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ई-जर्नल के 31वें अंक का विमोचन

दिनांक 10 जनवरी 2020 की अपराह्न में मैगपाई परिसर हाल में दधीचि देहदान समिति के पदाधिकारियों की फरीदाबाद में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें फरीदाबाद के गणमान्य एवं प्रसिद्ध व्यक्तियों को दधीचि देहदान समिति के सदस्यों द्वारा निमंत्रण दिया गया। ये वे महानुभाव थे जो मन- भावना से कहीं ना कहीं देहदान के प्रति निष्ठावान थे, क्योंकि उनके मन में कहीं अंकुर था देहदान के प्रति आस्था का। बस उसी को पुष्पित पल्लवित करने के विचार और ध्येय से उनका सानिध्य लिया गया। इसी के साथ साथ जनप्रतिनिधियों संघ विश्व हिंदू परिषद एवं अन्य आस्थावान संस्थाओं के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था।

कार्यक्रम के पूर्व सत्र में पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं तथा क्षेत्र संयोजकों से संस्था के कार्य विस्तार हेतु कुछ सुझावों का आह्वान किया जिसमें कुछ सुझाव प्रस्तुत हुए मसलन : अपने-अपने क्षेत्र से और केंद्रीय पदाधिकारियों में से दो दो लोग अस्पतालों एवं स्वास्थ्य संस्थानों में जाकर वहां के पदाधिकारियों तथा चिकित्सकों के साथ समन्वय स्थापित करें, उनसे जाकर वार्तालाप करें कि अंग दान देह दान नेत्रदान की उनके संस्थानों में कितनी मांग है ।

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में पधारे सहभागीयों को वीडियो के माध्यम से दधीचि देहदान समिति की गतिविधियों, नेत्रदान अंगदान एवं देहदान का महत्व दर्शाते कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को फिल्म के रूप में दिखाया गया जोकि हालांकि समिति के अनंत असीम कार्यकलापों एवं उपलब्धियों के लिए चावलों की देगची में एक चावल का दाना उठाकर परखने देखने जैसा ही था लेकिन अत्यंत प्रभावशाली रहा।

फिल्म दर्शन के उपरांत कार्यक्रम को conclude करते हुएश्री आलोक कुमार जी ने बताया कि पिछले 22 वर्षों से यह संस्था निस्वार्थ कार्य करते हुए आगे बढ़ रही है जिसमें अभी तक 12000 महानुभावों ने दधीचि देहदान समिति के माध्यम से नेत्रदान अंगदान और देहदान हेतु संकल्प लिया है तथा समिति निरंतर समर्पित भाव से उनके इस संकल्प को पूरा करवाने में कृत संकल्प होकर कार्य कर रही है।

श्री आलोक कुमार जी ने 22 वर्ष पूर्व अपना देहदान का संकल्प करने के समय का वह क्षण सबसे सांझा किया कि वह एक क्षण था जब सत्य का बोध किया उन्होंने वे एक कोशिका तंतु अंग शरीर से ऊपर उठकर कुछ और महसूस करने लगे कि मैं शुद्ध बुद्ध तथा मुक्त आत्मा हूं।आपने कहा की गुरु नानक देव जी के 550 में प्रकाश पर्व के अवसर पर उन्हीं के शब्द सार्थक हो जाते हैं

" पशु मरे 100 काज सवारे, नर मरे कछु काम ना आवे "

लेकिन अगर हम चाहें तो सिर से पैर के अंगूठे तक का प्रत्येक अंश शिक्षा और अनुसंधान के काम आता है और हम अपनी जागरूकता से डिमांड एंड सप्लाई के इस गैप को पूरा कर सकते हैं।

तत्पश्चात वहां उपस्थित प्रत्येक गणमान्य सहभागी का परस्पर औपचारिक परिचय हुआ ....जो स्वयं से उपस्थित सहभागियों ने एक दूजे से साझा किया....

