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श्रद्धा सुमन

श्रीमती सुदर्शना ठकराल

श्रीमती सुदर्शना ठकराल ने 88 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह मानसरोवर गार्डन में रहती थीं। उनके पुत्र ने गर्व से बताया कि उनके परिवार में नेत्र दान की प्रथा उनकी माताजी द्वारा शुरू की गई थी। वह स्वयं निर्भीक थीं। उन्होंने अपने बच्चों को सकारात्मक सोच के साथ जीवन में आगे बढ़ना सिखाया। पारिवारिक आस्था आर्य समाज से जुड़ी हुई है। वह अपने परिवार को त्याग भाव और निःस्वार्थ जीवन की प्रेरणा भी देती रहती थीं। उनकी इसी भावना का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने मानवता की सेवा के लिए, 5 जुलाई 2018 को, मरणोपरान्त, उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान कर दिए। इस प्रेरणादायक कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री सुरिन्दर ठकराल, 8383019967

श्री कृष्ण लाल

जनकपुरी निवासी श्री कृष्ण लाल 19 जुलाई 2018 को दिवंगत हो गए। वह 83 वर्ष के थे। आनन्दपुर सत्संग में वह नियमित जाते थे। वहीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने दधीचि देह दान समिति में अपने नेत्र दान व देह दान का संकल्प पत्र भरा था। उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) को दान में दे दिए। चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के उपयोग हेतु उनका मृत शरीर एम्स को दे दिया गया। इस दुर्लभ दान के क्रियान्वयन के लिए हमारी समिति परिवारजनों का अभिवादन करती है। दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए हमारी सादर श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री संजय वाधवा, 8510057000

श्रीमती कमला गुप्ता

श्रीमती कमला गुप्ता ने 68 वर्ष की आयु में 23 जुलाई 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह रोहिणी में रहती थीं। वह धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। अपनी कीर्तन मण्डली में सक्रिय थीं। पारिवारिक व सामाजिक मूल्यों के प्रति वह समर्पित रहती थीं। उनकी इन्हीं भावनाओं का आदर करते हुए परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लिया। मानवता की सेवार्थ, राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) द्वारा उनके नेत्र ससम्मान दान में ले लिए गए। इस प्रेरणादायक कार्य के लिए हम परिवारजनों का साधुवाद करते हैं। दिवंगत आत्मा के प्रति दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पुत्र श्री पंकज, 9213499508

श्री कुलदीप सिंह
श्री कुलदीप सिंह का 72 वर्ष की आयु में 25 जुलाई को निधन हो गया। जीवन के अंतिम वर्ष उन्होंने पश्चिम विहार के निहाल नगर स्थित साईं वृद्ध आश्रम में बिताए। आश्रम में रहने वाले इनके साथियों और प्रबंधक महोदय का हम हार्दिक धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने मानवता की सेवा के लिए देहदान को क्रियान्वित किया। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी इस शरीर पर अपनी पढ़ाई करेंगें। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

संपर्क सूत्र: आश्रम प्रबंधक श्री तारकेश्वर सिंह, 9211965986

श्रीमती ज्ञान देवी

श्रीमती ज्ञान देवी, 85 वर्ष की आयु में 28 जुलाई 2018 को परलोक वासी हो गईं। वह माॅडल टाउन में रहती थीं। उनका निधन होने पर, उनके परिवार ने समाज में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए श्रीमती ज्ञान देवी के नेत्र दान करने का निर्णय लिया। वेणु आई सेन्टर की टीम ससम्मान उनके नेत्र दान में लेकर गई। परिवार का साधुवाद। उनकी पुत्री किरण बाला ने अपने शब्दों में मां को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।

