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श्रद्धा सुमन

श्री नन्दलाल सचदेवा
श्री नन्दलाल सचदेवा ने 30 दिसम्बर, 2017 को अपनी इहलीला समाप्त की। उनकी आयु 70 वर्ष थी। वह रोहिणी में रहते थे। उनके पुत्र ने सहज भाव से बताया कि वह सबको प्रेम करने वाले एक शान्त स्वभाव के व्यक्ति थे। दान करना व भूखे को खाना खिलाना उन्हें प्रिय लगता था। अपने जीवन काल में उन्होंने मरणोपरान्त नेत्र दान करने की इच्छा प्रकट की थी। उनकी इस इच्छा का सम्मान करते हुए परिवारजनों ने उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान कर दिए। मानवता के लिए किए गए इस महादान हेतु हम परिवारजनों का अभिनन्दन करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी दधीचि परिवार की विनम्र प्रार्थना।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री अनिल, मो. 9650984861

श्री कुन्दन लाल शर्मा

श्री कुन्दन लाल शर्मा का 99 वर्ष की आयु में 2 जनवरी, 2018 को निधन हो गया। वह प्रीतमपुरा में रहते थे। आर्य समाज के लिए उनका समर्पण भाव था। समाज में प्रचलित आडम्बर उन्हें अच्छे नहीं लगते थे। एक चिकित्सक के रूप में भी उनका समाज सेवा में महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके पुत्र ने फोन पर बात करते समय गर्व से बताया कि उनके पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे। देह दान के लिए उन्होंने अपना संकल्प पत्र भरा हुआ था। मरणोपरान्त उनका शरीर, चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए, आर्मी मेडिकल काॅलेज को दान कर दिया गया। उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) को दान की गईं। पिता की इस सदिच्छा का सम्मान करने के लिए उनके पुत्र का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी दधीचि परिवार की विनम्र प्रार्थना।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री रविन्दर शर्मा, मो. 9953894214

श्री बृजलाल खेड़ा

श्री बृजलाल खेड़ा का 5 जनवरी, 2018 को निधन हो गया। उनकी आयु 85 वर्ष थी। रेलवे से रिटायर होने के बाद वह लगभग 6 वर्ष से अपने पुत्र के पास सिंगापुर में रह रहे थे। विवाह में शामिल होने के लिए वह अपने एक संबंधी के यहां फरीदाबाद आए हुए थे, जहां उनका शरीर शान्त हुआ। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि एक पारिवारिक मित्र से प्रेरित होकर उन्होंने नेत्र दान करने का निर्णय लिया था। परिवारिक सहमति से उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान की गईं। नियमित व अनुशासित जीवन जीने वाला एक व्यक्तित्व मरने के बाद भी, समाज हित में, महादान कर गया। दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन व सविनय श्रद्धांजलि। परिवारजनों का साधुवाद।
सम्पर्क सूत्र - श्रीमती आशा भल्ला, मित्र, मो. 7838151538

श्रीमती शीला जैन

श्रीमती शीला जैन ने 6 जनवरी, 2018 को 73 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह कृष्णा नगर में रहती थीं। जैन धर्म के नियमों का पालन करते हुए उन्होंने एक सदगृहिणी का जीवन निर्वाह किया। जैन तीर्थ शिखर जी जाना उनका नियमित वार्षिक कार्यक्रम था। मृत्यु के बाद, मानवता की सेवार्थ उनके नेत्र दान का निर्णय लेने वाले परिवारजनों को हमारा साधुवाद। श्रीमती शीला जैन के नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर को दान किए गए। दधीचि परिवार की ओर से दिवंगत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पौत्र श्री अभिषेक, मो. 2826161610

श्रीमती कौशल्या देवी

श्रीमती कौशल्या देवी का 92 वर्ष आयु में 8 जनवरी, 2018 को निधन हो गया। वह न्यू मोती नगर में रहती थीं। उनके पुत्र ने फोन पर बहुत गर्व से अपनी मां के बारे में बात की। पुत्र के अनुसार ‘‘घर में वह भी समय था जब सुबह की रोटी बनते समय यह पता नहीं होता था कि शाम की रोटी मिलेगी या नहीं। ऐसे वक्त में भी मां पहली रोटी बना कर मेरे हाथ में देकर कहती थीं कि जा दौड़ कर पहले पंडित को दे आ। मां की इन्हीं भावनाओं की बरकत है कि आज परिवार पूरी तरह से सम्पन्न है।’’ मरणोपरान्त, उनकी आंखें राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान कर दी गईं। इस महादान के क्रियान्वयन का श्रेय, उनके पुत्र ने पड़ोसी श्री राकेश मुन्जाल को दिया, जो सेवा कार्यों में निरन्तर अग्रणी रहते हैं। साधुवाद कर्मयोगी समाज सेवी बन्धु का। नमन परिवारजनों को, जो मानवता की सेवा के लिए आगे बढ़े। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सिकन्दर नागपाल, मो. 9810015181

श्रीमती सुमित्रा त्यागी

श्रीमती सुमित्रा त्यागी ने 70 वर्ष की आयु में 8 जनवरी, 2018 को परलोकगमन किया। वह राजेन्द्र नगर, गाज़ियाबाद में रहती थीं। उनके पुत्र से बात करने पर पता चला कि वह एक घरेलू धार्मिक महिला थीं। पति ने ही अपनी स्वर्गीय पत्नी सुमित्रा की देह दान करने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रबल तरीके से अपनी बात परिवार के बीच में रख कर सबकी सहमति बनाई। परिवार का साधुवाद, जिसने चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के उपयोग हेतु, उनका शरीर यू.सी.एम.एस. (जी.टी.बी.) में दान कर दिया। श्रीमती सुमित्रा के नेत्र, वेणु आई सेन्टर की टीम, ससम्मान लेकर गई। दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए दधीचि परिवार की ईश चरणों में विनती।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री अन्जुल त्यागी, मो. 7289005043

श्री रोशन लाल वर्मा

श्री रोशन लाल वर्मा का 87 वर्ष की आयु में 9 जनवरी, 2018 को देहांत हुआ। वह जनकपुरी में रहते थे। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि वह देश विभाजन के पहले से ही संघ के नियमित स्वयंसेवक थे। आजीवन नियमित योग और प्राणायाम करते रहने के कारण वह अन्तिम समय में भी शान्त भाव में ही थे। आर्थिक स्थिति साधारण होने पर भी परिवार का पालन-पोषण सुचारु रूप से हुआ। वह अपने पीछे भरा-पूरा व संस्कारी परिवार छोड़ कर गए हैं। परिवार के सभी सदस्य देह दान/अंग दान कार्य के लिए समर्पित हैं। स्वर्गीय श्री रोशन लाल के पुत्र श्री अविनाश वर्मा दधीचि देह दान समिति की गाज़ियाबाद शाखा के संयोजक हैं। परिवारजनों द्वारा मानवता की सेवार्थ श्री रोशन का नेत्र दान राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में किया गया। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार सादर श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री अविनाश वर्मा, मो. 9818107747

श्रीमती आशा रानी

मालवीय नगर निवासी श्रीमती आशा रानी ने 10 जनवरी, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह 85 वर्ष की थीं। वह धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं जिन्हें भजन गाने में खूब आनन्द आता था। उनके पुत्र से फोन पर बात करने पर पता चला कि उनका सारा परिवार देह दान/अंग दान विषय पर जागरूक है और दधीचि देह दान समिति के विचारों से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। मानवता की सेवा के लिए ऊंची सोच रखने वाले परिवार का साधुवाद। परिवार ने स्वर्गीय आशा रानी का शव एम्स के न्यूरो विभाग को, विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले शोध के लिए दान कर दिया। दधीचि परिवार दिवंगत आत्मा के लिए श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री राकेश, मो. 9910020368

श्री सतीश जैन

धर्मनिष्ठ, परम सेवाभावी, परम गुरु भक्त, दानवीर, दृढ़ श्रद्धावान, सुश्रावक, गुड़गांव निवासी श्री सतीश जैन का 12 जनवरी, 2018 को प्रभु मिलन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। जीवन भर आप न सिर्फ परिवार के लिए बल्कि गुड़गांव में पूरे जैन समाज के लिए एक मार्ग दर्शक बने रहे। मिलनसार स्वभाव के धनी स्व. श्री सतीश जैन, सामाजिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहे। तन-मन-धन से वह संघ एवं समाज के लिए समर्पित रहे। यह पुण्य आत्मा जाते-जाते भी पूरे जैन समाज के लिए एक नई सोच छोड़ गई। उनका शरीर अग्नि को समर्पित न करके, चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों द्वारा किए जाने वाले शोध के लिए, ई.एस.आई., मेडिकल काॅलेज, फरीदाबाद में दान कर दिया गया। इस महादान को क्रियान्वित करने के लिए दधीचि देह दान समिति परिवारजनों का साधुवाद करती है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें। दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सन्दीप जैन, मो. 9811070313

श्री भोपाल सिंह जैन

श्री भोपाल सिंह जैन ने 70 वर्ष की आयु में 16 जनवरी, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह चांदनी चैक निवासी थे। समाज में सेवा कार्यों में हमेशा अग्रणी रहते थे। वह अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के अध्यक्ष व भगवान पारसनाथ चेरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक थे। तरुण मित्र परिषद का कार्य तो वर्षों से उनके घर से ही चल रहा था। सभी सामाजिक संस्थाओं को उनका सहयोग रहता था। उनके पुत्र ने फोन पर गर्व से बताया कि उनकी प्रेरणा से ही घर के सभी सदस्यों ने नेत्र दान का संकल्प लिया है। परिवारजनों का साधुवाद जिन्होंने उनके नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर में दान किए व एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें - ऐसी दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री तरुण जैन, मो. 9868611301

श्री कुशल चांदना

श्री कुशल चांदना, 70 वर्ष की आयु में 17 जनवरी, 2018 को परलोकगामी हुए। वह मालवीय नगर निवासी थे। उनकी पत्नी की पहल पर परिवार ने उनके नेत्र दान करने का निर्णय लिया। श्री चांदना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय सदस्य थे। परिवार के सदस्यों का साधुवाद, जिन्होंने मानवता की सेवार्थ यह प्रेरणाप्रद कार्य किया। उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) की टीम ने ससम्मान लिए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री अनुराग, मो. 9999040810

श्री पी. एम. मुरलीधर प्रसाद

श्री पी.एम. मुरलीधर प्रसाद का 23 जनवरी, 2018 को परलोकगमन हुआ। वह 78 वर्ष के थे। वह वैशाली, गाज़ियाबाद में रहते थे। किसी पारिवारिक कार्यक्रम में वह बनारस गए हुए थे। अचानक स्वास्थ्य बिगड़ा और वहीं उनका शरीर शान्त हो गया। लगभग 3 वर्ष पूर्व उन्होंने दधीचि देह दान समिति के माध्यम से देह दान का संकल्प लिया था। उनके परिवारजनों ने संकल्प का सम्मान रखते हुए प्रयत्नपूर्वक देह दान और नेत्र दान को क्रियान्वित किया। दधीचि देह दान समिति के सहयोग से बी.एच.यू. में यह दान सम्भव हो सका। परिवारजनों का साधुवाद। उनके पुत्र ने बताया कि वह जीवन भर रक्त दान करते रहे, चाहे किसी को भी ज़रूरत पड़े। शिक्षा दिलाने के लिए वह पारिवारिक रिश्तेदारों के अलावा मित्रों के बच्चों को भी घर में रखने में संकोच नहीं करते थे। रात-दिन की चिन्ता किए बगैर निकल पड़ते थे और पत्नी व बच्चों को भी सेवा कार्य में लगा देते थे। योग सिखाने से लेकर धर्मार्थ चिकित्सा केन्द्र में समय लगाने तक का कार्य, सभी नियमपूर्वक चलता था। साहित्य में भी रुचि थी। गीता ज्ञान गोष्ठी में भी उनकी सहभागिता रहती थी। अनावश्यक तामझाम तथा ढेरों सुख विलासिता से उनका कोई लेना-देना नहीं था। उनके पुत्र ने संयत स्वर से बताया कि उनके पिता बच्चों के साथ भी बचपन से ही काफी सख्त रहे ताकि ईमानदारी, व्यवहार, कामकाज, संबंधों में आचरण गलत न हो। उनका सख्ती से कहना था कि दूसरा कुछ भी करे बच्चे कोई भी गड़बड़ हरकत नहीं करेंगे। उनकी सीख ने बच्चों को जीवन में संयत रहना व मिलनसार बनाया है। पुण्यात्मा के लिए हमारे दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री कुमार अमिताभ, मो. 8800838001

