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श्रद्धा सुमन

दे गए दूसरों को रोशनी

श्री राजीव जैन

दिनांक 29 जून,22 को श्री राजीव जैन ने 58 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वे दिल्ली के पंजाबी बाग में रहते थे। परिवार ने मरणोपरांत उनके नेत्रदान का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार का साधुवाद । ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

संपर्क सूत्र: पुत्र; श्री अमर जैन- 93547 37265

चिकित्सा के छात्रों के लिए अतुलनीय दान

श्री विक्रमादित्य

श्री विक्रमादित्य ने 78 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वे आंगन और आंचल, वृद्ध आश्रम,वसुंधरा, गाजियाबाद में रहते थे। दिनांक 4 जुलाई,22 को उनका पार्थिव शरीर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नोएडा में दान किया गया। चिकित्सा के छात्रों के लिए यह एक अतुलनीय दान है। आर. पी. सेंटर (एम्स) की टीम उनके नेत्र सम्मान सहित दान में लेकर गई। आश्रम के संचालकों की भावनाओं का हम आदर करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

संपर्क सूत्र:संचालिका,श्रीमती सुदर्शना-9267963690

मानवता की सेवा में प्रेरक कार्य

श्री सुभाष तनेजा

श्री सुभाष तनेजा ने 75 वर्ष की आयु में अपनी इह लीला समाप्त की । वह दिल्ली के सुभाष नगर के निवासी थे। उनके दामाद से फोन पर उनके बारे में चर्चा हुई। अपने लिए वे स्वतंत्र रूप से सब तरह समर्थ थे। लगभग 2 महीने पूर्व ही उनके दामाद ने नेत्रदान की प्रक्रिया देखी और समझी। उसके बाद उन्हें नेत्रदान के लिए प्रेरणा मिली । 17 जुलाई,22 को स्व. सुभाष तनेजा के नेत्र गुरु नानक आई सेंटर की टीम ससम्मान दान में लेकर गई। मानवता की सेवा में किए जाने वाले इस प्रेरक कार्य के लिए परिवार जनों का साधुवाद । ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

संपर्क सूत्र: दामाद, श्री अशोक बहल 92123 95558

दया का चेहरा थीं वो

श्रीमती दया गुप्ता

श्रीमती दया गुप्ता ने 74 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया । वे राजधानी दिल्ली के मॉडल टाउन में रहती थीं। उनके पुत्र ने अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त की हैं-"हमारी माताजी हंसमुख, मृदु भाषी और सरल स्वभाव की थीं। वह अत्यंत धार्मिक प्रवृति की महिला थीं। उन्होंने भारतवर्ष के सभी तीर्थ स्थानों का दर्शन किया था। उन्होंने क्षमता के हिसाब से वर्षों तक भरपूर दान किया।

हालांकि उन्होंने कभी प्रत्यक्ष रूप से नेत्र दान या अंग दान के बारे में नहीं कहा, परन्तु वे इसे बड़ा ही पुण्य का कार्य मानती थीं। इसीलिए, उनके प्राण छोड़ने के तुरंत बाद परिवार ने यह निर्णय लिया कि उनके नेत्र दान कर देने चाहिए। हमारे परिवार का ये मानना है कि ईश्वर ने उनसे जाते जाते भी अनमोल दान करा दिया, क्योंकि जीवन पर्यन्त उनकी दान कर्म में बहुत आस्था थी। आशा है कि उनकी दान की हुई आंखें किसी के जीवन को प्रकाशमय कर रही होंगी।"

नेत्रदान का क्रियान्वयन कर के परिवार ने समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है । हम परिवार का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए समिति परिवार ईश चरणों में विनम्र निवेदन करता है।

संपर्क सूत्र: पुत्र श्री विकास गुप्ता 99 101 22993

धर्म का मर्म समझा कर महाप्रस्थान

श्रीमती मनोरमा देवी

श्रीमती मनोरमा देवी ने 76 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया। वे दयानंद विहार में रहती थी। उनकी पौत्री ने आदर पूर्वक उन्हें याद करते हुए निम्न संदेश भेजा है-

"Smt. Manorama Devi. (23.12 .1946 to 30.07.2022) was a very religious woman with a big kind heart. She was a pure soul having great affection and respect towards everyone around her, from a servant to her own family.

She was extremely fond of cooking and loved feeding all near and dear ones. 4 years back, When she suffered from last stage ovarian cancer, she didn't lose her heart and defeated it like a fighter and but now, even after relapsing of the cancer along with many other severe illnesses, she always had the positive approach to life by defeating it all again but God had other plans which still means that She's looking down on us, showering all her blessings. "

 गुरु नानक आई सेंटर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवार जनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के प्रति दधीचि देहदान समिति परिवार अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है ।

संपर्क सूत्र: पुत्रवधु,रचना 98731 45031

मानवता की सच्ची सेवा कोई इनसे सीखे

श्री हुकुमचंद जी

श्री हुकुमचंद जी का 61 वर्ष की आयु में देहांत हुआ। वे बल्लभगढ़ में रहते थे। उनके पुत्र ने फोन पर उनके बारे में आदर पूर्वक चर्चा की। वे एक सेवाभावी और समाज को समर्पित व्यक्ति थे । परिवार को जोड़कर रखने का उनका हमेशा सफल प्रयास रहा। आरएसएस की गतिविधियों में सक्रिय रहते थे। हरियाणा व्यापार मंडल, बल्लभगढ़ और स्वदेशी जागरण मंच में उन्होंने कोषाध्यक्ष के कार्य को संभाला। मेवात मित्र मंडल में वे अत्यंत सक्रिय थे और अपने नाम के साथ मेवाती शब्द ही लगाते थे। बातचीत में पता चला कि स्व. हुकमचंद ने अपनी माता जी के भी नेत्रदान किए थे। उसी परंपरा का पालन करते हुए परिवार जनों ने स्व. हुकुमचंद के नेत्र 12 अगस्त को आर.पी .सेंटर(एम्स) में दान किए। मानवता की सेवा में किए गए इस कार्य के लिए परिवार का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री विकास गुप्ता 95402 65465

समाज के लिए एक प्रेरक उदाहरण

श्री मालचंद सोमानी

श्री मालचंद सोमानी का 82 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। वे फरीदाबाद में रहते थे।परिवार जनों ने मरणोपरांत उनके नेत्रदान व देहदान का निर्णय लेकर समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। परिवार जनों का साधुवाद।17 अगस्त 2022 को उनके नेत्र आरपी सेंटर (एम्स) की टीम सम्मान सहित दान में लेकर गई । स्व.मालचंद का पार्थिव शरीर ईएसआई मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद में चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए दान किया गया। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम प्रार्थना करते हैं।

संपर्क सूत्र: दामाद, श्री उमेश 98110 77308

जाते-जाते कर गए मदद

श्री सतीश गुप्ता

दिल्ली के अशोक विहार निवासी श्री सतीश गुप्ता का 17 अगस्त को देहावसान हुआ। उनके भाई ने बताया कि वे सब की मदद के लिए हरदम तैयार रहते थे। स्व.सतीश के नेत्रदान का निर्णय लेकर परिवार ने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। समिति इस महादान के क्रियान्वयन के लिए परिवार जनों का अभिवादन करती है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

संपर्क सूत्र: भाई, श्री दीपक गुप्ता 98996 65253

बहुत याद आएंगे वे

श्री अजीत सिंह रिहाल

श्री अजीत सिंह रिहाल ने 85 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वे दिल्ली के पटपड़गंज में रहते थे। उनके बेटे ने उनके बारे में आदर पूर्वक लिख कर भेजा है-

" Shri Sardar Ajit Singh Rihal was born on the 15th of March 1936 in Jalandhar district.

Only 19 years old when his father passed away, as the eldest in the family, a huge

responsibility fell on his young shoulders that he carried without any complaints

and brought up the whole generation including his brothers, sisters and his children. An obedient son, a caring husband, a loving father and the most helpful person to friends and family alike, he lived his life to the fullest. He loved to cook, had an ever young heart and would make friends with whoever he came in contact with

regardless of their ages. Not a big fan of rituals but he believed in true values. He has left behind a great legacy and will live on in the hearts of everyone who knew him."

