 11 दिसम्बर, 2018 को उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवारजनों ने, एम्स में पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए उनका मृत शरीर दान में दे दिया। परिवार का अभिवादन। दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।

सम्पर्क सूत्र: पुत्री कल्पना जनार्दनन, 9899799141

श्रीमती सुदर्शना कपूर

श्रीमती सुदर्शना कपूर 69 वर्ष की आयु में दिवंगत हो गईं। वह गगन विहार में रहती थीं। उनकी बेटी से बात होने पर पता चला कि वह शारीरिक व आर्थिक रूप से आजीवन स्वावलम्बी रहीं। वह सबके प्रति स्नेह रखती थीं। खाना बनाना व स्नेह से खिलाना उनका प्रिय शौक था। छतरपुर वाले गुरु जी के प्रति उनकी श्रद्धा थी। दान करने में उन्हें बहुत विश्वास था। उनकी मृत्यु के बाद 16 दिसम्बर, 2018 को परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। गुरु नानक आई सेंटर की टीम ससम्मान श्रीमती सुदर्शना कपूर के नेत्र लेकर गई। जाते-जाते मानवता की सेवा के लिए इस महादान को करने वाले व्यक्तिव को दधीचि देह दान समिति की सादर श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पुत्री सोफ़िया ग्रोवर, 9868756756

मोहम्मद अली इस्माइली मुलिकियानी
मोहम्मद अली इस्माइली मुलिकियानी ने 75 वर्ष की आयु में इस दुनिया से विदा ली। उन्होंने पुणे में अकेले ही जीवन बिताया। कुछ समय से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था। फलस्वरूप वह अपनी बहन के पास ग्रेटर नोएडा में आकर रहने लगे। परिवार में सभी ने देह दान का संकल्प लिया हुआ है। उनकी बहन ने बताया कि वह हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। 17 दिसम्बर, 2018 को मोहम्मद इस्माइली की मृत्यु के बाद परिवारजनों ने दधीचि देह दान समिति से सम्पर्क किया व आगे की व्यवस्थाएं निश्चित हो गईं। आर्मी मेडिकल काॅलेज के छात्रों के उपयोग के लिए उनका मृत शरीर दान में दे दिया गया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: भांजा मयूर भमानी, 9890253456

श्री वीर भारत महता

श्री वीर भारत महता 80 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गए। वह लोनी (निकट करावल नगर) में रहते थे। उनकी पत्नी के शब्दों में, ‘‘सदैव मुस्कुराने और हर समय हर कार्य करने के लिए तत्पर रहने वाले और दूसरों की भलाई के लिए सोचने वाले ने अपना शरीर भी मानव जाति की भलाई और बच्चों के अध्ययन के लिए दधीचि देह दान समिति के माध्यम से दान कर दिया। पिछले 6-7 साल से वह परिवार और मित्रों को अपनी अंतिम इच्छा बताते आ रहे थे।‘‘ उनकी देह दान की इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने 23 दिसम्बर, 2018 को, उनकी मृत्यु के बाद उनका मृत शरीर वर्धमान महावीर मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया। परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।

सम्पर्क सूत्र: पत्नी श्रीमती मधु महता, 9911536798

श्री जसवीर सिंह

श्री जसवीर सिंह ने 76 वर्ष की आयु में इस लोक की अपनी यात्रा पूरी की। वह तिलक नगर में रहते थे। सेवा कार्यों में उनकी विशेष रुचि थी। स्वर्गीय जसवीर सिंह के बेटे ने गर्व से बताया कि वह अपने घर से एक संस्था चला रहे हैं, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब में कहे गए जीवन मूल्यों पर सेमिनार व चर्चाएं की जाती हैं। इस कार्य को करने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता से ही मिली। शिक्षा व स्वास्थ्य को लेकर उनके पिता सक्रिय रहते थे। उनके द्वारा संचालित डिस्पेंसरी से कई लोग लाभ ले रहे हैं। परिवारजनों ने स्वतः प्रेरणा से श्री जसवीर सिंह की मृत देह को दान करने का निर्णय लिया। 24 दिसम्बर, 2018 को उनका मृत शरीर, आर्मी मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दिया गया। इस महादान के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर से हम प्रार्थना करते हैं कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री हरप्रीत, 9811655321

