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दधीचि देह दान समिति की वार्षिक आम सभा: रिपोर्ट

शनिवार 2 जुलाई, 2016 को दधीचि देह दान समिति (डीडीडीएस) की वार्षिक आम सभा हुई। दो सत्रों में विभाजित इस सभा का पहला सत्र वार्षिक आम सभा का था और दूसरे सत्र को माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा सहित भारत के चिकित्सा जगत के शीर्ष लोगों एवं दिल्ली के संस्थानों के प्रमुख लोगों से चर्चा के लिए निर्धारित किया गया था। स्थान था एनडीएमसी, नई दिल्ली का कन्वेंशन सेंटर। पूरा कार्यक्रम तय समयावधि से किया गया।
पहले सत्र की अध्यक्षता की समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने और संयोजन किया महासचिव एवं पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री हर्ष मल्होत्रा ने। इस सत्र में समिति के सदस्यों और विशिष्ट आमंत्रितगणों सहित सभी 47 लोग उपस्थित थे। कुल नाम इस प्रकार हैं:-

कार्यकारिणी समिति के सदस्य
(1) श्री आलोक कुमार, अध्यक्ष; (2) हर्ष मल्होत्रा, महासचिव; (3) श्री श्याम रस्तोगी (सीए); (4) डाॅ. आशीष सरकार, उपाध्यक्ष; (5) श्री विजय आनंद ‘विद्यार्थी’, उपाध्यक्ष; (6) श्री सुधीर गुप्ता, उपाध्यक्ष; (7) श्री महेश पंत, उपाध्यक्ष; (8) डाॅ. विशाल चड्ढा, उपाध्यक्ष; (10) श्री प्रमोद अग्रवाल, सचिव; (11) श्री सुमन गुप्ता, सचिव; (12) श्री अशोक अहूजा, सचिव; (13) डाॅ. कीर्ति वर्धन साहनी, सचिव; (14) सुश्री दिव्या आर्या, सचिव; (15) श्री अजय भाटिया, सचिव; (16) श्री अतुल गंगवार, प्रचार मंत्री; (17) श्री अमित कुमार सिंह, कार्यालय सचिव।

क्षेत्रीय संयोजक
(18) श्री विनोद अग्रवाल, उत्तर दिल्ली; (19) श्री योगेन्द्र अग्रवाल, पूर्वोत्तर दिल्ली; (20) श्री अनिल वर्मा, सह-संयोजक, पूर्वोत्तर दिल्ली; (21) श्री नरेन्द्र संत, पूर्वी दिल्ली; (22) श्री राम धन, पश्चिम दिल्ली; (23) श्री कमल खुराना, दक्षिण दिल्ली; (24) श्री दीपक गोयल, सह-संयोजक, दक्षिण दिल्ली; (25) श्री कृष्ण अवतार जिन्दल, मध्य दिल्ली; (26) श्री राजीव गोयल, फरीदाबाद (27) श्री अविनाश वर्मा, नोएडा एवं गाज़ियाबाद।

सदस्य
(28) श्री मोहन गर्ग; (29) श्रीमती मंजू प्रभा; (30) श्री सतीश नरूला; (31) श्रीमती मंजू वैश्य; (32) श्री यशवीर सेठी; (33) श्रीमती मीना अग्रवाल; (34) श्री नीरज धमीजा।

विशिष्ट आमंत्रितगण
(35) डाॅ. विनय अगवाल, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए; (36) श्री मांगे लाल गर्ग, राष्ट्रीय अध्यक्ष, धर्म यात्रा महासंघ; (37) श्री राम चंद्र, समाज सेवक; (38) डाॅ. हरीश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष, आईएमए; (39) श्री हीरा लाल पाण्डेय, समाज सेवक; (40) श्री ललित आनंद, महासचिव, सक्षम, दिल्ली; (41) श्री माया प्रकाश त्यागी, कोषाध्यक्ष, आर्य समाज, यूपी; (42) सुश्री सुनयना सिंह, आॅर्गन रिसीविंग एंड सिविल अवेयरनेस नेटवर्क; (43) डाॅ. स्मृति शर्मा भाटिया, असिस्टेंट प्रो. डिपार्टमेंट आॅफ केमिस्ट्री, मिरांडा हाऊस, डीयू; (44) श्री प्रमोद गुप्ता, समाज सेवक; (45) श्री विष्णु मित्तल, सीए; (46) श्री जगमोहन सिंह, समाज सेवक; (47) सुश्री मीना ठाकुर, समाज सेवक।

अध्यक्ष द्वारा सभी सदस्यों का स्वागत
सत्र का प्रारम्भ दधीचि प्रार्थना से हुआ। इसके बाद अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने सभी सदस्यों का स्वागत किया और अपनी खुशी जताई कि सत्र समय पर शुरू हो गया। उन्होंने आशा व्यक्त की सभी विचार-विमर्श उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने दोनों सत्रों की रूपरेखा भी बताई।

चरण 1: परिचयात्मक टिप्पणी
श्री हर्ष मल्होत्रा ने बताया कि समिति का काम कई चरणों में आगे बढ़ा है। काम के विकेन्द्रीकरण के लिए एनसीआर एवं दिल्ली के विभिन्न हिस्सों को आठ क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी आठ क्षेत्रों के संयोजक पहली बार अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी संयोजकों को चार-चार मिनट का समय आबंटित किया।

चरण 2: आठों विभाग के संयोजकों की रिपोर्ट प्रस्तुति
श्री कमल खुराना, श्री राम धन, श्री विनोद अग्रवाल, योगेन्द्र अग्रवाल, श्री नरेन्द्र संत, श्री कृष्ण अवतार जिन्दल, श्री अविनाश वर्मा और श्री राजीव गोयल ने क्रमशः दक्षिण दिल्ली, पश्चिम दिल्ली, उत्तर दिल्ली, पूर्वोत्तर दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, मध्य दिल्ली, गाज़ियाबाद-नोएडा और फरीदाबाद क्षेत्रों की 1 अप्रैल, 2015 से लेकर 31 मार्च, 2016 तक की रिपोर्ट दी। सभी प्रस्तुतियां निम्न मुद्दों पर आधारित थीं:-

(ए) केन्द्रीय समिति में उनके संबंधित क्षेत्रों के व्यक्तियों का परिचय
(बी) उनके क्षेत्र में पिछले वर्ष दिवगंत हुए महानुभावों की जानकारी और जिनके देह-अंग दान हुए उनके आॅनर रोल्स।
(सी) अंग और देह दान के लिए जागरूकता उत्पन्न करने हेतु संबंधित क्षेत्रों में किए गए कार्य। आयोजित गोष्ठियों, मासिक/त्रैमासिक बैठकों अथवा वार्षिक आयोजनों के विवरण।
(डी) नेत्र, अंग, देह दान के लिए संकल्प के रूप में इन प्रयासों के परिणाम।

चरण 3: वार्षिक बैलेन्स शीट की प्रस्तुति

  • समिति के कोषाध्यक्ष श्री श्याम रस्तोगी ने 1 अप्रैल, 2015 से लेकर 31 मार्च, 2016 तक के वित्तीय वर्ष की आय एवं व्यय के विवरण तथा बैलेन्स शील प्रस्तुत किए। उन्होंने सदन में सदस्यों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का भी समाधान किया।
  • सदन ने खातों के विवरण और बैलेन्स शीट को स्वीकृति दी और अगले वित्तीय वर्ष 2016-2017 के लिए लेखापरीक्षक के रूम में मैसर्स जायसवाल एसोसिएट्स का अनुमोदन किया।

चरण 4: महासचिव द्वारा कार्य रिपोर्ट की प्रस्तुति

  • श्री हर्ष मल्होत्रा ने प्रसन्नता जताई कि समिति अपनी उम्र के 20 साल पूरे करने जा रही है और उसके कार्य को बड़े पैमाने पर स्वीकारा जा चुका है। समिति को नेत्र, अंग, देह दान से संबंधित अब तक 4500 से अधिक संकल्प-पत्र प्राप्त हो चुके हैं।
  • श्री मल्होत्रा ने सूचना दी कि दिल्ली और एसीआर के विभिन्न सरकारी मेडिकल काॅलेजों को समिति के माध्यम से 127 मृत देह उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। 31 मार्च, 2016 तक 430 व्यक्ति मृत्योपरांत अपने नेत्र दान कर चुके हैं। तीन मस्तिष्क मृत देहों से दान में प्राप्त विभिन्न अंगों से बीस लोग लाभांवित हुए हैं।
  • श्री मल्होत्रा ने देहदानियों के 24वें समारोह, दूसरी दधीचि दर्शन यात्रा, दधीचि जयंती पर पहली दधीचि कथा, सफदरजंग अस्पताल में 22 जुलाई 2016 को आयोजित प्रत्यारोपण समन्वयन कार्यक्रम आदि का भी विवरण दिया।
  • श्री मल्होत्रा ने जानकारी दी कि 9 फरवरी, 2016 को एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित लेडी हार्डिंग मेडिकल काॅलेज के पूरे साल चलने वाले शताब्दी समारोह कार्यक्रम में वह शामिल हुए। जिन अन्य सम्मेलनों में डीडीडीएस के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई उनके विवरण इस प्रकार हैं:-
    • रोटरी क्लब डिस्ट्रिक्ट 3012 के 6 फरवरी 2016 के कार्यक्रम में श्री अलोक कुमार शामिल हुए।
    • इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के 7 फरवरी, 2016 को हुए सम्मेलन में श्री आलोक कुमार ने शिरकत की। सम्मेलन स्थान था वैशाली, गाज़ियाबाद स्थित कन्ट्री इन होटल।
    • देह/अंग दान पर 29 दिसम्बर, 2015 को रांची, झारखंड में हुई एक गोष्ठी में श्री आलोक कुमार ने भाग लिया।
    • नीमच, मध्य प्रदेश में 21 सितम्बर, 2015 को महर्षि दधीचि देह-अंग दान यज्ञ संस्थान का वार्षिक सम्मेलन हुआ, जिसमें श्री विजय आनंद व श्री कृष्ण कांत अग्रवाल शामिल हुए।
  • समिति द्वारा निकाले जाने वाले ई-जर्नल के बारे में श्री मल्होत्रा ने विस्तार से बताया। इस जर्नल को 5000 से अधिक सदस्यों को भेजा जाता है। इन सदस्यों में सभी स्वास्थ्य मंत्री, सभी स्वास्थ्य सचिव, सभी मेडिकल काॅलेज, उपयुक्त अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन, स्वास्थ्य विभागों के अधिकारी और समिति के सदस्य शामिल हैं। जर्नल में धार्मिक संतों की वीडियो रिकाॅर्डिंग्स और साक्षात्कार तथा अन्य उपयोग लेख प्रकाशित किए जाते हैं।
  • श्री मल्होत्रा ने सभी संबंधित लोगों को उनके सहयोग, आशीर्वाद और योगदान के लिए धन्यवाद दिया जिससे समिति ज़रूरत पड़ने पर समाज के काम आ पाती है।

चरण 5: समिति के कार्य पर चर्चाएं और सुझाव
सदन में सभी उपयोगी मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ जिसमें अधिकांश सदस्यों ने भाग लिया। दिए गए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:-

