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सुर गंगा के साथ अंगदान पर विचार
5 अगस्त, 2023 | एन.डी.एम.सी कन्वेंशन सेंटर

दधीचि देहदान समिति ने 5 अगस्त, 2023 को अंगदान दिवस के उपलक्ष्य में एक भजन संध्या का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में एन.डी.एम.सी कन्वेंशन सेंटर के खचाखच भरे सभागार में सभी ने डॉ. सुकृति माथुर के भजनों का आनंद लिया। जहां एक ओर भजनों के माध्यम से देहदान और अंगदान के लिए आवाज बुलंद की गई ,वहीं दिल्ली की कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने जागरूकता के इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की प्रतिज्ञा भी की ।

समिति के संस्थापक अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने 25 वर्ष की समिति की यात्रा में आए अपने मार्मिक अनुभवों के साथ बहुत सहजता से इस विषय को लोगों के सामने रखा। उन्होंने कहा कि देहदान हमेशा सुख और संतोष देता है। उनके अनुसार अंगदान के इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अंग न होने की वजह से किसी के जीवन में दुख न हो और हमें बढ़-चढ़कर अंगदान करने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए।

सभा को संबोधित करते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और समिति के मंच से घोषणा की कि जब तक रहूंगा तब तक समिति के साथ काम करता रहूंगा । पाठ्यक्रम में अंगदान के विषय को समायोजित करने के लिए शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखने की बात भी उन्होंने की। श्री सचदेवा ने मंच पर से अपना और अपने माता-पिता का संकल्प पत्र भरने की घोषणा की।

प्रसिद्ध कथा वाचक श्री अजय भाई जी ने भावपूर्ण शब्दों में पौराणिक कथानकों के माध्यम से अपनी बात रखी। उनके अनुसार भारतीय संस्कृति और परंपरा यही कहती है कि आप जो भी दान में देते हैं, वह आपको कई गुणा बढ़कर वापस मिलता है, इसलिए देहदान और अंगदान का संकल्प लेने में हिचकिचाने की कतई आवश्यकता नहीं। उन्होंने कहा कि अंगदान को काम समझकर नहीं, बल्कि अपना कर्तव्य समझकर करें, जिससे हमारी कर्तव्य की भावना राष्ट्र भावना में बदल जाए।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने अपने अनूठे अंदाज में दधीचि देहदान समिति की प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि अंग दान का महत्व तभी समझ में आता है जब हमें अपने परिवार में इसकी आवश्यकता पड़ती है। जीवन का अंतिम सत्य श्मशान घाट तक जाना ही है तो हमें कुछ ऐसा काम करके जाना चाहिए, जिससे लोग बाद में भी हमें याद रख सके। भोजपुरी गीतों और कबीर के दोहों के माध्यम से भी उन्होंने अंगदान और देहदान के विषय को जीवन के आध्यात्मिक पक्ष से जोड़ा।

दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष श्री हर्ष मल्होत्रा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए समिति की कार्यप्रणाली और गतिविधियों की भी चर्चा की। समिति के माध्यम से अभी तक 17000 से अधिक लोग संकल्प पत्र भर चुके हैं। 900 से अधिक लोगों का नेत्रदान, 362 लोगों का देहदान, 8 लोगों का अंगदान, 2 लोगों का त्वचा दान और 4 लोगों की हड्डियों का दान समिति के माध्यम से हुआ है। उन्होंने आह्वान किया कि सबलोग इस दान के लिए आगे आएं, जिससे किसी दूसरे के जीवन में हम खुशियां भर सकें।

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा "जीवनदान " नाम से निर्मित 10 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म। इस फिल्म के भावपूर्ण अभिनय और संवाद शैली ने सभागार में उपस्थित सभी दर्शकों को बहुत प्रभावित किया।

अंगदान के विषय को दर्शकों तक संजीदगी से पहुंचाने वाली इस फिल्म के निर्माता श्री भारत विज और उनकी टीम के सभी सदस्यों को समिति ने सम्मान चिह्न देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में समिति के महामंत्री श्री कमल खुराना व संयुक्त महामंत्री डॉ विशाल चड्ढा के साथ-साथ सभी क्षेत्रों के संयोजक व सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कुछ नाम उल्लेखनीय हैं -दिल्ली भाजपा के संगठन मंत्री श्री पवन राणा, प्रदेश महामंत्री श्री योगेंद्र चंदोलिया,श्रीमती कमलजीत सेहरावत,आई एम ए के डॉ. अनिल गोयल, डॉ मोंगा, धर्म यात्रा महासंघ के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल।

कार्यक्रम की समाप्ति पर उपस्थित समुदाय ने डॉक्टर माथुर के साथ- साथ यह पंक्तियां उल्लास पूर्ण स्वरों में बार-बार दोहराईं, "अंगदान एक महादान है... अपना अब यह नारा, दृढ़ संकल्प हमारा।"


'नौटंकी कलाकार' की ओर से 'जीवन दान'

'नौटंकी कलाकार' चैनल लगातार सामाजिक विषयों पर वीडियो प्रस्तुत कर रहा है । हाल ही में 'नौटंकी कलाकार' ने एक शॉर्ट फिल्म 'जीवन दान' बनाई है । इसके निर्माता और निर्देशक श्री भारत विज हैं। श्री भारत ने अपनी प्रतिभा से कलाकार जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। 'जीवन दान' फिल्म भजन संध्या के कार्यक्रम में लॉन्च की गई। इस मौके पर फिल्म के निर्माता और निर्देशक श्री भारत विज ने कहा,"मेरे लिए यह बहुत आनंद का विषय है कि इस फिल्म के बनने के बाद कई लोग मेरे से अंगदान देहदान के लिए संकल्प लेने की जानकारी मांगते हैं । दधीचि देहदान समिति के कार्यकर्ता श्री विशाल कालरा का इस फिल्म के निर्माण में सहयोग रहा। मुझे संतोष है कि मैं देहदान अंगदान के विषय को समाज में पहुंचने के लिए कुछ सीमा तक सफल रहा हूं ।"

अंगदान और देहदान के महत्व को समझने के लिए 'जीवन दान' फिल्म लोगों को जरूर देखनी चाहिए। खुशी की बात यह है कि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 'जीवन दान' फिल्म को पुरस्कृत भी किया गया है।

श्री भारत विज