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Vol. 21
अध्यक्ष की कलम से
’’उत्सव विशेषांक’’

यह हमारा उत्सव विशेषांक है। बहुत आनंद हो रहा है कि इस अंक में हम मार्च 2018 से अप्रैल 2018 तक सम्पन्न हुए अपने पांच उत्सवों का संकलन कर रहे हैं। आज से दो दशक पूर्व हमारे संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक श्री आलोक कुमार ने दधीचि देहदान समिति नामक जो एक बीज बोया, वह अब 20 वर्ष का युवा हो गया है। यह वृक्ष पल्लवित हुआ है। साधारणतः हम प्रतिवर्ष एक उत्सव किया करते थे। पिछले 3 वर्षों में समिति के कार्य का बहुत विस्तार हुआ है। विशेष रूप सेे उल्लेखनीय है भौगोलिक दृष्टि से आठ क्षेत्रों का गठन होना। इनमें छह दिल्ली में, एक गाज़ियाबाद एवं एक फरीदाबाद में। परिणाम स्वरूप गत वर्ष संकल्पकर्ताओं की सूची 1600 के लगभग पहुंच गई। एक वर्ष में अबतक की यह सबसे बड़ी संख्या है। पहले यह संख्या लगभग 250 रहती थी, अतः वर्ष में एक उत्सव होता था।

मई 2017 से अप्रैल 2018 तक हमारी समिति के माध्यम से सरकारी मेडिकल काॅलेजों में 28 देहदान हुए। इसी वर्ष में 59 लोगों के नेत्र दान और एक महानुभाव का त्वचा दान भी हुआ। परिवार के सदस्यों का मन बदल जाए तो अलग बात है, अन्यथा फोन आने पर दान हो जानेवाली संख्या शत-प्रतिशत रहती है। इसमें हमारी समिति की टीम का समर्पण व मेडिकल काॅलेजों-दोनों का ही सहयोग प्रशंसनीय है।
इस वर्ष जनवरी की पदाधिकारियों की बैठक में यह तय किया गया कि प्रत्येक क्षेत्र अपना-अपना पृथक उत्सव करे और वह 15 मार्च से 15 मई 2018 तक सम्पन्न हों। प्रारम्भ में यह विचार थोड़ा मुश्किल लग रहा था, पर योग्य, कर्मठ, लगनशील दधीचि टीम ने यह सम्भव कर दिखाया। मैं सभी क्षेत्र के संयोजकों एवं उनकी टोली को बहुत बधाई देता हूं। सुखद बात यह भी रही कि हमारी केन्द्रीय टोली ने अपने कुशल मार्गदर्शन से सभी उत्सवों में सहभागिता कर उन्हें सफल बनाने में सहायता की। आलोकजी की यही सोच रही कि सभी कार्यकर्ताओं की क्षमता एवं गुणों का विकास होना चाहिए, तभी समिति के कार्य का विस्तार भी होगा एवं सर्वस्पर्शी भी होगा। इसी दूरदर्शिता का परिणाम है कि आज पूरी दिल्ली व एनसीआर में अनुभवी व सक्षम नेतृत्व खड़ा हो रहा है।

मुझे भी चार उत्सवों में सहभागिता करने का अवसर मिला। यह बहुत सुखद बात है कि देहदान, अंगदान आन्दोलन सभी वर्ग, समुदाय एवं धर्मों में अपना स्थान बना रहा है। 15 अप्रैल, 2018 को पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उत्सव में श्री मोइन अख़्तर अन्सारी ने न केवल हमारा स्वागताध्यक्ष बनना स्वीकार किया, परन्तु अपनी देह एवं अंगदान का भी संकल्प लिया। अब विश्वास है कि प्रभुकृपा से हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वस्थ-सबल भारत के स्वप्न में हमारी समिति का भी अंशदान होने लगा है।
अंत में आप से भी निवेदन है कि इस स्वप्न को साकार करने के लिए आप में से प्रत्येक व्यक्ति कम से कम तीन लोगों को इस दान के लिए प्रेरित करें और उन से कहें कि वह आगे तीन और लोगों को प्रेरित करें। इस तरह कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए हम स्वस्थ-सबल भारत के निर्माण की ओर आगे बढ़ते चलें।

हर्ष मल्होत्रा

We invite you to join in this Noble Mission.
मंगल मिलन की बेला :
द्वारका, सेक्टर 13
3 मई 2018...
देहदानियों का 29वां उत्सव :
पश्चिमी दिल्ली
11 मार्च 2018...
देहदानियों का 30वाँ उत्सव :
ग़ाज़ियाबाद
8 अप्रैल, 2018...
देहदानियों का 31वां उत्सव :
पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी दिल्ली
14 अप्रैल, 2018...
देहदानियों का 32वाँ उत्सव :
फरीदाबाद
22 अप्रैल 2018...
देहदानियों का 33वां उत्सव :
साउथ दिल्ली
22 अप्रैल 2018...
लेख :
विनोद अग्रवाल
देह दानियों का उत्सव- एक परिकल्पना या आवश्यकता...
संपादक को पत्र :
डॉ. विशाल चड्ढा, एम. डी.
आज 22/ 4/ 18 रविवार, दधीचि देह दान समिति के लिए बहुत ही हर्ष ...
दधीचि देह दान समिति गतिविधियाँ
गतिविधियाँ,
आज 22/ 4/ 18 रविवार, ...
श्रद्धा सुमन
दधीचि देह दान समिति के दधीचियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि...