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‘‘ श्री दधीचि कथा’’

लोक कल्याण के लिए आत्मत्याग करने वाले सृष्टि के प्रथम देहदानी महर्षि दधीचि की जयन्ती के पुनीत अवसर पर ‘‘ श्री दधीचि कथा’’ का आयोजन हुआ। महर्षि के नाम व उनके द्वारा की गई जगत सेवा का अनुसरण करने हेतु स्थापित दधीचि देह दान समिति ने दिनांक 22 सितम्बर 2018 की पूर्वान्ह में चिन्मय मिशन, लोदी रोड, दिल्ली में दधीचि कथा का आयोजन किया। कथावाचक आदरणीय भाई अजय जी ने अपनी चिरपरिचित शैली में दधीचि कथा को अत्यंत ही भावपूर्ण वातावरण में प्रस्तुत किया। समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया। सर्वप्रथम उन्होनें कथा वाचक परम स्नेही भाई अजय जी को सादर नमन करते हुए व्यास गद्दी पर आसन लेने को आमत्रिंत किया। इसके बाद उन्होने कथा के यजमानों को मंच पर आने का आग्रह किया। यजमान श्री गुलशन गुगलानी एवं श्रीमति ज्योति गुगलानी, श्री मनोज जिदंल एवं श्रीमति लता जिन्दल, श्री ओम प्रकाश जिन्दल एवं श्रीमति निर्मला गोयंका, श्री सोरव गुप्ता एवं श्रीमति अक्षी गुप्ता, श्रीमति सीमा गुप्ता ने सर्वप्रथम माँ भारती की आरती करने के पश्चात भाई अजय जी से मंगल श्रीफल व आशीर्वाद प्राप्त किया।

श्री हर्ष मल्होत्रा ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अश्विनी कुमार चौबे, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार का आभार प्रकट किया। तत्पश्चात संस्था के संरक्षक माननीय श्री आलोक कुमार का अभिनन्दन किया।

श्री आलोक कुमार एवं श्रीमति मंजू प्रभा तथा समिति के महामंत्री श्री कमल खुराना एवं श्रीमति पूनम खुराना ने उत्तरीय अर्पण कर भाई अजय जी का अभिनन्दन किया। इसके बाद अजय भाई जी ने मुख्य अतिथि श्री अश्विनी कुमार चौबे एवं उनकी धर्मपत्नी को अंगवस्त्र पहनाकर उन्हें शुभाशीष दिया। आलोक जी, हर्ष मल्होत्रा जी एवं कमल खुराना जी ने समिति की देहदान पर पुस्तक, पुष्प गुच्छ एवं श्रीफल देकर दोनों का सम्मान किया।

कार्यक्रम में पधारे श्री संजय प्रकाश, डी आई.जी, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एवं उनकी पत्नी तथा श्री विक्रम सिंह मान (आई.पी.एस.) डी.आई.जी., केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल एवं उनकी पत्नी, माता जी एवं बहन का स्वागत समिति की ओर से श्रीमति कल्पना साहनी और श्री महेश पन्त ने अंगवस्त्र, प्रशस्ति पत्र देकर किया। समिति ने इन महानुभावों के प्रयास से केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल के विभिन्न निकायों में 3 कार्यक्रम किए हैं। सभी सम्मानित अतिथियों को डा0 विशाल चड्डा ने मंच पर लाने का कार्य किया।

श्री हर्ष मल्होत्रा ने यजमानों का परिचय देते हुए समाज के प्रति उनके समपर्ण का उल्लेख किया तथा कहा कि उनका योगदान इस कथा के द्वारा समाज कल्याण के लिए एक सराहनीय प्रयास है। उन्होनें कहा कि सभी को इस का सुयश अवश्य मिलेगा।

समिति के बारे में संक्षेप में उन्होनें कहा कि किस प्रकार आलोक जी को संरक्षक रूप में पाकर एक नई उर्जा का समावेश हुआ है। देहदान -अंगदान का कार्य अब एक विशाल रूप ले चुका है। इसका प्रचार अब समाज में विस्तृत रूप से होने के साथ कार्य अत्यंत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने आशा जताई की प्रभु कृपा से हम अपने कार्य को जन मानस में एक आंदोलन का रूप देने में सफल होगें।

समिति के संरक्षक श्री आलोक कुमार ने अपने संबोधन में आयोजन के स्वरूप को देखकर प्रसन्नता प्रकट की। उन्होने कहा यद्यपि आज समिति का कार्य क्षेत्र बहुत बड़ा हो गया है, समिति की हर जगह सराहना भी हो रही है परन्तु इसके लिए अहंकार नहीं होना चाहिए। सादगी भरे मन से हमें अपने कार्य पर केवल संतोष करते हुए अपने कार्य को आगे बढ़ाते जाना चाहिए। जिस दिन देहदान अनायास सहज सुलभ हो जाएगा यानि देहावसान देहदान का पर्याय हो जाएगा वह ही बड़ा कार्य होगा। हम सब का संकल्प सफल हो एवं स्वस्थ सबल निरामय जीवन हेतु हम आगे बढ़ते रहें निरन्तर चलते रहें। उनके ये शब्द उस समागार में बैठा हर व्यक्ति आत्मसात् करने की कोशिश कर रहा था।

मुख्य अतिथि श्री अश्विनी जी ने अपने संबोधन में आलोक जी को इस प्रेरणामयी कथा के लिए बुलाने पर आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि समिति का प्रयास निश्चित रूप से समाज में योगदान देने का का एक अनूठा रास्ता है। इस प्रयास की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा अच्छे भविष्य के लिए यह आज की पहल है। उन्होने कथा के आयोजन के लिए समिति का आभार प्रकट किया।
इसके पश्चात् श्री हर्ष मल्होत्रा ने भाई अजय जी से कथा को आरंभ करने को कहा।
भाई अजय जी ने अपनी मधुर, सरल वाणी से दधीचि कथा का वाचन किया। राम की महिमा, भारत की परंपरा, दधीचि का त्याग अपनी शैली में प्रस्तुत कर उन्होंने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। समागार में बैठा हर जनमानस इस तरह लीन हो गया कि ऐसा प्रतित हो रहा था कि स्वयं ऊपर से आकाशवाणी हो रही है।

निश्चित रूप से सब, महर्षि दधीचि को समाज के लिए त्याग, बुराई पर अच्छाई की विजय व भारतीय परंपरा ‘‘दान सर्वोपरि’’ पर अपना दृष्टिकोण और अधिक सुदृढ़ करते हुए समागार से बाहर निकले।

समिति के महामन्त्री ने आठों सयोजकों व अन्य सहयोगियों का आभार प्रकट किया। मंच की संपूर्ण व्यवस्था श्री राजीव गोयल व श्रीमति कल्पना साहनी ने व्यवस्थित रूप से करी।

दधीचि कथा आयोजन का समापन भारत माता की आरती से हुआ तथा तत्पश्चात 500 लोगों ने भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया।