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एक परिवार ने 40 दृष्टिहीनों के जीवन मे रोशनी बिखेरी - अजय भाटिया

मिसाल

नई दिल्ली
तेरे नैनों के दीप जलाऊँगा, अपनी आँखों से दुनिया दिखलाऊंगा.... शायद यही प्रण के ले रखा है राजधानी के एक परिवार ने. इस परिवार और उनसे जुड़े 20 लोग मृत्यु के बाद करीब 40 दृष्टिहीनों के जीवन को नई रोशनी दे चुके हैं. यह सिलसिला आज भी जारी है. जून माह में परिवार के मुखिया जगदीश लाल ने अपनी आँखें दृष्टिहीनों को दान की हैं.

न्यू मोती नगर निवासी जगदीश लाल ने 6 जून दोपहर करीब 1 बजे अंतिम साँस ली थी. उनके पुत्र अजय भाटिया ने अपनी पिता की अंतिम इच्छा के अनुरूप आँखें दान करने के लिए गुरुनानक अस्पताल के डाक्टरों से संपर्क किया. समय रहते डाक्टरों ने उनकी आँखें अस्पताल के नेत्र बैंक पंहुचाए. अजय भाटिया के मुताबिक, पिता से कुछ वर्ष पहले उनकी मांं कृष्णा रानी की मृत्यु हो गई थी. मांं की भी यही इच्छा थी की उनकी आँखे किसी दृष्टिहीन को दान की जाए. मांं के बाद 2007 में बुआ, चाचा, दो फूफा, बहन की सास, मौसी का बेटा सहित अब तक परिवार और परिवार से जुड़े 20 लोग अपनी आँखें दान कर चुके हैं. अजय भाटिया का कहना है की नेत्रदान महादान है. इसलिए मैं और परिवार व भाई - भाभी भी नेत्रदान का फार्म भर कर इसी कड़ी में शामिल हो गये हैं.