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खुशियों की छांह में अंगदान और देहदान की बातें

त्योहार हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं - श्रीमती मीनाक्षी लेखी

दधीचि देहदान समिति की कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय मार्ग में स्थित संस्कार भारती में 18 अगस्त, 2023 को सायं 5 बजे से 7.30 बजे तक, मनाया तीज का त्यौहार। इसमें लगभग 100 महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की तैयारी लगभग एक माह से चल रही थी।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे महिलाओं के लिए मेंहदी, गजरा और चूड़ी के उपहार। सभी ने मेंहदी लगवाई, चूड़ी और गजरों को पहन खूब प्रसन्नता से कार्यक्रम का आनंद लिया। कार्यक्रम में चिकित्सा वर्ग के लोगों के साथ सभी वर्गों की जानी-मानी महिलाओं ने भाग लिया। सभी खुश थे। तीज महोत्सव के लिए सभी ने हरे और पीले वस्त्र धारण किए थे, जिससे एक अलग ही छटा बन रही थी।

मंच संचालन श्रीमती गीता आहूजा जी और स्मृति भाटिया जी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत सभी के स्वागत और तीज की बधाई के साथ की गई। दक्षिण दिल्ली की प्रीति गोयल जी ने सभी के साथ 'पास द पार्सल' का खेल शुरू किया। दधीचि देहदान समिति में कार्य करते हुए श्रीमती सुधा सोनी, श्रीमती अर्चना मित्तल और श्रीमती सत्य गुप्ता जी ने अपने अनुभव साझा किए। गीता जी, हेमा जी व सीमा जी ने अंगदान पर प्रेरक गीत गाया। सभी ने तालियों से उनका साथ दिया। ढोलक में आठवीं कक्षा के विद्यार्थी गुलशन जी का सहयोग रहा। ढोलक के साथ कुछ भजनों और लोकगीतों से समां बंधा रहा। पूनम मल्होत्रा और अंजू जी ने त्योहार के अनुरूप सोलह श्रृंगारों में से एक श्रृंगार चूड़ियों के ऊपर झूमता हुआ गीत प्रस्तुत किया। जिसमें अंजू जी ने साथ कार्यक्रम में समिति की उपाध्यक्षा श्रीमती मंजू प्रभा जी ने तीज त्यौहार के बारे में सभी को जानकारी दी। कार्यक्रम में आई हुई सभी विशिष्ट महिलाओं का सम्मान भी किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी जी ने भी बहुत ही सहज भाव से मेहंदी, चूड़ी और गजरे लगवाए। अपने संबोधन में उन्होंने सभी सखियों को भारतीय संस्कारों और पारिवारिक एकता के लिए कार्यरत रहने के लिए कहा। श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने कहा कि त्योहार हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं, इसलिए सभी त्योहारों को मनाएं। त्योहार मनाने से रिश्तो में मजबूती व नयापन बना रहता है। त्योहार मनाते हुए हमें सादगी का पालन करते हुए, दिखावे से बचना चाहिए।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश में यूरोपीय संस्कृति का अधिक प्रभाव न हो, इसलिए हम सब महिलाओं का कर्तव्य है कि अपने बच्चों में अपनी संस्कृति का दीपक जलाएं और इसे हम एक सामाजिक कार्य बनाएं। श्रीमती लेखी जी ने ये भी स्वीकार किया कि पुरुष वर्ग के सहयोग से महिलाओं के लिए ये सब सरल हो जाता है।

समिति के संरक्षक श्री आलोक कुमार जी ने भी सभी बहनों को बधाई दी, जो दधीचि देहदान समिति के कार्यो में अपना योगदान किसी न किसी रूप में देती हैं। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के उत्साह को देखकर उन्होंने कहा कि समिति से जुड़ी सभी महिलाओं के लिए अगले वर्ष तीज पर हम इससे भी बड़ा कार्यक्रम करेंगे।

अंत में श्रीमती कल्पना साहनी जी ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम को एक सफल आयोजन बनाने में श्रीमती रजनी छाबड़ा, श्रीमती मीना ढल, श्रीमती बबीता मल्होत्रा और श्रीमती ममता चोपड़ा का भी सहयोग रहा। अंत में सभी ने 'दिल्ली-6' के स्वादिष्ट पकवान जी भर कर खाए और बहुत आनंदित होकर अपने-अपने घरों को लौट गए।