"मेरी मां बहुत विशाल हृदय वाली, शान्त स्वभाव, धार्मिक प्रवृत्ति, प्रतिभावान, कठिन परिस्थितियों में सक्षम, दयालु, सही मार्ग दर्शन करने वाली, संस्कारों वाली, प्यार बांटने वाली थीं। घर से बाहर की दुनिया में क्या चल रहा है-इसकी जानकारी रखती थीं और उस पर चर्चा भी करती थीं। मेरी वह मां थीं-मुझे इस बात का गर्व है। लेकिन, भीतर से बहुत ग़म है कि मैंने अपनी अनमोल चीज़, हीेरे समान मेरी मां खो दी। वह जाते-जाते नेत्रहीन लोगों को प्रकाश दे गईं। शायद यही जीवन है-लोगों को खुशियां देना, उनके जीवन को प्रकाशमय बनाना। मां तो मां होती है। प्रकृति ने उसके समान कोई अन्य चीज़ नहीं बनाई है। वह पूज्यनीय, अतुलनीय है।सबको प्यार देना, खुशियां देना, प्रकाशमय बनाना यही है जीवन, यही है सत्य"।

दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता है।

सम्पर्क सूत्र: दौहित्र श्री गौतम गोगिया, 9810081490

श्रीमती संत कौर
श्रीमती संत कौर ने 92 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वे मुखर्जी पार्क, तिलक नगर में रहती थीं। आर्मी परिवेश में पली बढ़ी ये एक अनुशासित महिला थीं। अपने पति की सीमित व नियमित आय में ही इन्होंने अपने बच्चों के साथ साथ परिवार के अन्य बच्चों को भी पढ़ाया व जीवन में आगे बढ़ने के लिए हर संभव सहायता दी। ये सबमें स्नेह बांटने वाली महिला थीं। उनके पुत्र से पता चला कि उन्होंने देहदान के विषय को अच्छी तरह समझा और फिर कहा कि यह दान तो ज़रूर करना चाहिए। इनकी इस भावना का सम्मान करते हुए परिवार जनों ने 28 जुलाई को इनका शरीर शांत हो जाने पर आर्मी मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया। एम्स की टीम द्वारा इनके नेत्र ससम्मान दान में लिए गए। चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए किए गए इस महादान के लिए हम परिवार जनों का अभिवादन करते हैं। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

संपर्क सूत्र: पुत्र श्री महेंद्रपाल सिंह 9312224815

श्रीमती सुशीला माथुर

श्रीमती सुशीला माथुर 88 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गईं। वह विकास पुरी में रहती थीं। उन्होंने हमारी संस्था दधीचि देह दान समिति के माध्यम से देह दान का संकल्प लिया हुआ था। निकट सम्बंधियों का साधुवाद, जिन्होंने उनके संकल्प का सम्मान करते हुए 10 अगस्त, 2018 को, मरणोपरान्त, उनका शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज में दान कर दिया। उनके जीवन के विषय में जानकारी उनके भतीजे के ही शब्दों में हम दे रहे हैं

"Miss Sushila Mathur had a multidimentional personality.She had devoted her life to education. She was M.A. in 13 subjects and was studying M.A. (History) through distance learning at IGNOU. In fact only one paper was left at the time of her death. Apart from M.A. she had learnt German and Bangla. She was Visharad in music. After doing Journalism she had interviewed Mrs. Indira Gandhi during emergency. She had met Dr. Abdul Kalam when he was President of India and had the rare opportunity of listening to Veena recital by Dr. Abdul Kalam. She was recipient of Medal for her social work at Pushta (unauthorized colony of poor daily wage earners). She was also President’s Medal recipient.Apart from teaching girl students from humble background free of charge she used to do charity out of her Old Age Pension.Her life was simple with no TV,AC, Cooler, Sofa, Bed or Fridge and while staying alone she did not engage any household help. She was fond of cooking and had in-depth knowledge of nutritional/medicinal value of fruits, vegetables, dry fruits and spices.She had donated her body out of her own sweet will and without any convincing/counseling."

