देहदानियों का 48 वां उत्सव
25 दिसंबर 2022
विवेकानंद ऑडिटोरियम, जे.सी.बोस. यूनिवर्सिटी , फरीदाबाद
दधीचि देहदान समिति की फरीदाबाद इकाई ने जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद के विवेकानंद ऑडिटोरियम में देहदानियों के 48वें उत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर अपने किसी प्रियजन का देह, अंग या नेत्रदान कर चुके 14 परिवारों को सम्मानित किया गया। 166 संकल्प कर्ताओं को, जिन्होंने 2020 से अब तक नेत्रदान के लिए संकल्प लिए हैं, प्रमाण पत्र और संकल्प पत्र देकर सम्मानित किया गया।
क्या आप जानते हैं कि देश में हर साल हजारों लोगों की मौत सिर्फ इस वजह से होती है कि उन्हें समय पर ट्रांसप्लांट होने के लिए ऑर्गन नहीं मिल पाता। अगर किसी बीमार व्यक्ति को उसके शरीर का महत्वपूर्ण बीमार अंग ट्रांसप्लांट होने के लिए मिल जाए तो उस आदमी की जान बचाई जा सकती है। पार्थिव देह मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई में सहायक है। इसी तरह अंगदान और देहदान के विषय को लेकर जागरूकता फैला रही दधीचि देहदान समिति की फरीदाबाद इकाई ने जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद के विवेकानंद ऑडिटोरियम में देहदानियों के 48वें उत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर अपने किसी प्रियजन का देह, अंग या नेत्रदान कर चुके 14 परिवारों को सम्मानित किया गया।166 संकल्प कर्ताओं को, जिन्होंने 2020 से अब तक नेत्रदान के लिए संकल्प लिए हैं, प्रमाण पत्र और संकल्प पत्र देकर सम्मानित किया गया।
दीप प्रज्वलन और "जीवेम शरद: शतम्" के मंत्रोच्चारण के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ। जे.सी. बोस. यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों की ओर से अंगदान और देहदान के विषय पर एक नुक्कड़ नाटक की सशक्त प्रस्तुति रही।
उत्सव के मुख्य अतिथि फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि प्रकृति और वातावरण शुद्धता के लिए ढेर सारे कार्यक्रम होते हैं। देहदान और अंगदान विषय को लेकर मानवीय मूल्यों पर आधारित इस तरह के कार्यक्रम भी लोगों में एक नई जागृति के स्रोत बन सकते हैं ।
जे.सी .बोस. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने इस महान कार्य करने वाले सभी संकल्पित लोगों का स्वागत किया और कहा कि संसार में इससे बड़ा और कोई दान नहीं हो सकता। उन्होंने महादानी कर्ण और महर्षि दधीचि का उदाहरण देते हुए कहा कि यह भी उसी परंपरा को आगे बढ़ाने वाला कार्य है।
चित्रकूट स्थित अखंड परमधाम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी जगत प्रकाश त्यागी, जिन्होंने पहले ही नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ है, ने नानाजी देशमुख को अपना प्रेरणास्रोत बताया और सभी से आह्वान किया कि इस नेक कार्य के लिए सब आगे आएं।
फरीदाबाद के मां अमृतानंदमयी मेडिकल कॉलेज में एनाटॉमी के प्रोफेसर कर्नल वीके मिश्रा ने बताया कि वे अपने कॉलेज में पार्थिव देह को प्रथम गुरु के रूप में सम्मानित करते हैं और विद्यार्थियों द्वारा पार्थिव देह के रखरखाव के लिए शपथ भी ली जाती है।
श्री कमल खुराना, महामंत्री दधीचि देहदान समिति, नई दिल्ली ने समिति की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और सभी दानी परिवारों का आभार व्यक्त किया ।
फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर पंकज कुमार हंस ने अपने विद्यार्थी जीवन में पार्थिव देह पर काम करने के अनुभव को सबके साथ साझा किया।
इस मौके पर डॉक्टर दुर्गा सिन्हा द्वारा एक मार्मिक और प्रेरक कविता का पाठ किया गया।
श्री राजीव गोयल, संयोजक, फरीदाबाद ने सभी आए हुए महानुभावों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। उत्सव संयोजन व मंच संचालन श्री विकास भाटिया और श्रीमती अर्चना गोयल ने प्रभावी और सहज ढंग से किया। कार्यक्रम का समापन "सर्वे भवंतु सुखिनः" और राष्ट्रगान के साथ हुआ ।
समिति के सदस्यों में श्री गुलशन भाटिया, श्री हनीश भाटिया,श्री नरेंद्र बंसल, श्रीमती सुनीता बंसल, श्री संजीव गुप्ता, श्री सुरेंद्र कुमार, श्री अजीत अग्रवाल, श्रीमती इंदु बाला, श्रीमती मंजू प्रभा,श्री आशीष और श्री बीआर सिंगला के अथक प्रयास और जे. सी .बोस यूनिवर्सिटी के छात्रों और स्टाफ के सहयोग से यह कार्यक्रम व्यवस्थित रूप से सफल हुआ।