नई कार्यकारिणी की पहली बैठक में देहदान को संस्कृति बनाने पर जोर
दधीचि देहदान समिति की नवगठित कार्यकारिणी की पहली बैठक नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में 15 जून, 2025 को हुई।इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष और दधीचि देहदान समिति के संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक, आलोक कुमार ने देहदान को "जीवन बचाने की सबसे बड़ी पूंजी" बताते हुए कहा कि भारत जैसे देश में देहदान में वृद्धि न होने का कारण पारंपरिक धारणा नहीं, बल्कि जानकारी का अभाव है। उन्होंने कहा कि इस अभाव को दूर करने के लिए दधीचि देहदान समिति नए उत्साह के साथ कार्य करने के लिए कटिबद्ध है।आलोक कुमार ने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि इसी सिलसिले में उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री और दधीचि देहदान समिति के छह वर्ष तक अध्यक्ष रहने के बाद संरक्षक की नई भूमिका में आए हर्ष मल्होत्रा के साथ दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात कर उनसे देहदान को संस्कृति बनाने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया। उन्होंने ऑर्गन डोनेशन से युवाओं को जोड़ने के लिए सौ कॉलेजों तक समिति का संदेश फैलाने का संकल्प भी लिया।
गत छह वर्ष तक दधीचि देहदान समिति के अध्यक्ष रहने के बाद संरक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री, हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हार्वेस्टिंग सेंटर और ट्रांसप्लांट सेंटर बनाने का आश्वासन दिया है। साथ ही एक कमेटी के गठन की भी बात कही गई जो ऑर्गन डोनेशन को राजधानी में संस्कृति का रूप देने के लिए काम करेगी।केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा और आलोक कुमार दधीचि देहदान समिति की कार्यकारिणी बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान देहदान समिति के नए अध्यक्ष महेश पंत, महामंत्री डॉ. विशाल चड्डा और उपाध्यक्ष मंजू प्रभा सहित कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों ने भी समिति के आगे के कार्यक्रमों का ब्लू प्रिंट सामने रखा।कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और सी-वोटर के संस्थापक अध्यक्ष यशवंत देशमुख ने दधीचि देहदान समिति के अंगदान के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को सराहा और कार्यकारिणी के नए पदाधिकारियों एवं सदस्यों को भविष्य के अभियान के लिए सुझाव भी दिए।दधीचि देहदान समिति की कार्यकारिणी के कार्यक्रम का समापन करते हुए आलोक कुमार ने कहा कि देहदान के ईश्वरीय कार्य को विस्तार देने और लाखों लोगों की जान बचाने के लिए देहदानियों को सम्मान देना बेहद आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में ऑर्गन डोनेशन करने वाले देहदानियों के लिए एक ऑनर वॉल (सम्मान दीवार) बनाने की आवश्यकता भी जताई।

