श्रद्धा सुमन
अंक 34 में हम अपने स्थायी स्तम्भ ‘श्रद्धा सुमन’ को आपके सामने नहीं ला सके । 24 मार्च से देश में कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा हुई । देश का सारा मेडिकल तंत्र इस महामारी का सामना करने व इसके बचाव के उपायों की तैयारी में जुट गयाI यही उस समय की मांग थी I तभी हमने अपनी समिति की वेबसाइट पर यह कहा था कि अभी देहदान, नेत्रदान और अंगदान नहीं हो पा रहे हैं I अप्रैल, मई, जून में यही स्थिति रही I जुलाई में एम्स के डॉ. तितियाल की पहल पर नेत्रदान के विषय में चर्चा शुरू हुई I हमने आज के सन्दर्भ में नेत्रदान की गाईड लाइन्स को उनसे समझ कर, फिर से नेत्रदान का क्रियान्वयन शुरू किया I समिति के कार्यकर्ताओं में फिर से देहदान व अंगदान के कार्य के प्रति उत्साह शुरू हो गया I दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों से सम्पर्क साधकर नई गाइडलाइन्स को समझा और देहदान का कार्य भी शुरू किया I कुछ ही कॉलेज व अस्पताल अभी आगे आये हैं I आशा है जल्दी ही हम पुनः देहदान/अंगदान के कार्य को गति दे पाएंगे I
लगभग 4 महीनों में जो भी हमारे संकल्पित दानी परलोक सिधार गये और हम उनकी इच्छा का सम्मान नहीं कर पाए, यह भी एक लम्बी लिस्ट है I उनके परिवारजनों की भी तीव्र इच्छा, सामयिक परिस्थिति के कारण पूरी नहीं हो सकी I ऐसे सभी परिवारों का हम सम्मान करते है I दधीचि देह दान समिति इन सभी संकल्पित दधीचियों को प्रणाम करती है I
जुलाई व अगस्त में 19 संकल्पित जनों के परलोक गमन के बाद समिति से नेत्रदान या देहदान के लिए सम्पर्क किया गया I हर संभव प्रयास किया गया और पांच दान संभव हो पाए I जिनके दान नहीं हो पाए उनकी सूची भी हम श्रद्दावनत हृदय से यहाँ दे रहे है I
श्रीमति सावित्री देवी
श्रीमति सावित्री देवी 93 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गईI वे पीतमपुरा में रहती थी I उनके पुत्र ने बताया कि वे चर्चा करती थीं कि मरने के बाद अगर शरीर किसी भी काम आ जाये तो अच्छा है I वे लगभग एक महीना कोमा में रहींI उनका जीवन परिवार को समर्पित था I वे धार्मिक रूचि वाली सहज महिला थीं I 25 जुलाई को उनकी मृत्यु के बाद परिवारजनों ने मानवता की सेवार्थ उनके देहदान का निश्चय किया I मौलाना आज़ाद मैडिकल कॉलेज के छात्रों की पढाई के लिए किया गया यह एक अमूल्य दान है I सदिच्छा से इस प्रेरणास्पद कार्य को करने के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं I ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें I
सम्पर्क सूत्र – पुत्र, श्री राजेश गर्ग 9711121972
श्री श्रीनिवास वेदांता
श्री श्रीनिवास वेदांता चारी 13 अगस्त को 93 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गये I उन्हें चेन्नई से दिल्ली इलाज के लिए लाया गया I कुल्हे की सफल सर्जरी के बाद वे तीन-चार दिन ही जीवित रह सके I उनकी पुत्रवधू श्रीमती चित्रा चारी, समिति की सक्रिय कार्यकर्ता हैं I स्व. वेदांता चारी का कोविड टेस्ट करने के लिए पार्थिव शरीर को 4 दिन शवगृह में रखना पड़ा I कोविड टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही 18 अगस्त को मौलाना आज़ाद मैडिकल कॉलेज ने दान के लिए कैडेवर को स्वीकार किया I 5 दिन तक परिवार ने संयम का परिचय देते हुए अपने कर्मकांड की क्रियाएं भी की I दृढ़ संकल्प के लिए परिवार का अभिवादन स्व. वेदांता चारी के लिए उनकी पुत्रवधू ने अपने विचार इन शब्दों में प्रकट किये है-
“Sh. Vedanta Srinivasa Chary was born in Kumbakonam in 1926. Completed his studies in Calcutta and worked with ministry of external affairs. His professional life was spent in different countries. He was rewarded by Dr. Radha Krishnan for his achievements. He worked with dignitaries like Mr. V K Menon and Jawahar Lal Nehru. He was well educated and knew lot of languages like English, Tamil , Hindi ,French and German. He was a humble person who believed in simple living and high thinking. It was my honor to have him as my father in law . He had an amazing personality.I am deeply saddened by his sudden demise on August 13th. He spent his last few years with us.”
दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान देंI
संपर्क सूत्र - पुत्रवधू श्रीमती चित्र चारी 9312932224
श्री सोमनाथ मदान
श्री सोमनाथ मदान ने 81 वर्ष की आयु में अपनी देह लीला समाप्त की I वे मानसरोवर गार्डन में रहते थे I उनके पुत्र से फ़ोन पर हुई बातचीत से पता चला कि उनके परिवार के सभी सदस्यों ने देहदान का संकल्प लिया हुआ है I स्व. सोमनाथ की देहदान की दृढ़ इच्छा रही व वे हमेशा परिवार में चर्चा करते रहे कि उनके शरीर को अंतिम समय में ठीक व अच्छी अवस्था में ही रहना होगा जिससे वह दान हो सके I परिवार का हम अभिवादन करते है जिन्होंने उनकी दृढ़ इच्छा का सम्मान रखते हुए 19 अगस्त को उनका पार्थिव शरीर मौलाना आज़ाद मैडिकल कॉलेज के छात्रों की पढाई के लिए दान में दे दिया I कोरोना काल के चलते स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन्स के अनुसार 72 घंटे पूर्व कोरोना टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट ही कैडेवर डोनेशन के लिए मान्य है I स्व. सोमनाथ का मृत्यु से पूर्व हुआ यह टेस्ट इस मानक पर खरा नहीं उतरता था I सायंकाल मृत्यु हुई, टेस्टिंग लैब्स बंद हो चुके थे I मानवता के लिए किये जाने वाले इस दान के लिए परिवार का समर्पण भाव प्रेरणास्पद है I उन्होंने अथक प्रयास करके अगले दिन सुबह तक कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी प्राप्त करी व अपने प्रियजन का संकल्प पूर्ण किया I
स्व. सोमनाथ के पुत्र श्री मनीश ने भावपूर्ण शब्दों में अपने पिताजी के लिए लिखित श्रद्दापुष्प भेजें हैं-
“Dear Dad
This is probably one of the toughest things I’m going to do today, with my heart & eyes filled with tears.
Today I got a call from Deh Daan Simiti, where, as per your wish, we donated your body & they told me they want to circulate the message of this humble cause in their magazine & wanted me to write something for you.
I really don’t know from where to start but all my life I have known you as the strongest pillar of our family, who had never looked for any praises from anyone & always stood tall & strong on your term & ethics, without boasting about anything what you did for anyone & just kept working quietly for the people, society & the ones you loved the most.
You have seldom spoken about your dreams & wants or about your worries, but instead always guided us through with your acumen to how to deal with ups & downs of life with all the honesty & sincerity.
You have laid a firm foundation for the family to face all the storms of life holding each other tightly, thru thick & thin or in the times of stress, with a smile.
You were truly a blessing, a mentor & will always be a never ending guiding force for all of us.
We never got a chance to say that we all love you or a chance to say we will miss you, which is now really creating a vacuum in our lives.
We hope you are happy wherever you are & we all have you in our heart no matter how far & will remember you the each day that we live, you were such a good person with so much to give.
We all truly love you & missing your everyday!!
Love you always!!”