दिवंगत आत्मा के लिए हमारे शत्-शत् नमन।

सम्पर्क सुत्र: भतीजा श्री आनन्द मोहन माथुर, 955647900

श्रीमती कौशल्या देवी

वेस्ट पटेल नगर निवासी श्रीमती कौशल्या देवी का 11 अगस्त 2018 को निधन हो गया। वह 88 वर्ष की थीं। उनके दामाद से बात होने पर पता चला कि बहुत मेहनत व स्वाभिमान से उन्होंने अपने परिवार को आगे बढ़ाया। नौ बच्चों में सबसे छोटी बेटी जब 8 महीने की थी तभी उनके पति की मृत्यु हो गई थी। ग्रामीण परिवेश में अकेले दम पर अपने बच्चों को सहेज कर वह आगे बढ़ती गईं। खेती व अन्य नियमित कार्यों को करते हुए उन्होंने अपना अधिकांश समय गांव में अकेले भी बिताया। उनकी मृत्यु से कुछ महीने पहले बेटा ज़िद करके उन्हें दिल्ली अपने पास ले आया था, जहां उन्होंने अन्तिम सांसें लीं। उनकी कर्मठता और त्याग भावना के अनुरूप ही परिवार ने उनका देह दान करके एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के उपयोग के लिए उनकी देह भाई वर्धमान मेडिकल काॅलेज को दान में दे दी गई। उनकी आंखें भी वहीं दान की गईं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें-ऐसी दधीचि परिवार की प्रार्थना है।

सम्पर्क सूत्र: दामाद श्री सतपाल गाबा, 7011291590

श्री प्रवीण भाटिया

पंजाबी बाग निवासी श्री प्रवीण भाटिया ने 12 अगस्त 2018 को परलोक गमन किया। वह 58 वर्ष के थे। उनका धार्मिक विचारों वाला और सामाजिक रूप से सक्रिय परिवार है। परिवार के निकट जनों ने मरणोपरांत श्री प्रवीण भाटिया के नेत्र दान का प्रेरक निर्णय लिया। परिवारजनों का हम अभिवादन करते हैं। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) द्वारा ससम्मान उनके नेत्र दान में लिए गए। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: निकट सम्बंधी श्री वी.के. भाटिया, 8375988209

श्री विमल खुराना

कीर्ति नगर निवासी श्री विमल खुराना का 54 वर्ष की आयु में आकस्मिक निधन हो गया। श्री विमल, दिल्ली की राजनीति के एक परिचित व प्रतिष्ठित व्यक्तित्व श्री मदन लाल खुराना के पुत्र थे। विरासत में मिली राजनीति एवं समाज सेवा के मिश्रण को उन्होंने बखूबी अपने जीवन में उतारा। उनकी पत्नी ने बताया कि चुनाव के समय उत्साह से सक्रिय हो जाते थे, लेकिन चुनाव में उतरने की उनकी महत्वाकांक्षा कभी नहीं रही। हर समय हरेक की सेवा के लिए तत्पर रहते थे। कम आयु में चले जाना परिवार के लिए एक बड़ी क्षति है। जीवंतता से अपने जीवन को जीने वाले स्वर्गीय विमल दधीचि देह दान समिति के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहते थे। उन्होंने नेत्र दान का संकल्प भी लिया था। परिवारजनों ने उनके संकल्प का सम्मान करते हुए 17 अगस्त 2018 को, मरणोपरान्त, उनके नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर को, मानवता की सेवार्थ दान में दे दिए। इस प्रेरक निर्णय के लिए हम परिवारजनों का अभिवादन करते हैं। ईश्वर से हमारी प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।

सम्पर्क सूत्र: पत्नी श्रीमती वंदना, 9811432510

श्रीमती रामरति देवी गोयल

ईस्ट पंजाबी बाग निवासी श्रीमती रामरति देवी गोयल का 25 अगस्त 2018 को निधन हो गया। वह 90 वर्ष की थीं। उनके पौत्र ने उत्साह से बताया कि उनकी दादी ने अपने कुनबे में बहुत लोगों को स्थापित होने में सहारा दिया। अधिकांश परिवार को हरियाणा से दिल्ली लाकर बसाया। हर समय हर व्यक्ति की सहायता को तत्पर रहती थीं। धार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत श्रीमती रामरति देवी अंतिम समय में भी अपने गुरु मंत्र का उच्चारण कर रही थीं। निकट सम्बंधी व दधीचि देह दान समिति के उपाध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल से प्रभावित होकर उनके परिवार ने उनकी देह का दान करने का मन बनाया। चिकित्सा शास्त्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए स्वर्गीय श्रीमती रामरति देवी गोयल का पार्थिव शरीर आर्मी मेडिकल काॅलेज को दान में दे दिया गया। इस प्रेरणादायक कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

सम्पर्क सूत्र: पौत्र श्री पंकज गोयल, 932843980