भारत त्योहारों का एक देश है। भारतीय संस्कृति बहुत सम्पन्न एवं वैज्ञानिक संस्कृति मानी गई है - पौराणिक समय में भी और आज भी। हमारे त्योहार हमें कुछ न कुछ सामाजिक व पारिवारिक संस्कार प्रदान करते हैं और ये संस्कार ही हमें विश्व की अन्य संस्कृतियों में प्रथम स्थान दिलाते हैं। इन्हीं संस्कारों के कारण समाज में प्रेम, भाईचारा एवं किसी अन्य के प्रति, जिसको आप जानते भी न हों, कुछ करने की प्रेरणा मिलती रहती है।
ऐसा ही एक उदाहरण स्वर्गीय श्री मांगे राम गर्ग का है। महर्षि दधीचि से प्रेरणा लेकर हमारी दधीचि देह दान समिति के इन वरिष्ठ साथी का मरणोपरांत देह दान हुआ। उन्होंने न केवल अपने परिवार अपितु पूरे समाज को भारतीय संस्कृति के अपरम्पार दान की महिमा से पुनः अवगत कराया।
श्री मांगे राम अपने सामाजिक व धार्मिक कार्यों के लिए जाने जाते थे। युवा अवस्था में ही समाज के लिए कुछ करने की भावना उनके मन में समा गई। शुरुआत में समालखा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को गर्मी में पानी पिलाने का काम अपने जिम्मे लिया। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े होने के कारण दिल्ली आने पर विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से युवा वर्ग में संस्कार देने का कार्य करते रहे। पीतमपुरा, दिल्ली की सबसे बड़ी रामलीला कमेटी के वर्षों अध्यक्ष रहे और उसी समिति के तत्वावधान में प्रति वर्ष गरीब कन्याओं का विवाह करवाते थे। धर्म यात्रा महासंघ की स्थापना की, जिससे तीर्थ यात्रियों - विशेष रूप से श्री कैलाश मानसरोवर के यात्रियों - को सुविधा मिल सके। ऐसा करके उन्होंने अपने जीवन काल में लाखों लोगों को तीर्थ यात्रा का आनन्द लेने में अपना योगदान किया।
राजनीतिक क्षेत्र में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। दिल्ली की विधान सभा में विधायक रहे और एक आदर्श राजनीतिज्ञ का दायित्व निभाया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी से दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रह कर पार्टी को एक नई दिशा दिखाई।
दधीचि देह दान समित से उनका जुड़ाव लगभग 20 वर्ष रहा। समिति में अभिभावक की तरह हमारा मार्गदर्शन करते थे। हमारा यह जन-आन्दोलन जनता की स्वीकार्यता प्राप्त करे - इसके प्रति निरंतर चिंतन करते थे। इसके साथ उनकी यह भी चिन्ता थी कि उनका देह दान का संकल्प कहीं व्यर्थ न हो जाए । अंतिम समय से लगभग एक माह पूर्व, जब वह बीमार पड़े, तब भी उन्होंने अपने परिवार को अपने देह दान के संकल्प की याद दिलाई। उन्होंने परिवार से कहा कि उनका संकल्प पूरा होना चाहिए। यह उनकी समाज के लिए प्रतिबद्धता और उनके संस्कारों की दृढ़ता को दर्शाता है।
श्री मांगे राम की इच्छा का सम्मान करते हुए, 21 जुलाई 2019 को उनकी पार्थिव देह लेडी हार्डिंग मेडिकल काॅलेज में दान की गई। उनकी मृत देह पर पढ़ाई करके योग्य डाॅक्टर, निश्चित रूप से आने वाले समय में, स्वस्थ-सबल भारत के निर्माण में अपना योगदान करेंगे।
श्री मांगे राम के देश व समाज के प्रति समर्पण को समिति प्रणाम करती है व एक नए निश्चय और प्रण के साथ अपने कार्य के प्रति वचनबद्धता का पुनः संकल्प लेती है। दाधीच श्री मांगे राम गर्ग को समिति का प्रणाम।
हर्ष मल्होत्रा