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Vol. 22
अध्यक्ष की कलम से
’’हमारे संरक्षक श्री आलोक कुमार हुए विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष’’

हर्ष का विषय है कि ईश्वर की कृपा से दो माह पूर्व विश्व हिन्दू परिषद के अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष के नाते, दधीचि देह दान समिति के संरक्षक श्री आलोक कुमार को नई ज़िम्मेदारी मिली है। दधीचि परिवार स्वयं को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा है। हमें ऐसा लगा कि हमारा व्याप भी वैश्विक-सा हो रहा है। आलोक जी अक्सर इंगित करते हैं कि विश्व भर में देह दान/अंग दान के कार्य में लगी संस्थाओं की कार्यशैली को देखना व समझना चाहिए। इस नए दायित्व के साथ जब वह आगे बढ़ेंगे तो स्वाभाविक है कि हमारी समिति का कार्य क्षेत्र भी प्रशस्त होगा।

दधीचि देह दान समिति आज दिल्ली एवं एनसीआर में ही नहीं अपितु पूरे भारत में देह दान/अंग दान के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्था बन गई है। देह दान के बारे में ध्यान आते ही जनता दधीचि देह दान समिति को ढूंढती है। और तो और, आप गूगल पर देह दान टाईप करेंगे तो सबसे पहले दधीचि देह दान समिति ही आती है।

लगभग 20 वर्ष पूर्व दिल्ली विधान सभा के तत्कालीन उप-सभापति श्री आलोक कुमार ने अपने कुछ युवा मित्रों के साथ इस कार्य की नींव डाली। समाज एवं मानवता के लिए कुछ अलग करने का जज़्बा मन में था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में 6 वर्ष प्रचारक रहने के बाद विधायक निर्वाचित हुए थे। देशभक्ति और समाज सेवा के संस्कार व्यक्तित्व में थे, सोचा इस नश्वर शरीर को पंचतत्वों में ही मिल जाना है, देह दान एवं अंग दान के संकल्प के बाद तो आत्मा शुद्ध है, नित्य है, इस समझ के साथ परमात्मा से समीपता और बढ़ जाती है...... ऐसे ही कुछ विचारों को लेकर आलोक जी निरन्तर देह दान/अंग दान की इस यात्रा में आगे बढ़ते गए। समाज एवं सरकारों का सहयोग इस पुण्य कार्य में मिलता रहा। आज नेत्र दान के लिए समाज में अधिकांश वर्ग के मन में कोई संकोच नहीं दिखता है। इसका बहुत कुछ श्रेय समिति को भी जाता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लगभग 4 वर्ष पूर्व आलोक जी को दिल्ली प्रान्त के सह संघचालक के नाते ज़िम्मेदारी दी तो आलोक जी को लगा कि अधिक व्यस्तता के कारण कहीं समिति के काम में कमी न आ जाए, इसलिए पिछले वर्ष (2017 में) अध्यक्ष पद से स्वयं को मुक्त किया और अपने महामंत्री यानी मुझे अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंपी। पूरी टोली को लग रहा था कि इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी हम सब मिल कर भी कैसे निभा पाएंगे, इस पर आलोक जी ने अभिभावक एवं संरक्षक के नाते हम सबका मार्गदर्शन करना भी स्वीकार किया।

समिति के कार्य व कार्यकर्ताओं की चिन्ता करना तो आलोक जी का स्वभाव ही है। वह आज भी बहुत सहजता एवं तत्परता के साथ देह दान एवं अंग दान के कार्य की चिन्ता करते हैं। जून 2018 में आलोक जी कनाडा गए थे। 12 साल की मुस्कान, जिसका 5 साल पहले दिल का प्रत्यारोपण हुआ था, उसके परिवार से मिल कर तथ्यपरक जानकारियां लेने की उनकी इच्छा हुई। प्रयासपूर्वक आधे घन्टे का समय तय हुआ। इस विषय की चर्चा इतनी सहजता से हुई कि यह मीटिंग 2 घन्टे चली। 15 दिन के पारिवारिक कार्यक्रम में जाने पर भी इस तरह की जानकारियों को एकत्रित करते रहना, आलोक जी व उनकी पत्नी श्रीमती मन्जू प्रभा की इस विषय के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाता है।

हमें पूर्ण विश्वास है कि देश भर में राष्ट्रहित के लिए हिन्दू समाज को संगठित करने के साथ देह दान एवं अंग दान आन्दोलन के लिए भी हमें श्री आलोक का मार्ग दर्शन मिलता रहेगा।

प्रभु आलोक जी को इस पुण्य कार्य को सफलता पूर्वक करने के लिए भरपूर शक्ति एवं अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें, ऐसी समिति परिवार के हम सभी सदस्यों की शुभकामनाएं हैं।

हर्ष मल्होत्रा

We invite you to join in this Noble Mission.
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