दधीचि परिवार की ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें I
संपर्क सूत्र – पुत्र, श्री मुनीश मदान 9810020046 एवं पुत्र श्री विनय मदान 9810798889
श्री प्रेमचंद जैन
श्री प्रेमचंद जैन ने 80 वर्ष की आयु में परलोक गमन किया I वे शांतिप्रिय व धार्मिक वृति के व्यक्ति थे I उनके पुत्र ने बताया कि अपने आसपास जब भी वे देहदान का प्रसंग देख-सुन कर आते थे तो इस कार्य की बहुत तारीफ करते थे I पिछले 8 – 10 वर्षों से जैन समाज में देहदान की स्वीकार्यता काफी बढ़ रही है I एम्स की टीम ससम्मान 24 अगस्त को मरणोपरांत स्व. प्रेमचंद जैन के नेत्र दान में लेकर गई I इनका पार्थिव शरीर मौलाना आज़ाद मैडिकल कॉलेज के छात्रों की पढाई के लिए दान किया गया I मानवता के लिए किये गये इस प्रेरणास्पद दान के लिए परिवारजनों का साधुवाद I दिवंगत आत्मा को समिति परिवार की सादर श्रधांजलि I
संपर्क सूत्र – पुत्र, श्री विमल जैन 9873077800
सुश्री सोनाक्षी
लम्बे जीवन में जितनी उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती है और जितने कार्य किये जा सकते हैं उन सबको छोटे से 26 साल के जीवन में कर के सुश्री सोनाक्षी अपने प्रियजनों को 28 अगस्त को अलविदा कह गई I परिवारजनों ने इस दुखद घडी में बहुत संयम व साहस का परिचय देते हुए उसका पार्थिव शरीर दान करने के लिए भरपूर कोशिश की व उनके अथक प्रयास से यह दान सफल हो पाया I निश्चय ही यह प्रेरणास्पद कार्य है I परिवार के प्रयास को देखते हुए उनके लिए साधुवाद शब्द बहुत गौण हो जाता है I स्व. सोनाक्षी के बारे में परिवार ने वेबसाइट पर लिखित वृत दिया है जिसके कुछ अंश हम यहाँ दे रहे हैं:-
“...A few months later, it was diagnosed that Sonakshi was born with a very rare congenital lung and heart disorder which was present only in 1 in a million. Little did we know that the short life that she was to lead will be lived extraordinarily, much of which will only be a dream for many of us.
She had a gifted brain and would excel in her academics right from the start. She did her schooling from Modern School - Barakhamba Road and later went on to graduate from Lady Sri Ram College. She had work stints with NDTV and Crayons Advertising, and later with her family business, where she served efficiently in the field of Digital Marketing and PR. All who knew Sonakshi appreciated her intellect, creativity, compassion and grace. Apart from academia there were many other feathers in her hat. She would paint really well and was a keen photographer with a special eye for beauty. She had a strong passion for music and apart from singing would also play the keyboard, harmonium and guitar. Her appreciation for music led her to witness many a live concert like Coldplay, A. R Rahman and Shankar Mahadevan.
Her physical problems never deterred her confidence and will to enjoy life to the fullest and this was backed by many incidents, one such being to participate in the marathon. A passionate and curious individual, she was extremely drawn to different cultures and nature and this led her to travel very extensively.
She drew inspiration from the belief that the greatest part of our existence enfolds in service of humanity, and more often would display acts of kindness to all humans and animals alike. She inspired us all to live our lives with utmost kindness, warmth, joy and positivity. As a testament to the life she lived, her mortal remains were donated to AIIMS, New Delhi for transplant, research and training. She was able to defy all medical prognosis due to the extraordinary care and treatment she received from Dr. Subhash Arya, Dr. Raj Tandon and Dr. Vikas Kohli, who treated her like family...”
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देंI
सम्पर्क सूत्र – पिताजी 9871067070
जिनका दान सम्भव नहीं हो सका:
- स्व. श्री पद्मनाथ, शाहदरा, दिल्ली
- स्व. आशा चोपड़ा, गाजियाबाद
- स्व. पुष्पलता, फरीदाबाद
- स्व. विजय कुमार जैन, रूप नगर, दिल्ली
- स्व. बनारसीदास घई, टैगोर गार्डन, दिल्ली
- स्व. चन्द्रावती गर्ग, अग्रसेन अस्पताल, दिल्ली
- स्व. रामकृष्ण गुप्ता, कमलानगर दिल्ली
- स्व. सरला डांग, लाजपत नगर दिल्ली
- स्व. विजय कुमार, शाहदरा, दिल्ली
- स्व. नीलम सचदेवा, मानसरोवर गार्डन
- स्व. जगदीश चन्द्र मिश्र, गाजियाबाद
- स्व. सुशील तिवारी, कृष्णा नगर
- स्व. के. चक्रवर्ती, जे.एन.यु. दिल्ली