दधीचि देहदान समिति के संविधान के अनुसार, नियत समय पर नए चुनाव होते हैं। इस 6 जून , 2025 को समिति ने नए पदाधिकारियों को चुना।समिति में प्रारंभ से ही जुड़े श्री महेश पंत का कार्य में बड़ा योगदान रहा है, और वह सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुने गए हैं। इसी प्रकार, डॉ. विशाल चड्ढा, जो संयुक्त महामंत्री के रूप में कार्य करते रहे थे, इस बार महामंत्री बने हैं। हम दोनों को शुभकामनाएं देते हैं!
इस समिति में सभी एक विराट स्वप्न को वास्तविक बनाने का प्रण लेकर जुटे हैं। यहाँ पद कहां महत्वपूर्ण है? वस्तुतः यह पद नहीं, जिम्मेदारियां हैं। गुजराती में इसे जवाबदारियां कहते हैं।
ये जिम्मेदारियां केवल संविधान की व्यवस्था निभाने के लिए हैं। दधीचि तो एक टीम की तरह काम करती है। उसी में कभी कोई और कभी कोई और आगे कर लिया जाता है। टीम में सभी का महत्व बराबर है। ऊपर से लेकर सबसे छोटी इकाई तक प्रत्येक कार्यकर्ता उतना ही महत्वपूर्ण है और उतना ही योगदान करता है।
कुछ बंधु आयु और स्वास्थ्य कारणों से ज़िम्मेदारी से निवृत्त हुए हैं, पर वे काम से निवृत्त नहीं हुए। उसी उत्साह, श्रद्धा और निरंतरता से वे कार्य कर रहे हैं।
यह हमारा ईश्वरीय कार्य है। भगवान ही कर रहे हैं, वही हमसे करा रहे हैं। जैसे राम जी ने अंगद जी को अपना दूत नियुक्त किया और कहा कि 'हमारा एक काम करो'। अंगद जी ज्ञानवान थे, उन्होंने कहा, "राम, आपके सब काम स्वयं सिद्ध होते हैं, केवल आदर देने के लिए मुझे यह सौंपा है।"
यह भाव बना रहे। ईश्वर ने हमें इसके लिए चुना, यह हमारा सौभाग्य है। हमें पद मिलने पर अहंकार नहीं, विनम्रता मिलती है, और हम सब मिलकर आगे बढ़ते रहते हैं।
आलोक कुमार

दिल्ली-एनसीआर
मई - जून 2025