18 अगस्त,22 को स्व. रिहाल का पार्थिव शरीर मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के छात्रों की पढ़ाई के लिए दान किया गया। इनके नेत्र, गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित दान में लेकर गई ।परिवार का अभिवादन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

 संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री बंटी रिहाल 85 1000 8117

त्याग की देवी थीं वो

श्रीमती रामवती देवी

श्रीमती रामवती देवी का 83 वर्ष की आयु में देहावसान हो गया। वे दिल्ली के पीतमपुरा में रहती थीं। इनके पुत्र श्री अशोक बंसल ने दधीचि देहदान समिति के कार्यकर्ता श्री नत्थू राम जैन की आदर पूर्वक प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका समर्पण और देहदान नेत्रदान का विषय समझाने की कला प्रशंसनीय है। उनके कारण ही वे इस अभियान से जुड़े हैं और जुड़े रहेंगे। 'अपना घर आश्रम' की सेवाओं को भी स्व. रामवती देवी का परिवार समर्पित है। 19 अगस्त को स्व. रामवती के नेत्र गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित दान में लेकर गई । परिवार का साधुवाद । ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे ।

संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री अशोक बंसल 98102 12213

आर्दश स्थापित कर गए वो

वैद्य रामदयाल गोयल

वैद्य रामदयाल गोयल का 84 वर्ष की आयु में देहावसान हुआ। उनके पुत्र से हुई बातचीत में वैद जी के विषय में कुछ जानकारियां मिली। वे पूरी तरह से आयुर्वेद को समर्पित जीवन वाले थे। आदर्शों को जीवन में चरितार्थ करने में विश्वास रखते थे। पूरा परिवार नेत्रदान के विषय पर समर्पित है। धीरे-धीरे घर में देहदान अंगदान को लेकर सहमति बन रही है। 25 अगस्त को स्व. रामदयाल जी के नेत्र गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित दान में लेकर गई। दान के प्रति समर्पण भाव के लिए परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा की शांति के लिए हम ईश चरणों में विनम्र प्रार्थना करते हैं ।

संपर्क सूत्र: पुत्र, श्री राजीव गोयल 9540 068481

धर्म निष्ठ मन का धर्म निष्ठ कर्म

श्री बसंत कुमार जैन

श्री बसंत कुमार जैन ने 73 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की।वे बाहुबली एन्क्लेव, दिल्ली में रहते थे। उनके पुत्र ने उन्हें आदर पूर्वक स्मरण करते हुए उनके विषय में चर्चा की।उन्हें धर्म संस्कार परिवार से विरासत में ही मिले थे। वे प्रकृति से सरल, मृदुभाषी, मिलनसार, धर्म निष्ठ, दानवीर, व्यवहार कुशल एवं व्यापार कुशल थे।अपनी मातृभूमि से वे बहुत जुड़े हुए थे। तन मन धन से हर किसी की सहायता करने को हरदम तैयार रहते थे। उन्होंने अपनी संवेदनाओं की अभिव्यक्ति कभी भी अपने चेहरे पर नहीं आने दी। जीवन के अंतिम समय में भी बीमारी के कारण जब वे पीड़ा से ग्रसित थे तो उनका कहना था कि यह वेदना तो सिर्फ मेरे शरीर की है, मेरी आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है और हमेशा स्वस्थ है। स्व. बसंत कुमार जैन ने अपने जीवन काल में अपनी पत्नी से चर्चा की थी कि अगर संभव हो तो नेत्रदान अवश्य करने चाहिए। दुख की इस घड़ी में भी परिवार ने उनकी इस इच्छा का सम्मान करते हुए नेत्रदान का निर्णय लिया। परिवार का साधुवाद। मानवता की सेवा में किए जाने वाला यह एक अतुलनीय दान है। 30 अगस्त 2022 को उनके नेत्र, गुरु नानक आई सेंटर की टीम सम्मान सहित दान में लेकर गई । ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।

संपर्क सूत्र : पुत्र, श्री विकास जैन 96439 96425