श्रीमती पुष्पा मलिक

श्रीमती पुष्पा मलिक 86 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त करके परलोक चली गईं। माया एन्क्लेव, हरि नगर में उनका निवास था। वह माॅडल टाउन, रोहतक के आर्य समाज से जुड़ी हुई थीं। पर बाद में कुछ वर्ष दिल्ली में रहीं। आखिरी वर्षोंं में वह घर पर ही अपना समय बिताती रहीं। इनकी बेटी ने बताया कि उनके परिवार में पहले भी दो देह दान हो चुके हैं। 24 दिसम्बर, 2018 को उनकी मृत देह ई.एस.आई. मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दी गई। राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर (एम्स) की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र: पुत्री श्रीमती अनिता, 9999986727

श्रीमती पुष्पा मेहन

श्रीमती पुष्पा मेहन ने 81 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वह जनकपुरी में रहती थीं। उनके बेटे ने उन्हें अपने शब्दों में इस प्रकार श्रद्धांजलि दी, ‘‘मेरी पूजनीय माताजी श्रीमती पुष्पा मेहन त्याग, परोपकार व दया की अनूठी मिसाल थीं। रोज सबेरे उठ कर पहले पक्षियों को दाना डालना, फिर पार्क में जाकर योग करना व दूसरों को सिखाना, तत्पश्चात स्नान कर मंदिर जाना - यही उनकी दिनचर्या रहती थी। भोजन बनाते समय वह हमेशा भगवान के भजन गुनगुनाती रहती थीं। आस्था चैनल देखने.. गीता व रामायण का पाठ करते हुए उनका पूरा दिन बीतता था। अपने अंतिम समय में अस्पताल के आई.सी.यू. में भी उन्होंने मुझसे गाय को हरा चारा व गुड़ डालने तथा गुरुद्वारे में 105 किलो आटा भिजवाने को कहा और मेरी छोटी बहन को याद दिलाया कि घर के मंदिर की दराज़ में उनकी देह दान का कार्ड रखा है.. और उनका संस्कार न करके उनकी देह को दान कर दिया जाए, ताकि वह समाज के काम आ सके। एक बात और कहूंगा। मई-जून की तपती, जलती दोपहर को घर से ठंडे पानी की बोतलें लेकर सड़क पर आना और आते-जाते रिक्शे वालों को पानी की बोतलें बांटना - अक्सर उनकी दिनचर्या रहती थी। अंत में यह कह कर अपनी बात समाप्त करूंगा -

अब पहली जैसी हवाएं न रहीं।
अब मेरे संग मां की दुआएं न रहीं।’’

उनकी देह दान की इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार ने 26 दिसम्बर, 2018 को उनकी मृत देह वर्धमान मेडिकल काॅलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान में दे दी। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री अरुण मेहन, 9312239405

रिद्धिमा सेठी

जन्म से ही दिव्यांग रिद्धिमा सेठी 12 वर्ष इस संसार में बिता कर परलोक सिधार गई। वेस्ट पटेल नगर निवासी रिद्धिमा के माता-पिता की मानवता के प्रति संवेदनापूर्ण सोच ने, बेटी की मृत्यु के बाद उसके नेत्रों को दान करने की प्रेरणा दी। 27 दिसम्बर, 2018 को, मरणोपरांत, रिद्धिमा के नेत्र गुरु नानक आई सेंटर में दान कर दिए गए। परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: कार्यकर्ता श्री कपिल, 9213850244

श्री दिनेश

श्री दिनेश का 35 वर्ष की आयु में परलोक गमन हुआ। वह मोती नगर निवासी थे। तीन वर्ष की आयु तक सामान्य जीवन बिताने के बाद हड्डियों के जोड़ों की समस्या शुरू हो गई। शारीरिक गतिविधियों में बाध्यता होने पर भी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 29 दिसम्बर, 2018 को, श्री दिनेश की मृत्यु के बाद, परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लेकर समाज के लिए एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। दधीचि परिचार दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है।

सम्पर्क सूत्र: कार्यकर्ता श्री कपिल, 9213850244

श्रीमती वन्ती गोगिया

श्रीमती वन्ती गोगिया का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह लक्ष्मी नगर निवासी थीं। परिवार से बात करने पर पता चला कि आखिरी समय तक चलते-फिरते, किसी से किसी भी प्रकार की सेवा लिए बिना वह दुनिया छोड़ गईं। वह साफ दिल की एक महिला थीं, जिसे दूसरों की मदद करने में बहुत खुशी मिलती थी। राधा स्वामी सत्संग से जुड़ी हुई थीं। वहीं से उन्हें नेत्र दान की प्रेरणा मिली। परिवारजनों का साधुवाद, जिन्होंने मानवता की सेवार्थ 30 दिसम्बर, 2018 को, गुरु नानक आई सेंटर को उनके नेत्र दान कर दिए। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।

सम्पर्क सूत्र: श्री संजीव (भांजा), 9810255329