  • वार्षिक कार्यक्रम के दौरान दानदाताओं को मोमेन्टो की जगह उनकी फोटो लगी प्लेट या फ्रेम दिया जाए। (श्री अजय भाटिया)।
  • वार्षिक कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र कूरियर करने के स्थान पर व्यक्तिगत तौर पर दिए जाएं। (श्री अजय भाटिया)।
  • अंग दान और देह दान प्रचार के लिए बड़ी होर्डिंग्स लगाने के बजाए लगभग दो गुणा तीन फुट आकार के छोटे-छोटे बैनरों को मंदिरों और पार्कों में लगाया जाए। (डाॅ. विजय आनंद)।
  • दानकर्ताओं की तस्वीरें मौके पर गए समिति के सदस्य लोगों से संकल्प फाॅर्म भरवाने के साथ स्वयं ही अपने मोबाइल से ले ली जाएं। ऐसा होने से न केवल समय बचेगा बल्कि उनसे बार-बार अनुरोध भी नहीं करना पड़ेगा। यानी हाथ में मौज़ूद टेक्नोलाॅजी का इस्तेमाल। यही नहीं, समिति का कार्य क्षेत्र बढ़ाने के लिए ज़िलों, प्रांतों में सक्रिय अन्य संस्थाओं से सम्पर्क कर उनकी सूची को समिति के सम्पर्क फोन एवं पते सहित पब्लिक वेबसाइट पर डाला जा सकता है जिससे ज़रूरतमंद द्वारा समिति से सम्पर्क किए जाने पर उनकी पहुंच वाली सक्रिय संस्था के बारे में जानकारी दी जा सके। (श्री राजीव गोयल)
  • हमारे (समिति) कार्यक्रम की उपयोगिता और देह/अंग दान अवधारणा के प्रति युवाओं में चेतना जगाने के लिए स्कूलों और काॅलेजों में जागरूकता कार्यक्रम/गोष्ठियां आयोजित की जा सकती हैं। (श्री महेश पंत)।
  • दधीचि देह दान समिति की होने वाली वार्षिक आम सभा में सभी सदस्यों से 500 रु. का वार्षिक चंदा लिया जा सकता है। (श्री कमल खुराना)।
  • प्रत्येक क्षेत्र के संयोजक और सहयोगी सदस्यों की टीम संकल्प फाॅर्म भरने वालों से नियमित साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक सम्पकों, गोष्ठियों तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से निरंतर सम्पर्क में रहें और न केवल उनके उत्साह और प्रेरणा को बनाए रखें बल्कि उनसे अन्य लोगों को भी देह-अंग दान हेतु उत्साहित करने का आग्रह करें और उनसे रिपोर्ट भी लें। उन्हें विभिन्न कार्यक्रमों में आमंत्रित करें। इससे संकल्प फाॅर्म भरने वालों के बीच यह भी संदेश जाएगा कि समिति उन्हें बराबर याद रखे हुए है। समिति के पास अपना कैमरा भी हो जिससे क्षेत्रों में होने वाले आयोजनों का तत्काल चित्रांकन हो सके और निजी मोबाइलों पर चित्रांकन की निर्भरता खत्म हो आयोजनों के प्रचार-प्रसार भी आसान हो जाएंगे। (डाॅ. विशाल चड्ढा)।
  • केन्द्रीय और राज्य सरकार के संबंधित विभागों से अपील की जा सकती है और उन्हें रक्त दान, परिवार नियोजन, इनकम टेक्स रिटर्न भरने इत्यादि जैसे अन्य कई प्रचार अभियानों की तरह देह/अंग दान को लेकर भी जनता-जनार्दन में जागरूकता पैदा करने के लिए कायल किया जा सकता है। (श्री विनोद अग्रवाल)।
  • दधीचि देह दान समिति के वार्षिक आयोजन में दान में मिले अंग पाने वालों और अन्य लाभार्थियों को आमंत्रित किया जाए। निश्चित रूप से इससे बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरणा मिलेगी। (श्री विनोद अग्रवाल)।
  • मेडिकल काॅलेजों और अस्पतालों के प्रमुख स्थानों जैसे पुस्तकालयों/सभागारों/ओपीडी इत्यादि में मृत देह दानियों के चित्र और उनके संक्षिप्त परिचय के साथ आॅनर रोल्स लगाए जाएं। ठीक यही जानकारी उनके समाचार पत्रों में प्रकाशित की जा सकती है और वेब साइटों पर अपलोड भी की जा सकती है। (श्री विनोद अग्रवाल)।
  • अपोलो अस्पताल के किडनी रैकेट को देखते हुए दधीचि देह दान समिति की ओर से यह सुस्पष्ट संदेश दिया जाए कि समिति के सहयोग से किए जाने वाले देह-अंग दान में गैर कानूनी व्यवसाय की कोई गुंजाइश नहीे है। (श्री माया प्रकाश त्यागी)। इस सुझाव का सीधा और सपाट जवाब दिया समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने। उन्होंने कहा कि समिति सिर्फ सरकारी मेडिकल काॅलेजों और अस्पतालों को दान में सहयोग करती है।
  • एक एमबीए और इंजीनियरिंग काॅलेज में हुए सम्मेलन के दौरान, जहां कैंसर से लड़ाई के खिलाफ बोन मैरो मुद्दे को जिस तरह भुनाया गया उसे देखते हुए आम धारणा बनती है कि इस बात का भरोसा दिया जाए कि इसमें किसी भी तरह गैर-कानूनी अंग व्यापार नहीं होगा। (श्री राकेश अग्रवाल, वैशाली, गाज़ियाबाद)।
  • स्वीकृति पत्र और परिचय पत्र के साथ स्मार्ट कार्ड भी जारी किए जा सकते हैं। (श्री अविनाश वर्मा, गाज़ियाबाद)।
  • केन्द्रीय टीम के साथ बेहतर और प्रभावी सम्प्रेषण के लिए क्षेत्रीय संयोजकों और प्रतिनिधियों की मासिक बैठक की जानी चाहिए। (श्री राम धन)।

चरण 6: समापन टिप्पणी
दधीचि देह दान समिति के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने समिति को संदेशों में और अन्य जगहों से मिले सम्मान, मान्यता और समिति की कार्यप्रणाली पर अपनी प्रसन्नता जताई। उन्होंने इस संबंध में जो कहा उसके कुछ अंश यहां दिए जा रहे हैं:-

  • ऐसा पहली बार हुआ है जब समिति की वार्षिक बैठक में संबंधित संयोजकों ने अपने-अपने क्षेत्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
  • समाज के हर वर्ग के लोगों से समिति के कार्यक्रमों को सम्मान मिला है। आईएमए के अध्यक्ष डाॅ. एस.एस. अग्रवाल ने कोलकाता में होने वाली आईएमए की बैठक में जाना रद्द करके हमारी इस बैठक में शामिल होने को प्राथमिकता दी।
  • भारत के स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने हमें समिति की बैठक को मुल्तवी करने की सलाह दी थी, लेकिन हमारी बैठक को आगे बढ़ाना मुमकिन नहीं था इसलिए उन्होंने अपने कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया और हमारे कार्यक्रम में आने की स्वीकृति दे दी।
  • उन्होंने सदन को बताया कि इस बैठक के संबंध में जितने भी सम्मानित व्यक्तियों से वह मिले सभी दधीचि देह दान समिति के बारे में जानते थे।
  • जब हम गूगल पर देह दान सर्च करते हैं तो दधीचि देह दान समिति का नाम सबसे ऊपर आता है।
  • हमारा आॅनर बोर्ड यह बताता है कि हम प्रति सप्ताह एक दान का लक्ष्य प्राप्त कर चुके हैं और, वह दिन बहुत दूर नहीं है जब हम निकट भविष्य में हर दिन एक दान करवा सकेंगे।
  • जिस पल हमें मृत्यु की सूचना मिलती है, हमारे प्रतिनिधि अस्पताल की टीम के साथ सहयोग करने और सांत्वना देने के लिए मृतक के परिवार के पास पहुंच जाते हैं। हमारे प्रतिनिधि श्रद्धाजंलि सभा में भी शामिल होते हैं और मृतक के परिवार द्वारा किए गए दान को मान्यता देते हैं।
  • समिति की सचिव सुश्री दिव्या आर्या की मां एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं, लेकिन दिव्या इस बैठक में शामिल होने के लिए यहां मौज़ूद हैं। यह सब दर्शाता है कि लोगों द्वारा समिति को दिया जाने वाला महत्व उल्लेखनीय है।
  • अध्यक्ष ने अपने संबोधन में उल्लेख किया कि श्री ललित भूषण आनंद, महासचिव/सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी तथा श्री हेम सिंह जी को, जिन्हें भारत को अंधता मुक्त करने की ज़िम्मेदारी दी गई है, इस बैठक के लिए विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। श्री आलोक कुमार ने दोनों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
  • उन्होंने बताया कि सुविख्यात पत्रकार श्री अरुण आनंद ने देह-अंग दान विषय पर विस्तृत पुस्तक लेखन का संकल्प लिया है एवं प्रभात प्रकाशन के श्री श्याम सुन्दर अग्रवाल ने इसे प्रकाशित करना स्वीकार किया है। इस पुस्तक को हिन्दी में सुश्री इन्दु अग्रवाल लिखेंगी। यह पुस्तक इसी वर्ष बाज़ार में आ जाएगी। उन्होंने इस पर भी प्रसन्नता जताई कि कार्यकारिणी के सभी सदस्य बैठक स्थल पर हमेशा समय से पहंुच जाते हैं जिससे हमारा एजेन्डा भी समय पर पूरा हो जाता है।

प्रस्ताव
आम सभा में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से निम्न प्रस्ताव पारित किए गए:-

  • अपने कार्य का विस्तार करने के लिए आने वाले तीन वर्षों में दिल्ली में काॅर्नियल प्रत्यारोपण की सूची को नेत्र उपलब्ध करा देंगे।
  • सन् 2019 के तक दिल्ली के मेडिकल काॅलेजों में विद्यार्थियों के लिए आवश्यक मृत देहों की पूरी आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।

चरण 7: धन्यवाद प्रस्ताव
अंत में दधीचि देह दान समिति के उपाध्यक्ष श्री आशीष सरकार ने अध्यक्ष, बैठक में उपस्थित सभी व्यक्तियों, विशेष रूप से श्री सुधीर गुप्ता, श्री अतुल गंगवार, सुश्री इन्दु अग्रवाल, श्री अमित सिंह और एनडीएमसी के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।