श्रीमती संतोष रानी

श्रीमती संतोष रानी ने 67 वर्ष की आयु में 27 जनवरी, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह पटेल नगर निवासी थीं। उनके पुत्र ने बताया कि झण्डेवालां मन्दिर में दधीचि देह दान समिति का काउन्टर लगने पर परिवार के सभी सदस्यों ने नेत्र दान के संकल्प पत्र हस्ताक्षरित किए हैं। मरणोपरान्त स्वर्गीय संतोष के नेत्र वेणु आई सेन्टर में दान करके परिवारजनों ने उनकी अन्तिम इच्छा का सम्मान किया। मानवता की सेवार्थ किए गए इस प्रेरणाप्रद कार्य के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी सविनय प्रार्थना है।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सचिन, मो. 9643905398

श्री सी.बी. आनन्द

श्री सी.बी. आनन्द ने 84 वर्ष की आयु में 4 फरवरी, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह त्रिनगर निवासी थे। वह ओशो के विचारों से प्रभावित थे। उनके शिविरों में जाते रहते थे। अपने परिवार के लिए उन्हें रीढ़ की हड्डी के रूप में याद किया जा रहा है। जीवन्त स्वभाव के स्वर्गीय आनन्द ने अपने जीवन को सहज मस्ती में जिया। उनके पुत्र ने उतनी ही जीवन्तता से बताया कि वह ताश खेलने के इतने शौकीन थे कि उनकी इच्छा के अनुसार उनकी अन्तिम यात्रा में ताश की गड्डियां भी साथ रखी गईं। इतने ही सजग वह अपने नेत्र दान के संकल्प को लेकर थे। जब उन्हें अपना अन्तिम समय निकट आता समझ आ रहा था तो वह अपना संकल्प पुत्र को याद दिलाना नहीं भूले। परिवारजनों का साधुवाद जिन्होंने ससम्मान उनके संकल्प को पूरा किया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) की टीम द्वारा उनकी आंखें दान में ली गईं। मानवता की सेवार्थ पुण्य सोच रखने वाले व्यक्तित्व को दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री किशन कुमार, मो. 9811469477

श्री बद्रीनाथ चोपड़ा

श्री बद्रीनाथ चोपड़ा ने 5 फरवरी, 2018 को अपना शरीर छोड़ा। उनकी आयु 95 वर्ष थी। वह अशोक विहार में रहते थे। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि वह अंत समय तक सक्रिय रहे। आज़ाद मार्केट में वह सभी के सहयोगी थे। मन्दिर की गतिविधियों में भी वह पूरी लगन से हिस्सा लेते थे। परिवारजनों का साधुवाद, जिन्होंने मानवता की सेवार्थ उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान किए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री अरुण चोपड़ा, मो. 9811054240

श्री एकलव्य अरोड़ा
प्रकृति ने 31 वर्ष की अल्पायु में ही श्री एकलव्य अरोड़ा को 6 फरवरी, 2018 को उनके परिवार से छीन लिया। व्यवसाय से इंजीनियर श्री एकलव्य की, अस्पताल की मशीनों की सर्विस में कुशलता थी। सात वर्ष के अनुभव के बाद वह असिस्टेन्ट मैनेजर के पद पर पहुंचे थे। पर, हृदयगति रुकने से उनकी जीवन यात्रा ही समाप्त हो गई। ऐसी असहनीय दुःख की घड़ी में भी उनकी मां ने पुत्र के नेत्र दान का निर्णय लिया। गाज़ियाबाद निवासी स्वर्गीय एकलव्य के माता-पिता ने वेणु आई सेन्टर में उनके नेत्र दान किए। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की सविनय श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पिता डाॅ. अजित, मो. 09911801198

श्री जुगल किशोर कुमार

श्री जुगल किशोर कुमार 7 फरवरी, 2018 को परलोकगामी हो गए। उनकी उम्र 75 वर्ष थी। वह जनकपुरी निवासी थे। उनके पुत्र से बात होने पर पता चला कि वह शान्त और अनुशासित व्यक्ति थे। परिवार के हर सदस्य के लिए वह मार्ग दर्शक का कार्य करते थे। इस तरह वह सबके मित्र ही थे। उनके निर्णय दिल और दिमाग दोनों से लिए जाते थे, जिससे व्यावहारिक पक्ष सबको सहज स्वीकार्य होता था। आर्य समाज व सनातन धर्म मन्दिर - दोनों ही स्थानों पर उनकी सहभागिता बनी रहती थी। दधीचि देह दान समिति, परिवारजनों का साधुवाद करती है, कि उन्होंने चिकित्सा शास्त्र की पढ़ाई करने वाले छात्रों के उपयोग के लिए उनकी देह आर्मी मेडिकल काॅलेज को दान में दी। उनके नेत्र गुरु नानक आई सेन्टर की टीम ने ससम्मान प्राप्त किए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री तरुण कुमार, मो. 9810307790

श्री दीवान चन्द छाबड़ा

श्री दीवान चन्द छाबड़ा ने 92 वर्ष की आयु में 9 फरवरी, 2018 को अपना शरीर छोड़ा। वह अशोक विहार में रहते थे। वह परिवार को समर्पित एक कुशल व सफल व्यवसायी थे। परिवार में सबकी चिन्ता करना व उन्हें सैटल करना उनके जीवन का उद्देश्य था। अन्तिम समय तक वह पूर्णतः सक्रिय रहे। उनकी बेटी ने बताया कि कुछ समय पूर्व ही उन्होंने अपने नेत्र दान करने की इच्छा व्यक्त की थी। दधीचि देह दान समिति की कार्यकारिणी के सदस्य डाॅ. कीर्तिवर्धन साहनी के सहयोग से उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में दान किए गए। मानवता के लिए किए गए इस महादान को क्रियान्वित करने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।
सम्पर्क सूत्र - पुत्री पूजा छाबड़ा, मो. 9811588128

श्रीमती लीलावती
श्रीमती लीलावती का 84 वर्ष की आयु में 10 फरवरी, 2018 को देहावसान हो गया। वह ईस्ट पंजाबी बाग में रहती थी। उनके पुत्र ने बताया कि मृत्यु के बाद किसी परिचित ने नेत्र दान के लिए प्रेरित किया। जल्दी ही परिवारजनों की सहमति से नेत्र दान की व्यवस्था की गई। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) की टीम द्वारा ससम्मान उनके नेत्र लिए गए। मानवता की सेवार्थ लिए गए इस प्रेरक निर्णय के लिए परिवारजनों का अभिनन्दन। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें - ऐसी दधीचि परिवार की विनम्र प्रार्थना है।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री सुनील गोयल, मो. 9999732733

श्री मदन लाल ढींगरा
श्री मदन लाल ढींगरा ने 83 वर्ष की उम्र में 14 फरवरी, 2018 को अपनी इहलीला समाप्त की। वह नोएडा में रहते थे। उनके पुत्र ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि उनके पिता के लिए इंसानियत से बढ़ कर कुछ नहीं था। वह अपने काम में ही व्यस्त रहते थे। वह संत प्रकृति के थे। उन्हें कभी किसी से कोई शिकवा-शिकायत नहीं रही। उनके परिवारजनों ने नेत्र दान का निर्णय लेकर एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है। वेणु आई अस्पताल की टीम ने ससम्मान उनके नेत्र प्राप्त किए। मानवता के लिए जीने वाले व्यक्तित्व को दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री मनु ढींगरा, मो. 9811057705

श्रीमती रितु नागी

श्रीमती रितु ने 44 वर्ष की अल्पायु में ही 16 फरवरी, 2018 को परलोक गमन कर लिया। उनके पुत्र ने बताया कि नेत्र दान का निर्णय मृत्यु के बाद ही लिया गया। राजेन्द्र प्रसाद आई सेन्टर (एम्स) में ससम्मान उनके नेत्र दान किए गए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के शत्-शत् नमन।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री ईशू, मो. 9999283356

श्री शान्ति स्वरूप क्वात्रा

श्री शान्ति स्वरूप क्वात्रा का 20 फरवरी, 2018 को 92 वर्ष की आयु में देहांत हो गया। वह सेक्टर 28, फरीदाबाद में रहते थे। वह सीनियर मलेरिया अफ़सर, फ़रीदाबाद के पद से रिटायर हुए थे। फिर अपने पुत्र के साथ यमुनानगर में रहने चले गए थे। सारा जीवन आर्य समाज से जुड़े रहे और वरिष्ठ नागरिक फोरम के सदस्य के रूप में भी समाज सेवा के कार्य करते रहे। उनके बड़े पुत्र श्री योगेश्वर भी सेक्टर 28, फ़रीदाबाद की रेज़िडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान के रूप में सेवा कार्य कर रहे हैं। मानवता की सेवार्थ स्वर्गीय श्री शान्ति स्वरूप का नेत्र दान वेणु आई सेन्टर में किया गया। दधीचि देह दान समिति प्रभु से प्रार्थना करती है कि पुण्यात्मा को अपने चरणों में स्थान दें। दानी परिवार का आभार।
सम्पर्क सूत्र - पुत्र श्री योगेश्वर क्वात्रा, 9818437532