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गज़ियाबाद क्षेत्र का उत्सव

उत्सव में बना रिकाॅर्ड: 322 लागों ने किया देह-दान, अंग-दान;
203 ने बोन मैरो दान का लिया संकल्प

गज़ियाबाद। तीस नवम्बर, 2014 को उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले में रचा गया इतिहास। इस दिन, दधीचि देह-दान समिति व मेवाड़ ग्रुप आॅफ़ इन्स्टीट्यूशन्स की ओर से आयोजित उत्सव में 322 लोगों ने देह-दान और अंग-दान तथा 203 लोगों ने बोन मैरो दान करने का संकल्प लिया। इसके अतिरिक्त मेवाड़ ग्रुप आॅफ़ इन्स्टीट्यूशन्स के 1000 बच्चों ने इस वर्ष जनवरी माह में सुभाष जयंती पर बोन मैरो दान करने का संकल्प लिया।

उत्सव का आयोजन इन्स्टीट्यूट के आॅडिटोरियम में किया गया। सुबह से ही लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा। एम्स के डाॅक्टरों की टीम ने बोन मैरो दान करने का संकल्प लेने वाले लोगों के रक्त के नमूने लिए। इस अवसर पर बोलते हुए एम्स के पूर्व डीन-रिसर्च डाॅ. नरेन्द्र मेहरा ने बोन मैरो डोनेशन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट से अनेक प्रकार के ब्लड कैंसर, थैलेसीमिया का इलाज सम्भव है। इसलिए बोन मैरो की रजिस्ट्री की नितांत आवश्यकता है, जिससे ज़रूरत पड़ने पर बोन मैरो को ट्रांसप्लांट किया जा सके।

विशिष्ट अतिथि जैन साध्वी समता श्री ने कहा कि आज समाज की सोच को बदलना ज़रूरी है। रुढ़ि परम्परा से हट कर लोगों को देह-दान/अंग-दान करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्यता को प्राप्त करना है तो संकल्प पूरा करना सीखना होगा। उन्होंने मानव मिशन की ओर से इस शुभ कार्य को पूरा सहयोग देने का भी संकल्प लिया।

दधीचि देह-दान समिति के अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देह-दान अमरता की खोज है। अपनी देह से विदेह हो जाने का एक आंदोलन है। उन्होंने सभी दानदाताओं का अभिनंदन करते हुए विश्वास जताया कि इस महा-अभियान द्वारा ‘सबल स्वस्थ्य भारत’ का निर्माण भी होगा।

मेवाड़ ग्रुप आॅफ़ इंस्टीट्यूशन्स के चेयरमैन डाॅ. अशोक कुमार गदिया ने सर्वप्रथम देह-दान/अंग-दान का संकल्प लेने वालों का अभिनंदन किया और इस पुण्य कार्य में शामिल होने पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि देह-दान जीवन ही नहीं मृत्यु को भी सार्थक करने का पुण्य कार्य है। इंस्टीट्यूट हर साल दो बार, सुभाष चन्द्र बोस और भगत सिंह जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन करता है। इस बार मेवाड़ इंस्टीट्यूट के बोन मैरो दान करने का संकल्प लेने वाले 1000 बच्चों में 500 बच्चे जम्मू-कश्मीर के होंगे। साथ ही उन्होंने भविष्य में भी मेवाड इंस्टीट्यूशन्स की ओर से हर सम्भव सहायता करने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम का संचालन दधीचि देह-दान समिति के उपाध्यक्ष डाॅ. विशाल चड्ढा ने किया।

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