इसके बाद दधीचि देहदान समिति के महामंत्री श्री कमल खुराना जी ने समिति की गतिविधियों पर संक्षिप्त रूप में प्रकाश डाला कथा दधीचि देहदान समिति की गतिविधियों के लिए संपर्क सूत्र भी साझा किए गए। तत्पश्चात उन्होंने श्री महेश पंत जी जो दधीचि देहदान समिति के ई जर्नल के संयोजक हैं... उनको उपस्थित जन को ई जर्नल के अभी तक के सफर पर ले चलने को कह कर उन्हें मंच प्रदान किया।

श्री महेश पंतजी ने बताया कि साढे 5 वर्ष पूर्व बैठक में हुई एक बैठक में निर्णय लिया गया कि हम लोग एक ई- जर्नल निकालेंगे तथा उसका नि:शुल्क वितरण किया जाएगा। अब तक 5 वर्ष में 30 ई-जनरल रिलीज हो चुके हैं तथा आज लोक अर्पित होने वाला दधीचि देहदान समिति ई-जर्नल का 31 वां अंक हैं। इन ई जर्नलज़ को समिति की वेबसाइट पर पढ़ने से सभी के देहदान अंगदान इत्यादि के बारे में सारे भ्रम तथा शंकाएं स्वयं ही दूर हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि 3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस के अवसर पर दधीचि देहदान समिति के ई जर्नल का 30 वां अंक लोकार्पण हुआ था तथा नोटों की अध्यक्षा डॉ वसंती रमेश ने उस विमोचन के अवसर पर अपनी गरिमामय उपस्थिति थी।

इसके बाद वह महत्वपूर्ण घड़ी थी जब दधीचि देहदान समिति के ई जर्नल/पत्रिका के 31 वें अंक का विमोचन किया जाना था। उन्होंने पूरी दधीचि देहदान समिति को 31वें अंक के लोकार्पण की बधाई देते हुए उपस्थित गणमान्य महानुभाव से उसका औपचारिक लोकार्पण करवाया तथा शेष उपस्थित जनसमूह ने करतल ध्वनि के साथ लोकार्पण में अपनी उपस्थिति दर्ज की। महेश पंत जी ने अंक के बारे में विस्तृत जानकारी दी कि उसके विषय वस्तु एवं कथावस्तु क्या हैं। किस प्रकार यह आप हमारे लिए महत्वपूर्ण है। इसमें बताया गया है की अंगदान से कैसे जीवनदान मिल रहा है और कैसे जीवन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। मसलन एक व्यक्ति तीन बार लिवर का दान प्राप्त करने के बाद भी स्वस्थ जीवन जी रहा है इत्यादि।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता श्री अजय गौड़ जी, श्री संदीप जोशी जी, श्री मनमोहन गुप्ता, श्री रमेश चंद जी, श्री कैलाश चंद जी, श्री अरविंद सूद, श्री तिलक राज बैसला, श्री योगेंद्र फोर, श्री कर्म चंद शास्त्री, डॉक्टर सत्यदेव गुप्ता, श्रीमती मंजू प्रभा, विभिन्न क्षेत्रों के संयोजक तथा बहुत से वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं गणमान्य पदाधिकारी भी यहां पधारे हुए थे। तथा फरीदाबाद दधीचि देहदान समिति के फरीदाबाद क्षेत्र के संयोजक श्री राजीव गोयल के कुशल निर्देशन में श्रीमती अर्चना गोयल, श्रीमती सुनीता बंसल, श्री विकास भाटिया, डॉक्टर इंदु गुप्ता, श्री राकेश माथुर एवं श्रीमती माथुर, श्री नरेंद्र बंसल जी, श्रीमती बंसल, श्री गुलशन भाटिया जी, श्री बी आर सिंगलाजी, श्री आशीष मंगला, श्री सुरेंद्र गुप्ता, डॉ हेमंत अत्री, श्री हनीश कुमार भाटिया सपरिवार, श्री सुखबीर वशिष्ठ, श्री संजीव गुप्ता तथा दिल्ली एनसीआर के अन्य कई गणमान्य महानुभाव इत्यादि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम में सक्रिय रुप से उपस्थित थे।

उसके पश्चात एक सरस रात्रि भोज हेतु श्री आलोक जी द्वारा आमंत्रित किया गया और सबने मिलकर स्वरुचि भोज का आनंद लिया।