देहदान महायात्रा के 25 वर्ष... 25 मोती!
प्रो. कुलविंदर सिंह |
यह जिंदगी एक यात्रा है। इस यात्रा में मोती भी मिलते हैं और नुकीले पत्थर भी। तो क्यों न हम मोती चुनें और अपनी जिंदगी को यादगार बनाएं। दधीचि देहदान समिति का जो रास्ता है, वहां परोपकार के मोती मिलते हैं, क्या आप जानते हैं?
- दधीचि देहदान समिति! माननीय अधिवक्ता श्री आलोक कुमार द्वारा शुरू की गई संस्था पूर्णतः निस्वार्थ है और सारे कार्यकर्ता अवैतनिक हैं। मानव सेवा की सर्वश्रेष्ठ देहदान संस्था है यह।
- देहदान -एनाटॉमी की पढ़ाई हेतु एमबीबीएस और अन्य कोर्स में देह का उपयोग रिसर्च व नई सीख हेतु किया जाता है। व्यर्थ ना जलाएं ना दफनाए।
- नेत्रदान - दो नेत्रों की अनेक परतों/ हिस्सों से 4 से 8 नेत्रहीनों को दृष्टि मिलती है। मृत्यु के बाद 4 से 6 घंटे में ही नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न हो, यह आवश्यक है ।
- अंगदान - ब्रेन स्टेम डेथ की सूरत में अंगदान हो सकते हैं।परिवार का समर्थन सर्वोपरि है। एक्सीडेंट या स्ट्रोक की स्थिति में भी यह संभव है।
- जीवन में दान - जीते जी किडनी लिवर टिशु व बोन मैरो आदि दान संभव है। अपने व अपने देश के पीड़ितों के इलाज में हम योगदान कर सकते हैं।
- जाने के बाद दान - शरीर या अंग दान हो सकते हैं। संकल्प पत्र आपने फॉर्म भरा हो या न भरा हो, परिवार की मर्जी से यह दान संभव है।
- दिल्ली एनसीआर- समिति के दिल्ली में आठ और आसपास तीन जोन कार्यरत है। गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा-बुलंदशहर।
- बाकी भारत में -बाकी भारत में जैसे-जैसे जहां-जहां कार्यकर्ता मिल रहे हैं कार्य शुरू होता जा रहा है।बिहार, पंजाब, कोटा, उत्तराखंड। जागरूकता बढ़ाएं, जुड़े व कार्य करें।
- वालंटियर्स - केवल 1 हफ्ते में कुछ घंटे इस काम को दे सके तो यह एक क्रांतिकारी कदम होगा। इंतजार छोड़ें, आए हमसे जुड़ें ।
- नोटो -यह एक सरकारी संस्था है। दिल्ली से काम करती है। इसकी स्टेट व रीजनल संस्थाएं भी है ।
- एम्स -पूरे भारत के पांच एम्स व कई सरकारी मेडिकल कॉलेज इस कार्य में लगे हैं । विस्तृत जानकारी हमारी वेबसाइट, फेसबुक व यूट्यूब पर है।
- वेबसाइट - दधीचि देहदान समिति का सभी सोशल मीडिया पर सक्रिय पेज है व सारी जानकारी उपलब्ध है। जरूर विजिट करें www.dehdan.org
- धर्म - सभी धर्म परोपकार व पुरुषार्थ सिखाते हैं। यह असंभव है कि कोई भी धर्म मानवता के इस सर्वोत्तम कर्म में रुकावट डाले।
- वेटिंग लिस्ट -लाखों मरीज अंगों के इंतजार में हैं। आपके द्वारा किए जाने वाले इस परोपकार का संसार में कोई पर्याय नहीं है।
- अंध - नेत्रदान -हैरानी की बात है कि जन्म से अंधा व्यक्ति भी मरणोपरांत नेत्रदान कर कई नेत्रहीनों को दृष्टि से प्रकाशित कर सकता है।
- ऑप्ट इन ऑप्ट आउट -भारत में आप्ट इन है, मतलब फॉर्म भर कर दान करें। कई दूसरे देशों में देह देश की अमानत है, जो ना चाहे वह ऑप्ट आउट फॉर्म भर सकता है।
- डॉक्टरों के विचार- सभी श्रेष्ठ डॉक्टर जानते व कहते हैं कि ईश्वर के बनाए देह, अंगो व नेत्रों का कोई विकल्प नहीं ।
- तत्पर तुरंत सब कुछ -दधीचि देह दान समिति के सभी कार्यकर्ता बेशक अवेतनिक हैं ,पर सभी पूरी तरह प्रोफेशनल तरीकों से काम करते हैं। बेहद बढ़िया।
- पारदर्शिता - कोई दान हो तो सरकारी संस्था नोटो पूरी सतर्कता से ट्रांसप्लांट को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार करवाती है ।
- गोपनीयता - दानी व लेने वाले के नाम गुप्त रखे जाते हैं, ताकि कोई सामाजिक धार्मिक या अन्य विवाद ना हो।
- प्रचार प्रसार - देह और अंगदान का कार्य लोगों के समर्पण व सहयोग से होता है, तो आप सब अपनी क्षमताओं से प्रचार कर सकते हैं।
- युवा सहयोग-स्कूलों, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी और एमएनसी में ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। ये सब रुड़ियों से नहीं तकनीक से जुड़े हैं।
- जूम सेमिनार-हमारे बहुत से ट्रेनिंग वर्कशॉप, टॉक और सेमिनार होते हैं, जो समिति के सभी सोशल मीडिया हैंडल्स पर सुरक्षित है ।
- कुछ डाटा -करीब 14 हजार लोगों के द्वारा संकल्प पत्र भरा जा चुका है। 900 देहदान व नेत्रदान समिति द्वारा करवाए गए हैं ।
- रोचक बातें-डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस)में अंगदान की सहमति दर्ज हो तो एक्सीडेंट डेथ केस में अंगदान हो सकते हैं। यह हम सभी का फर्ज है कि भविष्य का भारत सुंदर व सफल बनाएं।