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इंदौर प्रवास में दधीचि परंपरा बढ़ा रहे सज्जनों से भेंट

राजीव गोयल

13 से 17 जनवरी 2019 तक सपरिवार इंदौर व उज्जैन में ओंकारेश्वर व महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंगों सहित माँ नर्मदा व क्षिप्रा आदि के दर्शन का सौभाग्य मिला। इस प्रवास में धार्मिक स्थलों के साथ ही दधीचि परम्परा को इन शहरों में बढ़ा रहे सज्जनों से भेंट का अवसर भी मिला और उनसे देह-अंग दान पर सार्थक चर्चा हुई।

दधीचि वंशज श्री शंकर लाल जी और श्री एन.एम. जोशी जी

नेमिषारण्य में महर्षि दधीचि आश्रम के पुनरुत्थान के लिए तन, मन, धन से वर्ष 2013 से समर्पित दधीचि वंशज श्री शंकर लाल जी और श्री एन.एम. जोशी जी से सुबह के नाश्ते पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया की दधीचि आश्रम का जीर्णोद्धार 42 लाख रुपये से कराया है और हर वर्ष वहां दधीचि जयंती पर भव्य आयोजन किया जाता है। फाल्गुन सुदी पूर्णिमा को महर्षि दधीचि ने देहत्याग किया था। हर वर्ष इस दिन 84 कोस यात्रा का आयोजन होता है। पिछले वर्ष इस यात्रा में लगभग 4 लाख लोगों सम्मिलित हुए थे जिसमें वह भी गए थे। आश्रम के आसपास स्वच्छता बनाये रखने के लिए इन सबके प्रयासों से सरकार आश्रम के बाहर शौचालयों व स्नानघरों का निर्माण करा रही है। उन्होंने बताया कि 12 से 18 सितम्बर 2018 तक वहां श्रीमद भागवत कथा के आयोजन में लगभग 2000 दधीचि पुत्र(वंशज) एकत्र हुए थे। आश्रम के पास महर्षि दधीचि द्वारा स्थापित शिव मंदिर को औरंगजेब द्वारा तोड़ दिया गया था जिसका पुनर्निर्माण करा दिया गया है। अब वे एक ट्रस्ट बनाकर आश्रम का एक गेस्ट हाउस बनाने के लिए प्रयासरत हैं। आश्रम और उस क्षेत्र के उत्थान के लिए समर्पित ऐसे दधीचि पुत्रों को शत शत प्रणाम।

दधीचि वंशज श्री नन्दकिशोर व्यास जी

13 वर्षों से इंदौर में महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति के माध्यम से देह-अंग दान की मुहिम चला रहे दधीचि वंशज श्री नन्दकिशोर व्यास जी से प्रेरणादायक मुलाकात सदा याद रहेगी। उन्होंने बताया कि महात्मा गाँधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेजए इंदौर के सुझाव से वर्ष 2006 में उन्होंने कुछ साथियों के साथ मिलकर इस समिति का गठन देहदान - अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए किया। वर्ष 2011 से उनकी समिति ने विधिवत इसके लिए लोगों का रजिस्ट्रेशन शुरू कर आई कार्ड देना प्रारम्भ किया। इस समय समिति में लगभग 1275 पंजीकृत देहदान-अंगदान संकल्पी हैं। समिति सरकारी महात्मा गाँधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज में एक सौ से अधिक देहदान करा चुकी है। फाल्गुन सुदी पूर्णिमा को महर्षि दधीचि ने देहत्याग किया था। वर्ष 2008 से समिति प्रतिवर्ष इस दिन 'देहदान-अंगदान दिवस' के रूप में मनाते हुए उन दानी परिवारों का सम्मान करती हैं जो अपने किसी प्रियजन का मरणोपरांत दान कर चुके होते हैं। ऐसा एक आयोजन 17 मार्च 2018 को हुआ जिसमे प्रमुख नेता, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, डॉक्टर आदि ने ऐसे दानी परिवारों का सम्मान किया और लोगों को देहदान-अंगदान के लिए प्रेरित किया। प्रतिवर्ष 28 नवम्बर को राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर रैली व शिविर का आयोजन किया जाता है। जन जागरण के लिए समिति मध्यप्रदेश में उज्जैन, रतलाम, भोपाल, महू, धरमपुरी, धार, मंडलेश्वर, गुना, खंडवा, बालाघाट, छिन्दवाड़ा आदि सहित दिल्ली, मुंबई, राउरकेला, जयपुर, उदयपुर, नागौर, अजमेर, हैदराबाद, काठमांडू-नेपाल आदि में भी कार्यक्रमों के माध्यम से इस मानव सेवा के कार्य का प्रचार निरंतर करती रहती है। मानवता के इस पुण्य कार्य में समर्पण के लिए हार्दिक साधुवाद।

डॉ. रवि ठक्कर जी

उज्जैन में 4 वर्षों से महर्षि दधीचि देहदान अंगदान समिति के बैनर तले मानवता के लिए देह-अंग दान कार्यक्रम चला रहे डॉ. रवि ठक्कर जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। पहले तो कुछ साथी मिलकर इस पावन कार्य को करते रहे फिर 15 अगस्त 2014 को एपेक्स बैंक जिसमे आप महाप्रबंधक हैं की ओर से एक पूरे दिन का कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें उज्जैन के अस्पताल के डॉक्टर, साधू संत प्रमुख समाजसेवी आदि ने सम्मिलित होकर इस विषय पर सार्थक चर्चा की और लोगों की इससे जुड़ी शंकाओं का निवारण किया। कार्यक्रम में उज्जैन के ऐसे 90 परिवारों का सम्मान किया जो अपने किसी प्रियजन का मृत्योपरांत देह-अंग दान कर चुके थे। इसी कार्यक्रम में सबकी सहमति से समिति का निर्माण कर इस मुहिम को आगे चलाने की सहमति बनी। तब से समिति अब तक लगभग 15 देह-अंग दान करा चुकी है और लगभग 132 लोगों का देह-अंग दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराकर उज्जैन के चैरिटेबल अस्पताल के सहयोग से आई कार्ड भी दे चुकी है। मानव सेवा के लिए देह-अंग दान की मुहिम चला रही इस संस्था के सभी साथियों को हार्दिक साधुवाद।